मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में दशहरा के लिए बनने वाले रावण के पुतले के निर्माण से लेकर दहन तक की प्रक्रिया में सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिलता है. एक मुस्लिम परिवार पुतले का निर्माण करता है, तो हिंदू समाज के लोग दशहरे पर उसका दहन करते हैं. वहीं पंजाबी परिषद पुतले का निर्माण करवाता है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 300 किमी दूर है शिवपुरी जिला. यहां के सिद्घेश्वर मैदान में हर साल दशहरा उत्सव का आयोजन पंजाबी परिषद द्वारा किया जाता है, जिसमें रावण के पुतले का दहन किया जाता है.
पुतले के निर्माण की जिम्मेदारी हमेशा मुस्लिम परिवार निभाता है. इसलिए यह कार्यक्रम अब हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन गया है.
मुस्लिम परिवार पिछले डेढ़ दशक से रावण के पुतले का निर्माण करता आ रहा है. इस पुतले को बनाने को लेकर मुस्लिम परिवार भी उत्साहित होता है और इसके लगभग सभी सदस्यों का इसमें योगदान रहता है. परिवार के सभी सदस्य लगभग 20 दिनों तक पुतला निर्माण में लगे रहते हैं.
रावण के पुतले का निर्माण करने वाले अबरार खान ने बताया, ‘हमारा पूरा परिवार रावण के पुतले का निर्माण करता है. हमारे उस्ताद आजाद खान के नेतृत्व में इस पुतले का निर्माण होता है. हम काफी सालों से इसका निर्माण करते आ रहे हैं.’
दशहरा उत्सव का आयोजन करने वाले पंजाबी परिषद के सचिव संजय ढींगरा ने बताया कि उनके पूर्वज कई सालों से शिवपुरी में रावण के पुतले के दहन के लिए पुतले का निर्माण मुस्लिम परिवार से कराते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम परिवार भी पूरे जोश और उत्साह के साथ रावण के पुतले को बनाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)