कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बेचैनी कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने द्विपक्षीय बातचीत को लेकर एक बयान दिया है. कुरैशी ने कहा है कि हमने कभी भी बातचीत के लिए इनकार नहीं किया. इसके अलावा उन्होंने कश्मीरी नेताओं की रिहाई की भी बात कही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत ने कभी भी बातचीत का माहौल नहीं बनाया.
पाकिस्तान लगातार कश्मीर को लेकर बयानबाजी करता आया है. पाक ने सभी देशों से गुहार लगाने और हताश होने के बाद अब बातचीत का रास्ता चुना है. लेकिन इस बार भी कुरैशी ने तीसरे देश के शामिल होने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में तीसरा देश मध्यस्थता करे तो उन्हें खुशी होगी.
कश्मीरी नेताओं का जिक्र
महमूद कुरैशी ने अपने इस बयान में कश्मीरी नेताओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत जल्द कश्मीरी नेताओं को रिहा करे. उन्होंने कहा कि कश्मीरी नेताओं को नजरबंद से रिहा कर उन्हें बातचीत का मौका दिया जाए. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुरैशी ने कहा है कि अगर भारत चाहे तो वो कश्मीर पर बात करने के लिए तैयार हैं.
इमरान बोले नहीं होगी बातचीत
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने जहां बातचीत करने को लेकर बयान दिया है, वहीं इमरान खान ने ठीक इसके उलट कहा कि भारत से बातचीत नहीं होगी. इमरान खान ने कहा कि जब तक भारत कश्मीर पर फैसला वापस नहीं लेता है तब तक कोई भी बात नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने परिणाम भुगतने की भी धमकी दे दी. इमरान ने कहा, 'अगर दुनियाभर के देश कश्मीर को लेकर कुछ भी नहीं करते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं और दो परमाणु संपन्न देशों के बीच सैन्य युद्ध के भी हालात बन सकते हैं.'
कश्मीर पर मध्यस्थता की बात इमरान खान ने भी की है. इमरान ने कहा, कश्मीर पर बातचीत के लिए सभी पक्षकारों को शामिल होना चाहिए. लेकिन बातचीत तभी संभव है जब कश्मीर से कर्फ्यू और सेना को वापस बुलाया जाए.
पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अलग-थलग पड़ गया है. कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के बाद से ही पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने की खूब कोशिश की. लेकिन किसी भी देश ने उसकी नहीं सुनी. यूएन ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सीधे तौर पर मध्यस्थता से इनकार कर दिया है. लेकिन पाकिस्तान फिर भी चाहता है कि कोई तीसरा देश इस मुद्दे में मध्यस्थता करे.
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