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आकाश से पहले पिता कैलाश विजयवर्गीय ने भी चलाया था अधिकारी पर जूता

कैलाश विजयवर्गीय ने लगभग ढाई दशक पहले एक अफसर पर जूता ताना था

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एक कहावत है 'बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्ला', जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता रखने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर के विजयवर्गीय परिवार पर सटीक बैठ रही है. ऐसा इसलिए, क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने लगभग ढाई दशक पहले एक अफसर पर जूता ताना था और अब उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के अफसरों पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया.

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इंदौर की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय की आक्रामक नेता की छवि रही है, उनसे जुड़े किस्से हमेशा चर्चाओं में रहे हैं. अब उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा गंजी कंपाउंड में स्थित जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले में शामिल अधिकारी धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया. इस घटनाक्रम ने कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक अंदाज की याद ताजा कर दी है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, लगभग दो दशक पहले का वाकया है, जब स्थानीय लोगों की पानी की समस्या को लेकर कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम आयुक्त के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. यहां विजयवर्गीय ने तब एक अधिकारी के सामने जूता तान लिया था.

ऐसे हुआ था विवाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा एक अफसर के सामने जूता ताने होने की तस्वीर जारी करते हुए कहा, "यह घटना साल 1994 की है, जब विजयवर्गीय विधायक हुआ करते थे, उनका वहां मेयर हाउस के पास विवाद हुआ, इस दौरान उन्होंने वहां तैनात आईपीएस अधिकारी प्रमेाद फलणीकर पर जूता चलाया था. अब उनके बेटे ने बल्ला चलाया है, यही है संस्कारवान बेटा."

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राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर कमलनाथ सरकार पर बीजेपी लगातार हमला कर रही है. इस पर मिश्रा ने कहा, "बल्लभ भवन हिला देने की गीदड़ धमकी देने वाले शिवराज सिंह चौहान यह भी कहते हैं कि टाइगर अभी जिंदा है, पर आकाश विजयवर्गीय से मामले में टाइगर, मेमना हो गया है."

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आक्रामक शैली के नहीं हैं आकाश

कैलाश विजयवर्गीय और आकाश को करीब से जानने वाले दोनों को अलग-अलग मानते हैं. उनका कहना है कि, दोनों की कार्यशैली अलग-अलग है, कैलाश विजयवर्गीय की राजनीति आक्रमक रही है. वह हमेशा ही राजनीति में तीखे तेवरों के लिए जाने जाते रहे हैं. अपने विरोधियों से निपटने का भी उनका अलग तरीका है, वहीं आकाश अलग है, वे गंभीर है और युवाओं में धार्मिकता लाने के लिए एक संगठन भी चलाते हैं. इस घटना को बदलते आकाश के तौर पर देखा जा रहा है.

अफसर को पीटने के बाद आकाश के बयान की भी खूब चर्चा है, जिसमें उन्होंने कहा था, “बीजेपी ने सिखाया है, पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन. हमने हाथ जोड़कर निवेदन कई बार किया, अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है. अब यह लड़ाई इनके खात्मे के साथ खत्म होगी.” 
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क्या है आकाश विजयवर्गीय का मामला?

इंदौर के घटनाक्रम के सामने आने के बाद महापौर मालिनी गौड़ भी अपरोक्ष रूप से निगम अमले के साथ खड़ी नजर आईं. उन्होंने कहा, "नगर निगम ने जर्जर मकानों को तोड़ने की सूची बनाई है, आकाश को मौके पर जाने से पहले बात करनी थी." गौरतलब है कि इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अधिकारी की आकाश ने क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी थी. इस घटना के बाद आकाश जेल में हैं. इसे लेकर सियासत गरमा गई है तो दूसरी ओर कैलाश विजयवर्गीय की कार्यशैली की भी जमकर चर्चा हो रही है.

(इनपुट - आईएएनएस)

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