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राफेल स्टोरी पर नहीं चाहिए निर्मला सीतारमण से सर्टिफिकेटः एन राम

राफेल पर रिपोर्ट को खारिज करने पर द हिंदू ग्रुप के चेयरमैन ने दी प्रतिक्रिया

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राफेल डील विवाद को ‘द हिंदू’ में छपी रिपोर्ट ने नई हवा दे दी है. इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं. वहीं सरकार रक्षा मंत्रालय के कथित ‘नोट’ पर सफाई देती फिर रही है. विपक्ष के तेज होते हमलों के बीच रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को लोकसभा में इसका जवाब देना पड़ा. राफेल डील को लेकर द हिंदू की रिपोर्ट को रक्षा मंत्री ने सिरे से खारिज किया है.

रक्षा मंत्री के रिपोर्ट को खारिज करने पर ‘द हिंदू’ के चेयरमैन और इस रिपोर्ट के जरिए राफेल मामले में नया खुलासा करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने कहा है कि उन्हें निर्मला सीतारमण से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि अब वे (सरकार) मुसीबत में हैं और पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं.

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‘पर्रिकर की भूमिका की अलग से होनी चाहिए जांच’

द हिंदू ग्रुप के चेयरमैन एन. राम ने राफेल डील पर सामने आई चिट्ठी को लेकर कहा, "मनोहर पर्रिकर की भूमिका की जांच अलग से होनी चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि उनसे इस बारे में पूछा गया था या नहीं. उन्‍होंने सफाई दी है कि वो बातचीत से जुड़े हुए थे. लेकिन वह कोई स्‍टैंड नहीं ले रहे हैं."

डील पर समानांतर बातचीत कर रहा था पीएमओ

एन. राम ने कहा, "मनोहर पर्रिकर ने ऐसा नहीं कहा कि वे मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पीएमओ और फ्रेंच राष्‍ट्रपति का ऑफिस मॉनिटरिंग कर रहे थे. यह मॉनिटरिंग नहीं होती, इसे डील पर बातचीत करने वाली भारतीय टीम के पीछे से समानांतर बातचीत करना कहा जाएगा."

राफेल डील पर पीएम मोदी के असहमति नोट पर प्रतिक्रिया देते हुए हिन्‍दू ग्रुप के चेयरमैन एन राम ने कहा, "स्‍टोरी अपने आप में पूरी है क्‍योंकि हमने इसमें मनोहर पर्रिकर की भूमिका की बात नहीं की है और इसके लिए जांच की जरूरत है."

‘निर्मला सीतारमण उसे बचा रहीं हैं, जिसे बचाया नहीं जा सकता’

एन राम ने कहा, "मुझे निर्मला सीतारमण से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. अब वे मुसीबत में हैं और पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. उनको मेरी यही सलाह है, आप लेन-देन में शामिल नहीं हैं, आप उसे बचाने का बोझ अपने ऊपर क्‍यों ले रही हैं जिसे बचाया नहीं जा सकता.”

द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है?

‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और फ्रांस के बीच हुए 59,000 करोड़ रुपये के राफेल सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के ‘समानांतर बातचीत’ करने पर रक्षा मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

रिपोर्ट का हवाला देकर राहुल ने सरकार पर साधा निशाना

राफेल मामले में छपी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस विमान सौदे को लेकर मोदी ने फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत की और उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए.

राहुल ने कहा कि अब स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है. कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के बाद बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया.

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