नाम- चंद्राणी मुर्मू. उम्र- 25 साल 11 महीने. इंजीनियरिंग ग्रेजुएट. वे देश के लाखों स्टूडेंट की तरह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं. लेकिन किस्मत ने पलटी मारी और वो 17वीं लोकसभा ही नहीं, देश की सबसे कम उम्र की महिला सांसद बन गईं.
ओडिशा के आदिवासी बाहुल क्योंझर सीट से बीजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मुर्मू ने दो बार के बीजेपी सांसद अनंत नायक को हराया है. मुर्मू ने इस बार 66,203 वोटों से जीत हासिल की है.
'कभी सोचा नहीं था राजनीति में आऊंगी'
16 जुलाई को चंद्राणी मुर्मू अपना 26वां जन्मदिन मनाएंगी. चंद्राणी ने 2017 में भुवनेश्वर के आईटीईआर कॉलेज से बीटेक किया है. बीटेक के बाद वो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं. इसी दौरान बीजेडी अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2019 लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की तरफ से 33 फीसदी महिलाओं को लोकसभा का टिकट देने की घोषणा की.
इसके बाद से ही बीजेडी क्योंझर (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर ऐसे महिला उम्मीदवार की तलाश कर रही थी, जो ज्यादा पढ़ी-लिखी हो.
मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो 33 फीसदी महिलों को टिकट की खबर सुनने के बाद चंद्राणी के चाचा हरमोहन सोरेन ने उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था, तब चंद्राणी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
हरमोहन ने चंद्राणी को लेकर बीजेडी नेताओं से संपर्क किया, जिसके बाद अचानक एक अप्रैल को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के ऑफिस से मैसेज मिला कि चंद्राणी का टिकट फाइनल हो गया है.
मीडिया से बता करते हुए चन्द्राणी ने कहा:
मैं अपनी इंजीनियरिंग पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थी. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूंगी और सांसद बनूंगी.
अश्लील कैंपेन से लेकर झूठे आरोपों का करना पड़ा सामना
बता दें कि चंद्राणी के चुनाव प्रचार के दौरान उन पर कई तरह के आरोप लगे. पहले उनके पिता के नाम में कुछ बदलाव को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग के सामने आवाज उठाई. लेकिन बीजेपी को इसका फायदा नहीं मिला. इसके बाद सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो पर मुर्मू की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गयी. हालांकि इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई.
'द इंडियन एक्सप्रेस' से चुनावी प्रचार के दौरान बात करते हुए मुर्मू कहती हैं:
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे खिलाफ इस तरह का अभद्र अभियान चलाया जायेगा. किसी भी महिला का इस तरह अपमान नहीं करना चाहिए.
नाना हरिहर सोरेन रहे हैं सांसद
बता दें कि चंद्राणी मुर्मू के नाना हरिहर सोरेन 1980-1989 तक दो बार कांग्रेस से सांसद रहे. लेकिन उनके बाद परिवार से कोई भी चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहा.
2014 में दुष्यंत चौटाला थे सबसे कम उम्र के सांसद
इससे पहले इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे. उन्हें 2014 में हिसार लोकसभा सीट से 26 साल की उम्र में चुना गया था.
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