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अमृतसर रेल हादसे में मर गया ‘रावण’, अब कैसे होगी रामलीला...

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा

Published
भारत
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अमृतसर ट्रेन हादसे में मारे गए 60 लोगों में रामलीला में रावण का किरदार करने वाले दलबीर सिंह भी थे. जो शुक्रवार को बाकियों के साथ ट्रेन की चपेट में आ गए.

हादसे से 24 घंटे पहले ही उन्हें रामलीला में परफोर्म करते देखा गया था, उनकी परफोर्मेंस पर लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाई थीं.

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जिन लोगों ने अपने दोस्तों और परिवारवालों को खोया, उन्होंने क्विंट से बात करते हुए कहा कि 19 अक्टूबर का दिन उनके लिए काला दिवस है.

इसी दुख में दलबीर की मां स्वर्ण कौर भी शामिल हैं, जो आंसुओं में डूबी रहीं. उन्होंने रिपोर्टर को दलबीर सिंह की आठ महीने की बच्ची की तरफ इशारा करके कहा, ''उसकी तरफ देखो, उसका नाम परी है. जब वो बड़ी होगी उसको कौन बताएगा कि उसके पापा के साथ क्या हुआ?'' ये कहते हुए वो दोबारा आंसुओं के सागर में डूब गईं.

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    हर कोई मातम की लहर में डूबा है(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)
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    स्वर्ण कौर के घर में दुख की घड़ी में आए पड़ोसी(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

परी कमरे के दाहिने तरफ अपनी मां नवप्रीत कौर की गोद में बैठी है. जब स्वर्ण कौर परी के बारे में बात करती हैं तो नवप्रीत की आंखें नम हो जाती है.

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
परी को कुछ नहीं पता कि उसके आस पास क्या हो रहा है
(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

नवप्रीत और दलबीर की शादी को दो साल होने वाले थे. उनकी शादी की दूसरी सालगिराह दिसंबर में होनी थी. अपनी आखिरी छोटी सी बात को याद करते हुए नवप्रीत बताती हैं, ''दलीबर ने कहा कि उसके दोस्त बुला रहे थे तो वो दशहरा देखने के लिए नीचे जा रहे हैं. मैंने कहा ठीक है.''

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
दिसंबर में दलबीर और नवप्रीत की दूसरी सालगिराह होने वाली थी
(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

दलबीर को गुग्गी के नाम से जाना जाता है. रिपोर्टर को परफोर्मेंस से ठीक पहले की फोटो दिखाते हुए स्वर्ण कहती हैं, ''गुग्गी... मेरा बेटा... साल भर इस समय का इंतजार करता था. वो पहले से प्रैक्टिस भी करना शुरू कर देता था.''

चेहरे हल्की से मुस्कान लाते हुए दलबीर के बड़े भाई बलबीर कहते हैं, ''पूरा परिवार उसे साल के इस समय में सबसे ज्यादा याद करेगा, क्योंकि ये उसके मनपसंदीदा त्योहारों में से एक था.''

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
रामलीला में रावण बनने के बाद ऐसे नजर आए थे दलबीर
(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

वो रामलीला के लिए चंदा इक्ट्ठा करने जाते थे. साथ ही लोगों को साथ आने और रामलीला को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित भी करते थे. बलबीर कहते हैं, ''वो इस तरह के काम में हमेशा आगे रहता था.''

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
जोड़ा फाटक में इसी जगह रामलीला का स्टेज लगा था
(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

जब पूछा गया कि क्या स्थानीय लोग अगली बार फिर रामलीला करेंगे तो बलबीर को इसके लिए यकीन नहीं था. उन्होंने क्विंट को बताया, ''हमारी टीम इसके बारे में सोचेगी. लोगों की राय ली जाएगी लेकिन ये ज्यादा मुमकिन है कि हम ये सेलीब्रेट करना छोड़ दें.''

जिस गली में गुग्गी रहते थे उनको शरीर को लोग अंतिम संस्कार के लिए ले जाने को इक्टठा होते हैं. जो घायल हैं उनसे मिलने लोग अस्पताल में जा रहे हैं. हर गली में किसी न किसी ने किसी को खोया है. इनमें से तमाम लोगों को यही कहना था कि वो अगली बार से दशहरा नहीं मनाएंगे.

दलीबर के 37 साल के पड़ोसी विशाल आनंद ने बताया कि सबका एक साथ ऐसा नजरिया क्यों बन रहा है, ''गुग्गी एक अच्छा इंसान था, जो सबकी मदद करता था. जो हुआ है वो काफी बड़ा है. इस सब से उबरने के लिए हमें काफी वक्त लगने वाला है. बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया है और कुछ तो अभी भी उनकी खोज में हैं. एक चीज तो साफ है कि अब यहां दशहरा नहीं मनाया जाएगा.''

दशहरा के दिन अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुआ था बड़ा ट्रेन हादसा
दाईं तरफ नीली जींस में बलबीर हैं, जिन्होंने दलबीर का अंतिम संस्कार किया
(फोटो: Aishwarya S Iyer/The Quint)

बलबीर की अगुवाई में गुग्गी के शरीर को शहीदा साहिब ले जाया जाता है. वो अपने आंसू नहीं छिपा सकता. वो कहते हैं, ''हम इस सबसे खुद कैसे निपटेंगे. सरकार को हमारी मदद करनी होगी. हम चाहते हैं कि उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिले ताकि वो अपना और परी का खयाल कर सकें.''

जोड़ा फाटक अपनों की मौत के बाद दर्द में डूबा है. अब यहां कि रामलीला पहली जैसी नहीं रहेगी क्योंकि उन्होंने अपने स्टार कलाकार को खोया है, अपने गुग्गी को खोया है. जिसकी वजह से लोग आपस में मिलजुलकर रहते थे.

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