क्रिकेट में कई मौकों पर बहुत सारी बातों की आसानी से व्याख्या के लिए आपके पास कोई तर्क नहीं होता है. मसलन, कोई खिलाड़ी (वीवीएस लक्ष्मण और ऑस्ट्रेलिया) किसी खास टीम के खिलाफ लगातार अच्छा क्यों करता है, कोई टीम एक खास टीम के खिलाफ अपना संयम क्यों खो देती है (इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर एशेज मुकाबले), कोई टीम (साउथ अफ्रीका) पूरे टूर्नामेंट में अक्सर अच्छा खेल दिखाने के बाद निर्णायक लम्हों में चूक क्यों जाती है? बात जब आईपीएल की हो तो ऐसी ही विचित्र अपवाद वाली कड़ी में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का नाम जुड़ जाता है.
रोहित का कोलकाता ‘प्यार’
यूं तो रोहित हैं मुंबई के हैं. वहीं क्रिकेट खेली और क्लब क्रिकेट से लेकर रणजी ट्रॉफी में भी मुंबई का ही प्रतिनिधित्व किया. लेकिन, भारत में उनका पसंदीदा मैदान मुंबई का वानखेडे स्टेडियम ना होकर कोलकाता का इडेन गार्डेन्स है.
आईपीएल में तो ऐसा लगता है कि अगर आपने रोहित के कानों में सिर्फ कोलकाता का ही जिक्र किया तो नाइट राइडर्स के खिलाफ डॉन ब्रैडमैन बन जाते हैं!
- टेस्ट करियर की शुरुआत में कोलकाता में 177 रन की पारी.
- उनका टेस्ट औसत कोलकाता में 70 से ज्यादा का है जो उनके करियर औसत से लगभग 25 अधिक है.
- वन-डे क्रिकेट में रोहित की महानता पर जब भी कोई किताब लिखी जाएगी तो उसका पहला अध्याय कोलकाता में उनकी 264 रनों की ऐतिहासक पारी से ही शायद शुरू होगा.
- कोलकाता में रोहित का वन-डे मैचों में औसत टेस्ट के मुकाबले डबल यानि 135 से ऊपर का है.
वैसे, कोलकाता में रोहित ने सिर्फ दो टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और उसमें बहुत ज्यादा कामयाब नहीं रहे है. और शायद इसलिए इसका गुस्सा वो कोलकाता नाइट राइडर्स पर आईपीएल मैचों में उतारते हैं. उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि मैच कोलकाता में हो रहा है या मुंबई में या फिर यूएई में. अगर कोई मुंबई इंडियंस के कप्तान को ये कहे कि वो कोलकाता का आक्रमण का सामना रोज करें तो शायद वो तैयार भी हो जाएं! और हों भी क्यों ना?
एक टीम विशेष के खिलाफ किसी एक खिलाड़ी विशेष ने आईपीएल के इतिहास में करीब 1000 रन नहीं बनाए हैं जैसा कि रोहित ने कोलकाता के खिलाफ ( 904 रन और करीब 135 का स्ट्राइक रेट और लगभग 48 का औसत) किया है.
अगर कोलकाता को जरा भी ये लगा होगा कि हो सकता है कि रोहित के खिलाफ उनका संघर्ष आईपीएल में यूएई में होने से बदलेगा तो उन्होंने पहले ही मैच में सिर्फ 54 गेंदों पर 80 रन की मैच-जीताने वाली पारी खेलकर उनकी कोई भी गलतफहमी दूर कर दी!
26 में से 20 मैच जीती है मुंबई
वैसे, कोलकाता और दिनेश कार्तिक के लिए शुक्रवार के मैच में समस्या सिर्फ रोहित और पहले मैच में हार से उबरने की नहीं है. मुंबई के खिलाफ तो ना जाने उनके खिलाड़ियों को सांप सूंघ जाता है. नहीं तो भला 26 मैचों में 20 मैच कोई भी टीम किसी दूसरे टीम के खिलाफ ना हारी है और ना हारती है. पिछले 11 मैचों में तो हाल और बुरा है जहां पर बस गिनती के नाम पर 1 जीत दर्ज हुई है और ऐसे में IPL 2020 में अपनी लगातार 5वीं जीत हासिल करने के रास्ते में अगर मुबंई और रोहित एक टीम से भिड़ने का इंतजार कर रहे होंगे तो वो कोलकाता ही होगी!
(20 साल से अधिक समय से क्रिकेट कवर करने वाले लेखक की सचिन तेंदुलकर पर पुस्तक ‘क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी’ बेस्ट सेलर रही है. ट्विटर पर @Vimalwa पर आप उनसे संपर्क कर सकते हैं.)
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