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नामदार बनाम कामदार? राहुल गांधी ने बैठकर नहीं दाखिल किया नामांकन 

नामांकन दाखिल करते समय राहुल गांधी की तुलना में रिटर्निंग ऑफिसर ऊंची पर जगह बैठे हुए हैं.

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दावा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी में उम्मीदवारी के लिए पर्चा दाखिल करने वाली एक तस्वीर की तुलना पीएम मोदी के वाराणसी से नामांकन दाखिल करते हुए फोटो के साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है.

"नामदार बनाम कामदार" कैप्शन वाले इस तुलनात्मक फोटो में जहां एक ओर राहुल गांधी को हाथ में अपना पेपर लिए बैठे हुए दिखाया जा रहा है, तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोनों हाथों को जोड़े चुनाव अधिकारी के सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं. इसका ये मतलब निकाला जा रहा है कि राहुल गांधी रिटर्निंग ऑफिसर को सम्मान नहीं दे रहे हैं.

इस तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई अकॉउंट से बार-बार शेयर किया गया है.

नामांकन पर्चा भरते हुए फर्क साफ है !

Posted by Yogi Sarkar on Thursday, April 25, 2019
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दावा सच या गलत

इस फोटो से एक बात तो साफ तौर से दिख रही है कि नामांकन दाखिल करते समय राहुल गांधी बैठे हुए हैं. मगर सच्चाई ये है कि रिटर्निंग ऑफिसर राहुल गांधी की तुलना में ऊंची जगह पर बैठे हुए हैं. उन दोनों के बीच टेबल होने की वजह से भ्रम हो रहा है कि राहुल बैठे हुए हैं.

हमारी पड़ताल में सामने आया सच

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां सोनिया और बहन प्रियंका के साथ नामांकन दाखिल करने अमेठी पहुंचे थे. उनके नामांकन का वीडियो फुटेज इस भ्रम को दूर कर देता है. वीडियो में राहुल अपनी मां और बहन के साथ रिटर्निंग ऑफिसर के सामने खड़े हैं.

राज्य सभा टीवी के इस वीडियो क्लिप में इस मौके के कई एंगल मौजूद हैं. इसमें गांधी परिवार के तीनों सदस्य खड़े दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो क्लिप में कैमरे की और पीठ किए तीनों लोग खड़े हैं जबकि राहुल अपना पर्चा दाखिल करते हुए साफ तौर से दिख रहे हैं.

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राहुल गांधी के नामांकन को कई चैनल ने कवर किया है. उनमें भी ऐसी कोई बात नहीं दिख रही है जैसा कि इस वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है.

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पहले अमित शाह अब मोदी

इससे पहले ऐसा दावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी की फोटो के साथ किया जा रहा था. इसमें दोनों दलों के अध्यक्षों के बीच के अंतर को दिखाते हुए ये बात कही जा रही थी.

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इस दावे को तब ऑल्ट न्यूज ने अपनी पड़ताल में खारिज किया था.

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