सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को सोमवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने का ऐलान किया था.
यह जनहित याचिका ‘इलाहाबाद हेरिटेज सोसायटी’ की ओर से दायर की गई है. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस बी. आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की एक पीठ ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया.
2018 में योगी सरकार ने किया था ऐलान
16 अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने का ऐलान किया था. इसके बाद इलाहाबाद का नाम आधिकारिक रूप से प्रयागराज हो गया. सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना था कि उन्होंने स्थानीय लोगों और साधु-संतों की मांग पर इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की घोषणा की थी. इसके बाद योगी सरकार की कैबिनेट ने प्रयागराज नाम पर मुहर लगाई थी.
कई पार्टियों ने किया था विरोध
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद का नाम बदलने का काफी विरोध किया था. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि इलाहाबाद का नाम बदलना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ होगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने भी पिछले साल एक जनवरी को इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने की मंजूरी दे दी थी.
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इलाहाबाद को प्रयागराज बनाना जनभावना है या UP सरकार की मनमर्जियां?
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