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रेस्टोरेंट में लगे 'नो हलाल' बोर्ड की वजह से नहीं हुआ महिला पर हमला,गलत है दावा

न्यूज रिपोर्ट्स और पुलिस के मुताबिक, 'No Halal' बोर्ड की वजह से नहीं कॉमर्शियल जगह के इस्तेमाल को लेकर हुआ था विवाद

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केरल (Kerala) में कोच्चि के एक रेस्टोरेंट के मालिक तुषारा अजीत की तस्वीरों का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इन तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तुषारा पर मुस्लिम समुदाय (Muslim) के लोगों ने हमला किया था, क्योंकि उन्होंने ऐसा रेस्टोरेंट खोलने की कोशिश की जिसमें हलाल खाना नहीं परोसा जाता.

हालांकि, हमने पड़ताल में पाया कि विवाद तो हुआ था,लेकिन किसी धार्मिक वजह से नहीं हुआ था. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक,ये विवाद दो दुकान मालिकों के बीच हुई हाथापाई से संबंधित है और इसमें कोई भी शख्स मुस्लिम समुदाय से नहीं है.

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दावा

तुषारा अजित और 'No Halal' लिखे बैनर की तस्वीरें शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि तुषारा पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला किया था, क्योंकि उन्होंने इस्लाम मानने वालों के लिए निर्धारित तरीके से खाना नहीं परोसा.

न्यूज रिपोर्ट्स और पुलिस के मुताबिक, 'No Halal' बोर्ड की वजह से नहीं कॉमर्शियल जगह के इस्तेमाल को लेकर हुआ था विवाद

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

सुप्रीम कोर्ट वकील और बीजेपी उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने इस दावे को ट्वीट कर, आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रेस्टोरेंट पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि वहां 'No Halal' का बोर्ड लगा था.

सुदर्शन न्यूज के एक आर्टिकल में भी इस दावे को शेयर किया गया है. भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रमुख ने भी ट्वीट कर इस घटना की निंदा की थी.

HinduPost और OpIndia जैसी राइट विंग वेबसाइटों पर भी इस घटना से संबंधित रिपोर्ट पब्लिश की थी. ट्विटर पर किए गए ऐसे ही दावे आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

'Thushara Ajith attacked' जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी कई रिपोर्ट्स मिलीं.

The News Minute की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुषारा ने फेसबुक वीडियो की एक सीरीज पोस्ट की थीं. इनके जरिए उन्होंने आरोप लगाया था कि उन पर 'जिहादियों' ने हमला किया था, क्योंकि वो एक नया भोजनालय खोलने की कोशिश कर रहीं थीं. उन्होंने इस साल की शुरुआत में कोच्चि का पहला 'No Halal' भोजनालय खोला है.

हालांकि, रिपोर्टि में आगे बताया गया है कि ये घटना 24 अक्टूबर को हुई थी और पुलिस के मुताबिक, ये विवाद कॉमर्शियल जगह के इस्तेमाल को लेकर हुआ था.

आरोपियों के नामों नकुल और बिनोज के बारे में बात करते हुए, TNM ने लिखा कि जैसा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया, मुस्लिमों ने उन पर हमला नहीं किया था.
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New Indian Express के एक आर्टिकल में इस विवाद में शामिल दूसरे पक्ष के पूरे नाम बताए गए थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक, संघर्ष भोजनालय के स्वामित्व को लेकर हुआ था. साथ ही, आर्टिकल में ये भी लिखा गया था कि स्थानीय पुलिस स्टेशन के मुताबिक सांप्रदायिक आरोप 'मनगढ़ंत' थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, बिनोज पर घातक हथियारों से हमला किया गया था और उसकी सर्जरी करानी पड़ी थी.

पब्लिकेशन की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, तुषारा, उनके पति अजित और एक साथी को मंगलवार, 2 नवंबर को हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

क्विंट ने सर्कल इंसपेक्टर संतोष टीआर से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि इस विवाद के पीछे कोई धार्मिक वजह नहीं थी.

एक स्थानीय रिपोर्टर ने भी हमें बताया कि मामला जमीन के विवाद (दीवानी) से जुड़ा था और कथित रूप से जिस दुकान पर हमला किया गया था वो चालू नहीं थी, बल्कि बंद दुकान थी.

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फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Alt News को इस मामले में शामिल दोनों पक्षों की ओर से दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी भी मिली.

तुषारा की ओर से दर्ज एफआईआर में नकुल और उसके दोस्त पर तुषारा के साथ दुर्व्यवहार करने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया गया है. इसमें ये भी बताया गया है कि उनके कर्मचारी अप्पू ने उनकी दुकान के पास जवाबी कार्रवाई में दोस्त (बिनोज) पर हमला किया.

दूसरा पक्ष घायल हुआ है, इस बात को स्वीकार करते हुए एफआईआर में कहा गया है कि नकुल के हस्तक्षेप करने से पहले तुषारा ने घायल शख्स को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया था.

दूसरी ओर, बिनोज जॉर्ज की ओर से सनराइज अस्पताल में दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, तुषारा अपने पति अजित और कर्मचारी के साथ थीं. जब उसने इलाके से फूड कार्ट हटाने के लिए सवाल किया, तो तुषारा ने उसे थप्पड़ मार दिया.

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इस एफआईआर में जॉर्ज ने कहा कि उस पर तुषारा के अज्ञात कर्मचारी ने हमला किया था. उसने चाकू चलाया जिससे उसके बाएं पैर में गहरी चोट आई और हड्डी टूट गई.

दोनों एफआईआर में विवाद में शामिल दूसरे पक्ष के लोगों के नाम हैं और इस बात के प्रमाण नहीं मिले कि ये विवाद सांप्रदायिक कारणों की वजह से हुआ था.

मतलब साफ है कि केरल के कोच्चि में कॉमर्शियल जगह के इस्तेमाल को लेकर हुए विवाद की घटना को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि रेस्टोरेंट मालिक पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि उन्होंने 'No Halal' का बोर्ड लगा रखा था.

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