ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की बैठक, जस्टिस जोसेफ पर फैसला टला 

जस्टिस जोसेफ के नाम पर फिर से विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक आज 

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने उत्तराखंड के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश पर पुनर्विचार पर फैसला टाल दिया है. सरकार ने जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश कॉलिजियम को लौटा दी थी.

कॉलिजियम के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के 5 सबसे वरिष्ठ जजों की बैठक हुई लेकिन इसमें जस्टिस जोसेफ के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हुआ. बैठक में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कोरियन जोसेफ के बीच 50 मिनट बैठक चली.

सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच तनातनी की वजह बने जोसेफ के नाम पर विचार को लेकर आज होने वाली बैठक बेहद अहम मानी जा रही थी. कॉलेजियम के कुछ सदस्य केंद्र की कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार ने कॉलेजियम के पास वापस भेजा था जोसेफ का नाम

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की महत्वपूर्ण बैठक में शीर्ष अदालत के जस्टिस के रूप में प्रमोशन के लिए उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ के नाम पर फिर से विचार होना है. पिछले सप्ताह सरकार ने जोसेफ के नाम को कॉलेजियम के पास वापस भेजा था.

सीजेआई दीपक मिश्र, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ वाला पांच सदस्यीय कॉलेजियम कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नति की सिफारिश से संबंधित फाइल वापस करते वक्त सीजेआई को भेजे गये पत्र पर विस्तृत चर्चा कर सकता है.

इंदु मल्होत्रा ले चुकी हैं पद की शपथ

10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोशन के लिए जस्टिस जोसेफ और वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा के नाम की सिफारिश की गई थी. सरकार ने 26 अप्रैल को कॉलेजियम की सिफारिश स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और जोसेफ के नाम पर फिर से विचार करने को कहा था.

मल्होत्रा ने 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली थी. कांग्रेस शासित उत्तराखंड में 2016 में राष्ट्रपति शासन लगाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को निरस्त करने वाली पीठ के प्रमुख न्यायमूर्ति केएम जोसेफ को केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत के लायक नहीं माना.

उत्तराखंड HC के मौजूदा चीफ जस्टिस हैं जोसेफ

केन्द्र का कहना है कि यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुरूप नहीं है और उच्चतर न्यायपालिका में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधत्व है. जोसेफ केरल से ही आते हैं. केन्द्र ने उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाया और कहा , ‘‘वह अखिल भारतीय आधार पर हाई कोर्ट के जजों की संयुक्त वरिष्ठता में 42 वें स्थान पर आते हैं.'' जस्टिस जोसेफ जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×