प्रयागराज हिंसा (Prayagraj Violence) के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद (Javed Mohammed) की पत्नी परवीन फातिमा (Parveen Fatima) और बेटी सुमैया फातिमा (Sumaiya Fatima) को अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने संज्ञान लिया है. वकील स्मृति कार्तिकेय की ओर से दाखिल याचिका पर NCW ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले की विस्तृत जानकारी मांगी है. आपको बता दें कि 10 जून को प्रयागराज के अटाला में जुमे की नमाज के बाद पथराव और हिंसा की घटनाएं हुई थी.
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा की ओर महिला आयोग से की गई शिकायत में कहा गया है कि उन्हें और उनकी बेटी सुमैया फातिमा को पुलिस ने आधीरात को गैर कानूनी तौर पर घर से उठाकर थाने में 36 घंटे तक अवैध हिरासत में रखा.
इसके साथ ही कहा गया कि महिला के सम्मान और निजता की रक्षा हेतु दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 (4) के अंतर्गत प्रावधान किया गया है कि सूर्यास्त के बाद किसी महिला को न तो गिरफ्तार किया जाएगा और न ही थाने लाया जाएगा.
याचिका में कहा गया है कि परवीन फातिमा और सुमैया फातिमा के विरुद्ध किसी थाने में कोई एफआईआर नहीं है.
वहीं धारा 160 में यह प्रावधान है कि महिला से उसके बयान परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में उसके घर पर लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी नंदिनी सुंदर के केस में फैसला दिया था कि महिला को रात में थाने में नहीं ले जा सकते हैं. इसके साथ ही कहा गया है कि परवीन फातिमा और सुमैया फातिमा के साथ थाने में बदसलूकी भी हुई है.
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