ट्विटर (Twitter) के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को शायद अब ये एहसास हो गया है कि जल्दबाजी में और बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले उल्टे पड़ सकते हैं.
ट्विटर की सबस्क्रिप्शन पॉलिसी (Blue Verified) का मस्क बीते कुछ दिनों से जोर-शोर से प्रचार कर रहे थे, लोगों को बता रहे थे कि कुछ भी हो आपको 8 डॉलर तो देने ही होंगे और इसे लागू न करवाने पर अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बात कर रहे थे. उसी पॉलिसी पर मस्क ने फिलहाल रोक लगाने का फैसला कर लिया है.
मस्क ने खुद ट्विटर पर घोषणा की कि ब्लू वेरिफाइड सब्सक्रिप्शन लॉन्च को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है. कंपनी ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि उसके पास अभी भी प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट को रोकने का कोई ठोस तरीका नहीं है.
मस्क को क्यों रोकना पड़ा अपना ड्रीम प्लान?
ट्विटर खरीदने के बाद मस्क ने इसकी आय बढ़ाने और विज्ञापन से निभर्रता कम करने के लिए ब्लू वेरिफाइड सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम लॉन्च किया था. इसके लिए हर महीने 8 डॉलर की कीमत रखी गई थी. लेकिन हुआ ये कि पैसों से ब्लू टिक मिलने लगा तो स्कीम शुरू होते ही फेक अकाउंट्स की बाढ़ आ गई. इसे लेकर कोई ठोस नीति पहले से तैयार नहीं की गई थी. इसीलिए मस्क को 29 नवंबर तक इस योजना को रोकना पड़ा. अब मस्क ने इसे अनिश्चितकाल तक रोकने का फैसला कर लिया है.
मस्क ने अपने ट्वीट में कहा कि "जब तक फेक अकाउंट्स को रोकने का विश्वास पूरी तरह से हासिल नहीं कर लिया जाता तब तक ब्लू वेरिफाइड के रिलॉन्च को रोका जा रहा है."
मस्क ने कहा कि व्यक्तियों और संगठनों के लिए अलग-अलग रंग के वेरिफिकेशन चेक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
ट्विटर के दैनिक सक्रिय यूजर्स 'ऑल-टाइम-हाई'
एलन मस्क ने ट्विटर पर एक और ट्वीट करके बताया कि इसके दैनिक सक्रिय यूजर्स की संख्या अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते ट्विटर ने 1.6 मिलियन दैनिक सक्रिय यूजर्स जोड़े हैं जो 'ऑल-टाइम-हाई' है. उन्होंने एक ग्राफ शेयर करके इसपर विस्तार से जानकारी दी. इस ग्राफ में मस्क के ट्विटर अधिग्रहण से पहले और बाद के एक्टिव यूजर्स की तुलना है.
ट्विटर के एक्टिव यूजर्स भले ही काफी ज्यादा बढ़ गए हों लेकिन एक सच्चाई ये है कि इसमें फेक अकाउंट्स भी शामिल हैं, जो कंपनी की ब्रांडिंग के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. इसीलिए मस्क को अपना सबस्क्रिप्शन प्लान रोकना पड़ा ताकि फेक अकाउंट तेजी से न बढ़ें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)