पिछले हफ्ते रामनवमी (Ram Navami) पर निकाले गए धार्मिक जुलूसों के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए सांप्रदायिक टकराव का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी रहा. हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके में ऐसे ही एक जुलूस के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
मध्यप्रदेश की तरह दिल्ली में भी हिंसा के अगले दिन प्रशासन ने लोगों के घरों पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई की. लेकिन, इसी बीच सोशल मीडिया पर इन घटनाओं की आड़ में कुछ पुराने फोटो, वीडियो शेयर कर फेक न्यूज का सिलसिला भी जारी रहा.
कभी मंदिर के सामने निकलते भड़काऊ जुलूस के वीडियो को खरगोन हिंसा से जोड़कर हाल का बताकर शेयर किया गया. तो किसी ने CAA के समर्थन में निकली 3 साल पुरानी रैली का वीडियो जहांगीरपुरी हिंसा का बताया. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल की, एक नजर में जानिए इनका सच.
1.पुलिस पर पत्थर फेंकते शख्स का ये फोटो जहांगीरपुरी हिंसा का है?
पत्थर फेंकते एक शख्स की फोटो को सोशल मीडिया पर जहांगीरपुरी हिंसा का बताकर शेयर किया गया. कई वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट और मीडिया आउटलेट्स ने फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
ये फोटो दिल्ली नहीं गुजरात के अहमदाबाद की है और 2019 की है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हुई थी.
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2. Fact Check : ओवैसी की रैली में नहीं लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की राजस्थान के जयपुर में हुई एक सभा का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ओवैसी की मौजूदगी में इस सभा में आए लोगों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए.
डियो को बारीकी से देखने और सुनने के बाद ये साफ होता है कि पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगने वाला दावा सच नहीं है. इसी रैली के हमने एक नहीं दो अलग-अलग एंगल से शूट किए गए वीडियो देखे, जिनमें स्पष्ट हो रहा है कि नारा ''ओवैसी साहब जिंदाबाद'' का था जिसके जवाब में लोग कह रहे थे ''जिंदाबाद जिंदाबाद''
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3. पीएम और पुलिस के समर्थन में ''लट्ठ बजाओ'' नारा लगाती भीड़ का ये वीडियो जहांगीरपुरी का है?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में भीड़ दिल्ली पुलिस के समर्थन में ''लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं'' का नारा लगाती दिख रही है. वीडियो को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हाल में हुई हिंसा के बाद का बताकर शेयर किया गया.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2019 में केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून CAA के पक्ष में निकाली गई एक रैली का है.
हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला जिसे फेसबुक पर 22 दिसंबर 2019 को पोस्ट किया गया था. इस वीडियो में लोगों को CAA के पक्ष में नारे लगाते देखा जा सकता है. इससे साफ होता है कि ये वीडियो उस रैली का नहीं है, जिसे हाल में जहांगीरपुरी में निकाला गया था.
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4. खरगोन हिंसा के वक्त का ही है मंदिर के सामने से निकलते जुलूस का ये वीडियो?
मंदिर के सामने निकलते एक जुलूस का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भड़काऊ गानों पर लोग डांस करते और हथियार लहराते दिख रहे हैं. वीडियो को खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के बाद हुई हिंसा से जोड़कर हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो तो खरगोन का है, लेकिन हाल का नहीं साल 2018 में निकले मुहर्रम जुलूस का है. सोशल मीडिया पर इसे रामनवमी हिंसा से जोड़कर गलत नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है.
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5. पुलिस के साथ भगवा गमछे में चलते लोगों की तस्वीर, जहांगीरपुरी हिंसा की है?
कुछ पुलिसकर्मियों के साथ एक गली में चल रहे दो लोगों की फोटो वायरल हो रही है. पुलिस के साथ चल रहे लोग भगवा गमछे में दिख रहे हैं और हाथ में तलवार लिए हुए हैं.
ये फोटो 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और पुलिस के मुताबिक फोटो में दिख रहे लोग कोरोना वॉरियर्स थे. इसका हाल में हुई जहांगीरपुरी हिंसा से कोई संबंध नहीं है.
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