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कोरोना से नाराज लोगों ने नहीं तोड़ीं मूर्तियां, पुरानी क्लिप वायरल

वायरल वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारतीय हिंदू मूर्तियां फेंक रहे हैं.

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सोशल मीडिया पर शिया समाचार एजेंसी ‘Shia Waves' का एक कथित न्यूज बुलेटिन वायरल हो रहा है. वीडियो में मूर्तियों को तोड़ते, फेंकते और जेसीबी मशीन (बैकहो लोडर) से उठाए जाने के विजुअल दिख रहे हैं. कुछ मूर्तियां पानी में फेंकी जाती हुई भी दिख रही हैं.

वीडियो शेयर कर गलत दावा किया जा रहा है कि भारतीय लोग भगवानों की मूर्तियां तोड़ रहे हैं. वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि देश में बढ़ते कोविड 19 मामलों की वजह से भारतीयों की आस्था भगवान पर खत्म हो गई है.

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हालांकि, हमने पाया कि बुलेटिन में दो अलग-अलग क्लिप का इस्तेमाल किया गया है. दोनों ही क्लिप पुरानी हैं और उन्हें आपस में जोड़कर ये वीडियो तैयार किया गया है.

पहली क्लिप 2019 की अहमदाबाद की है. वहीं दूसरी क्लिप 2015 की है और इसे तेलंगाना के बीचुपल्ली में शूट किया गया था. ये दोनों ही वीडियो भारत में कोरोना महामारी के पहले की घटनाओं के हैं.

हमें ‘Shia Waves’ चैनल पर अपलोड किया गया ये वीडियो तो नहीं मिला, लेकिन इस न्यूज एजेंसी की वेबसाइट पर इस पर एक आर्टिकल मिला.

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दावा

कई लोगों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया है कि भारतीयों ने अपने भगवानों की मूर्तियां इसलिए फेंक दीं, क्योंकि उनके भगवान उन्हें कोरोना महामारी से नहीं बचा पाए.

वायरल वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारतीय हिंदू मूर्तियां फेंक रहे हैं.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इस वीडियो को शेयर कर ट्विटर पर भी ऐसे ही दावे किए गए हैं. इनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. इसके अलावा, ऐसे ही दावों वाले फेसबुक पोस्ट के आर्काइव आपको यहां और यहां देखने को मिलेंगे.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल हो रहा वीडियो दो अलग-अलग क्लिप्स को जोड़कर तैयार किया गया है. पड़ताल में हमने पाया कि ये दोनों ही वीडियो पुराने हैं और कोरोना महामारी शुरू होने के बहुत पहले से इंटरनेट पर मौजूद हैं. आइए दोनों ही क्लिप्स पर एक-एक करके नजर डालते हैं.

क्लिप 1:

वायरल वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारतीय हिंदू मूर्तियां फेंक रहे हैं.

क्लिप में एक बैकहो मशीन मूर्तियों को हटा रही है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

हमें आईएएस ऑफिसर विजय नेहरा के ट्वीट के जवाब में इसी तरह के विजुअल वाले वीडियो मिले. ये ट्वीट इस बारे में था कि नागरिकों ने दशामा की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के बजाय सड़क पर रख दिया था, ताकि साबरमती नदी साफ रखी जा सके.

सागर सावलिया नाम के एक शख्स की ओर से ट्वीट किया गया ये वीडियो 2019 की उसी घटना से संबंधित है, जब लोगों ने प्रदूषण को रोकने के लिए साबरमती के तट पर मूर्तियां रख दी थीं. ऐसा उन्होंने अहमदाबाद नगर निगम के अनुरोध पर किया था.

इस वीडियो को साल 2019 में भी इस गलत दावे से वायरल किया जा रहा था कि लोग मूर्तियों का अपमान कर रहे हैं. क्विंट की पड़ताल में तब भी ये दावा गलत निकला था.

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क्लिप 2

वायरल वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारतीय हिंदू मूर्तियां फेंक रहे हैं.

दूसरी क्लिप में भगवान गणेश की मूर्तियां पानी में फेंकी जा रही हैं

(सोर्स: स्क्रीननशॉट/फेसबुक)

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि इस क्लिप का सबसे पुराना वर्जन 24 सितंबर 2015 को फेसबुक यूजर Hvkprasad Prasad ने शेयर किया था.

वीडियो में कन्नड़ में एक कैप्शन है, जिसमें कहा गया है कि ये घटना तेलंगाना के महबूबनगर जिले में NH 44 के किनारे कृष्णा नदी पर बने पुल पर हुई है.

गूगल मैप के स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल करके हमने क्लिप की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की.

हम गूगल मैप पर लोकेशन पर गए. हमने पाया कि ये विजुअल तेलंगाना के बीचुपल्ली में कृष्णा नदी पर बने एक पुल से मेल खाते हैं.(Image: Facebook/Google Maps/Altered by The Quint)फेसबुक/गूगल मैप/Altered by The Quint)

वायरल वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारतीय हिंदू मूर्तियां फेंक रहे हैं.

बाएं वायरल वीडियो, दाएं गूगल मैप पर उपलब्ध फोटो

(फोटो: फेसबुक/गूगल मैप/Altered by The Quint)

वीडियो में बाईं ओर नदी के किनारे बना एक सफेद रंग का स्ट्रक्चर और पुल के किनारे लाल रेलिंग दिख रही है. यही विजुअल गूगल मैप पर उपलब्ध फोटो में भी देखे जा सकते हैं. गूगल मैप वाली फोटो में भी वही रेलिंग और सफेद स्ट्रक्टर उसी जगह पर देखे जा सकते हैं.

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क्विंट ने तेलंगाना पुलिस से भी संपर्क किया. जोगुलंबा गडवाल जिले के एक सीनियर पुलिस अफसर ने पुष्टि करते हुए बताया कि ये घटना पुरानी है और गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान की है.

मतलब साफ है कि दो पुरानी क्लिप को जोड़कर बनाए गए वीडियो को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही घटनाएं भारत में वर्तमान कोरोना संकट से संबंधित हैं.

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