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कर्नाटक की मस्जिद का वीडियो, केरल में मंदिर का बता गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

वीडियो में मंगलौर में मौजूद 1400 साल पुरानी मस्जिद 'जीनत बख्श' दिख रही है, जिसे अरब से आए व्यापारियों ने बनवाया था

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सोशल मीडिया पर पुरानी शैली में बनी एक खूबसूरत इमारत का वीडियो शेयर हो रहा है, जिसका इंटीरियर लकड़ी से बना हुआ है. दावा किया जा रहा है कि ये केरल (Kerala) का एक पुराना हिंदू मंदिर है जिसे मस्जिद में बदल दिया गया है.

दावे में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) (CPI(M)) पर सवाल उठाया गया है कि वो इस घटना के होने पर चुप है.

हालांकि, हमने पाया कि ये दावा झूठा है और वीडियो में जो इमारत दिख रही है वो कर्नाटक के मंगलौर में स्थित जीनत बख्श मस्जिद है. कर्नाटक टूरिज्म की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि इस मस्जिद की स्थापना 644 ईस्वी में अरब मुस्लिम व्यापारियों ने की थी.

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दावा

वीडियो शेयर कर दावा इंग्लिश में लिखा गया है, जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है, ''केरल में मुस्लिमों ने पुराने हिंदू मंदिर पर जबरन कब्जा कर लिया और इसे मस्जिद में बदल दिया. केरल की कम्यूनिस्ट सरकार इस पर चुप है.''

यूजर ने इस पोस्टमें सुदर्शन न्यूज के चीफ एडिटर सुरेश चव्हाणके को भी टैग किया है. बता दें कि सुरेश चव्हाणके ने कई बार भ्रामक और गलत जानकारी शेयर की है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने ऐसे ही दावों के साथ इस वीडियो को शेयर किया है, जिनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें एक वॉटरमार्क दिखा, जिस पर लिखा था 'Thousand shades of India'.

'Thousand shades of India' वॉटरमार्क देखा जा सकता है.

(फोटो: Altered by The Quint)

यहां से क्लू लेकर, हमने गूगल पर सर्च करके देखा हमें इस पेज का इंस्टाग्राम और यूट्यूब हैंडल मिला.

हमें मस्जिद का वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला, जिसमें बताया गया था कि ये मैंगलोर में स्थित जीनाथ बख्श मस्जिद है. साथ ही, ये भी बताया गया था कि ये मस्जिद ''कर्नाटक की सबसे पुरानी और भारत की तीसरी सबसे पुरानी मस्जिद'' है.

कैप्शन में आगे बताया गया था कि ''मंगलौर के बंदर क्षेत्र में भारत के सबसे पुराने मुस्लिम समुदाय हैं, जिनका इतिहास करीब 1400 साल पुराना है. उनके इतिहास का प्रमाण 14 सदी पहले बनी उनकी इबादत की जगह जीनत बख्श मस्जिद है. इसे टीपू सुल्तान ने फिर से बनवाकर इसे नया नाम दिया था.''

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इसके अलावा, हमें कर्नाटक टूरिजम की ऑफिशियल वेबसाइट पर मस्जिद के बारे में जानकारी मिली.

वेबसाइट के मुताबिक, मस्जिद पैगंबर मोहम्मद के जीवन की कहानियों को दिखाती है और मस्जिद का मुख्य आकर्षण लकड़ी का बना गर्भगृह है, जिसमें 16 खंभे हैं और ये खंभे सागौन की लकड़ी से बनाए गए हैं.

मतलब साफ है कि कर्नाटक के मंगलौर में स्थित एक मस्जिद का वीडियो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये केरल का एक हिंदू मंदिर है, जिस पर मुस्लिमों ने जबरन कब्जा कर मस्जिद बना दिया है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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