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JEE-NEET मामला फिर पहुंच सकता है SC, ममता की विपक्षी दलों से मांग

सोनिया गांधी ने बुलाई थी 7 राज्यों की वर्चुअल बैठक

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JEE और NEET परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है. लेकिन सरकार ने साफ किया है कि परीक्षाओं को नहीं टाला जा रहा है और वो तय तारीख पर ही आयोजित होंगी. इसी बीच सोनिया गांधी ने 7 राज्यों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई, जिसमें सभी राज्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि इन परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए. बैठक में ममता समेत कुछ और मुख्यमंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही. जिसके बाद अब बताया जा रहा है कि ये सभी राज्य जल्द सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं.

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ममता की राज्यों से अपील

बता दें कि ममता बनर्जी लगातार नीट और जेईई परीक्षाओं को टालने की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि छात्रों के स्वास्थ्य के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. इसके लिए वो दो बार पीएम मोदी को भी चिट्ठी लिख चुकी हैं. लेकिन जब सोनिया की बुलाई गई बैठक में ममता को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने इन परीक्षाओं का जिक्र किया. ममता ने कहा,

“मेरी हर राज्य सरकार से ये अपील है कि हम एक साथ मिलकर इसका विरोध करें और एक साथ सुप्रीम कोर्ट जाकर जेईई-नीट परीक्षाओं को तब तक टालने की मांग करें जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं. हालात काफी खराब हैं, इसीलिए हमें बच्चों के लिए आवाज उठानी होगी.”

इस बैठक में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, जितने भी राज्यों के मुखिया यहां बैठे हैं उन्हें नीट-जेईई परीक्षाओं को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन दायर करनी चाहिए.

वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पर थोड़ी अलग राय थी. उन्होंने कहा कि,

“हमें सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी या फिर राष्ट्रपति से मुलाकात करनी चाहिए और इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए. अगर बात नहीं बनती है तो फिर सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार किया जा सकता है.”

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस के चार राज्यों के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल थीं. इस बैठक में नीट-जेईई परीक्षाओं के अलावा कई और मुद्दों पर भी चर्चा हुई. जिसमें राज्यों को मिलने वाले कम रेवेन्यू और जीएसटी को लेकर भी चर्चा की गई.

हर तरफ से हो रहा परीक्षा का विरोध

बता दें कि नीट और जेईई परीक्षा को लेकर तमाम विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस महामारी के दौरान परीक्षा कराया जाना ठीक नहीं है, इसीलिए सरकार इसे कुछ महीने आगे बढ़ाने पर विचार करे. विपक्षी नेताओं के अलावा फिल्मी जगत से जुड़े और विदेशों से भी कई लोगों ने भी छात्रों का समर्थन किया है और इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है. परीक्षा का विरोध करने वालों में राहुल गांधी, ममता बनर्जी, मनीष सिसोदिया, चिराग पासवान, सोनू सूद, ग्रेटा थनबर्ग समेत कई अन्य लोग शामिल हैं.

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शिक्षा मंत्री पोखरियाल का जवाब

इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन पर परीक्षा कराए जाने को लेकर अभिभावकों का लगातार दबाव बन रहा था. इसीलिए अब तय तारीख पर ही परीक्षाएं होंगी. जेईई-नीट परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा,

''हम लोगों ने, जब परिस्थितियां थीं तो एक बार थोड़ा सा पीछे किया, दूसरी बार पीछे किया, क्योंकि ऐसी परिस्थितियां थीं कि लोग तैयार भी नहीं थे. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मानते हैं कि महामारी की स्थिति है, लेकिन अंततः जीवन जीना है और छात्रों के भविष्य को लंबे समय तक संकट पर नहीं रखा जा सकता और उनका पूरा अकादमिक साल बर्बाद नहीं किया जा सकता.''

उन्होंने कहा कि परीक्षाएं कराए जाने को लेकर ''एक तरफ छात्रों का दबाव था कि हमारा एक साल चौपट हो जाएगा और दूसरी तरफ अभिभावकों का भी.''

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