विदेश मंत्रालय ने आज 21 सदस्यीय सलाहकार समिति को यूक्रेन (Ukraine) की स्थिति और वहां फंसे हुए भारतीय (Indians) नागरिकों, खासकर छात्रों को निकालने के लिए जारी प्रयासों के बारे में जानकारी दी है. यह बैठक विपक्ष की आलोचना के बीच हुई है क्योंकि विपक्ष ने लगातार इवेक्यूएशन और संयुक्त राष्ट्र (UN) में वोटिंग को लेकर सरकार पर हमला किया है.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बाद में संतोष व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "यह एक अच्छी बैठक थी. हम सभी एकजुट हैं." उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी "मजबूत और प्रयास करने का सर्वसम्मत संदेश" के बारे में ट्वीट किया.
21 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष एस जयशंकर हैं, जिन्होंने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ प्रेजेन्टेशन दी है. बैठक में छह राजनीतिक दलों के नौ सांसद शामिल हुए. इसमें शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल रहीं, जो यूक्रेन में भारतीय छात्रों की समस्याओं पर सरकार से सवाल करती रही हैं. वहीं कांग्रेस के राहुल गांधी और आनंद शर्मा भी मौजूद थे.
इसके अलावा शशि थरूर भी लगातार इवेक्यूएशन को लेकर आलोचक रहे हैं साथ ही साथ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ मतदान में भारत की अनुपस्थिति पर भी पार्टी लाइन से भटक कर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा है कि, "हमारा स्टैंड यह रहा है कि हम अन्य देशों पर आक्रमण और हिंसा और युद्ध के माध्यम से शासन परिवर्तन का समर्थन नहीं करते हैं. हमारे बहिष्कार के बाद कई लोगों ने खेद व्यक्त किया कि भारत ने खुद को 'इतिहास के गलत पक्ष' पर रखा था."
शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर का किया धन्यवाद
बैठक के बाद थरूर ने ट्वीट किया: "यूक्रेन पर आज सुबह विदेश मामलों की सलाहकार समिति की शानदार बैठक हुई. डॉ एस जयशंकर और उनके सहयोगियों का धन्यवाद उन्होंने हमारे सारे सवालों और चिंताओं का स्पष्ट जवाब दिया है. इसी भावना के साथ विदेश नीति चलाई जानी चाहिए."
थरूर ने आगे एक और ट्वीट कर लिखा, "(हमारे पास) कई सवाल थे. जिस पर विदेश मंत्रालय बात करेगा. यह एक अच्छी बैठक थी. हम सब एकजुट हैं."
उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बैठक को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "यूक्रेन के घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक अभी पूरी हुई. मुद्दे के रणनीतिक और मानवीय पहलुओं पर अच्छी चर्चा हुई. यूक्रेन से सभी भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों के समर्थन का यह मजबूत और सर्वसम्मत संदेश है."
उन्होंने आगे लिखा, संवाद और कूटनीति के महत्व पर राष्ट्रीय सहमति. सभी सदस्यों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)