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CAB पर बोला बांग्लादेश- अमित शाह यहां आकर कुछ महीने गुजारें

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह पर साधा निशाना

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नागरिकता संशोधन विधेयक पर अब बांग्लादेश के विदेश मंत्री का एक बड़ा बयान आया है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मेमन ने कहा है कि उनके देश में सांप्रदायिक सौहार्द काफी अच्छा है. उन्होंने कहा कि वहां सभी धर्मों के नागरिकों को सम्मान दिया जाता है. अगर भारत के गृहमंत्री चाहें तो वो ये देखने के लिए कुछ महीने के लिए बांग्लादेश में रह सकते हैं.

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भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक सदन में पेश करते हुए कहा था कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जिन हिंदुओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ती है और वो भारत आए हैं तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक भारत की इसी दलील का जवाब देते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा-

“दुनिया में कुछ ही ऐसे देश हैं जहां सांप्रदायिक सौहार्द होता है, बांग्लादेश उन्हीं कुछ देशों में से एक है. अगर भारत के गृहमंत्री अमित शाह कुछ महीने बांग्लादेश में गुजारें तो वो हमारे देश के सांप्रदायिक सौहार्द को देख सकते हैं.”
एके अब्दुल मेमन, विदेश मंत्री बांग्लादेश

‘दोस्ती पर न पड़ने दें असर’

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत का जिक्र करते हुए कहा- "भारत की अपने देश में ही कई समस्याएं होंगी. उन्हें उन समस्याओं से लड़ने दीजिए. उससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. एक मित्र देश होने के नाते हमें उम्मीद है कि भारत कुछ भी ऐसा नहीं करेगा, जिससे हमारी दोस्ती पर असर पड़े."

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क्या है नागरिकता संशोधन बिल 2019?

यह बिल सिटिजनशिप एक्ट, 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. इस एक्ट के तहत कोई भी ऐसा व्यक्ति भारतीय नागरिकता हासिल कर सकता है जो भारत में जन्मा हो या जिसके माता/पिता भारतीय हों या फिर वह एक तय समय के लिए भारत में रहा हो. एक्ट में नागरिकता देने के और भी प्रावधान हैं. हालांकि यह एक्ट अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने से रोकता है.

नागरिकता संशोधन बिल 2019, 3 देशों से आए 6 धर्म के लोगों को इस प्रावधान में ढील देने की बात करता है. इस ढील के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई (इन धर्मों के अवैध प्रवासी तक) के लिए 11 साल वाली शर्त 5 साल कर दी गई है.

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