बुलंदशहर में कथित गौकशी को लेकर फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या मामले में आरोपी फौजी जीतू ने कुबूल किया है कि वह मौके पर मौजूद था. यूपी एसटीएफ के एसएसपी के मुताबिक जीतू ने माना है कि जब भीड़ जुटनी शुरू हुई तो वह भी वहां मौजूद था.
एसटीएफ का कहना है कि जीतू फौजी ने खुद इस बात को मान लिया है कि वह घटनास्थल पर मौजूद था. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि इंस्पेक्टर और सुमित को गोली किसने मारी है. आरोपी ने बताया कि वह गांव के लोगों के साथ मौके पर पहुंचा था. लेकिन उसने कहा है कि पुलिस पर पत्थर फेंकने में उसका हाथ नहीं था. पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजा दिया.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव इलाके में कथित गोकशी के शक में 3 दिसंबर को हिंसा शुरू हो गई. भीड़ ने पुलिस पर पत्थरों से हमला किया, साथ ही गोलियां भी चलीं. जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई.
रात 12.50 पर सौंपा आर्मी ने
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने आधिकारिक तौर पर बताया कि हमने आरोपी जितेंद्र मलिक (जीतू) को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया, रात करीब 12.50 पर आर्मी ने अपने जवान को हमारे हवाले किया. आरोपी से शुरुआती पूछताछ कर ली गई है. इसके बाद उसे बुलंदशहर ले जाया जा रहा है. यहां आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा.
कैसे आया था जीतू का नाम
बता दें कि बुलंदशहर में फैली हिंसा में लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया था. इसके कुछ ही देर बाद कुछ लोगों ने गोलियां भी चलाईं. जिसमें एक युवक सुमित और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी गई. इस मामले में योगेश नाम के युवक को मुख्य आरोपी बनाया गया था. लेकिन बाद में पुलिस ने एक वीडियो के आधार पर जितेंद्र मलिक नाम के युवक की पहचान की. जिसमें बताया गया कि हिंसा के दौरान जितेंद्र इंस्पेक्टर के काफी करीब नजर आए हैं. इसीलिए पुलिस को शक है कि जीतू ने ही इंस्पेक्टर पर गोली चलाई.
सीएम ने की थी परिवार से मुलाकात
बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी. योगी आदित्यनाथ ने सुबोध कुमार के परिवार को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था. जिसमें उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने की बात कही.
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