उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों (UP Election) के साथ-साथ कर्नाटक हिजाब विवाद (Hijab Controversy) से जुड़े कई दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए. योगी आदित्यनाथ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से उनके चुनावी कैंपेन से जुड़ी एक एडिटेड फोटो शेयर की गई. इसके अलावा, एक SP विधायक का एडिटेड वीडियो इस दावे से शेयर किया गया कि उन्होंने ठाकुर-पंडितों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. तो वहीं BSP सुप्रीमो मायावती का भी कई साल पुराना वीडियो यूपी चुनाव से जोड़र शेयर किया गया.
हिजाब विवाद से जोड़कर श्रीलंका का 3 साल पुराना वीडियो भी इंडिया का बता शेयर किया गया. इसी तर्ज पर राणा अय्यूब का भी एक पुराना वीडियो हाल का बताकर शेयर किया गया. इस हफ्ते हमने ऐसे कई दावों की पड़ताल कर सच आपको बताया. चलिए डालते हैं इन पर एक नजर.
योगी आदित्यनाथ ने चुनावी कैंपेन के बीच ट्वीट की एडिटेड फोटो
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 15 फरवरी को चुनावी सभा को संबोधित करने इटावा पहुंचे थे. सभा के बाद उन्होंने फोटो ट्वीट करते हुए लिखा ''इटावा इतिहास रचने जा रहा है''. यूपी सीएम का ये ट्वीट देखकर ऐसा लग सकता है कि ये तस्वीर इटावा की है. हालांकि, ये सच नहीं है.
इटावा में सभा को संबोधित करते CM योगी के लाइव प्रसारण का वीडियो देखने पर पता चलता है कि उनकी सभा में भीड़ आई थी, लेकिन जो तस्वीर उन्होंने ट्वीट की वो असली नहीं है.
ट्वीट हुई फोटो में योगी आदित्यनाथ की 19, दिसंबर 2021 की एक तस्वीर को एडिटिंग के जरिए जोड़ा गया है. ये तस्वीर असल में मथुरा की है जब योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी की ''जन आशीर्वाद यात्रा'' की शुरुआत की थी.
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SP विधायक ने नहीं कहा- उनकी सरकार आई तो दौड़ाकर पीटेंगे ठाकुर-पंडित को, गलत दावा
SP के विधायक राजेश यादव का एक वीडियो काफी शेयर किया गया है जिसमें वो एक सभा में बोलते नजर आ रहे हैं. दावे के मुताबिक, वीडियो में यादव को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर यूपी में उनकी पार्टी की सरकार आई तो ठाकुरों और पंडितों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जाएगा.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. वीडियो का एक हिस्सा, "गुंडों की पिटाई" वाले उनके बयान से पहले जोड़ दिया गया है, ताकि ये दिखाया जा सके कि वो ठाकुरों और पंडितों के खिलाफ बोल रहे हैं.
हमें इस वीडियो का एक लंबा वर्जन भी मिला जिसे देखकर पता चलता है कि राजेश यादव ने ऐसा कोई भी आपत्तिजनक बयान नही दिया जैसा कि दावा किया जा रहा है.
मतलब साफ है कि वीडियो एडिटिंग मदद से वीडियो से छेड़छाड़ कर गलत दावा किया जा रहा है.
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हिजाब पहनी लड़कियों पर पानी फेंकते लड़के, वीडियो 2 साल पुराना है और भारत का नहीं
हिजाब पहनी लड़कियों पर पानी फेंकते कुछ लड़कों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो को हिजाब से जुड़े विवाद (Hijab Controversy) से जोड़कर, कम्युनल दावों से शेयर किया जा रहा है.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये वीडियो Lanka Sun News नाम के एक फेसबुक पेज पर भी मिला, जिसे 24 फरवरी 2019 को अपलोड किया गया था. कैप्शन के मुताबिक ये वीडियो श्रीलंका की ईस्टर्न यूनिवर्सिटी का है.
मतलब साफ है कि ये वीडियो न तो हाल का है और न ही इसका हिजाब विवाद से कोई संबंध है और न ही भारत से.
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बीजेपी का समर्थन और मुस्लिमों को कट्टरपंथी कहती मायावती का ये वीडियो 2006 का है
जब हमने पड़ताल की तो पाया कि वायरल वीडियो अभी का नहीं, बल्कि 2006 का है. इसके अलावा, हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट भी नहीं मिली, जिसमें BJP और BSP के गठबंधन के बारे में बताया गया हो.
मतलब साफ है 16 साल पुराना वीडियो यूपी इलेक्शन के बीच शेयर कर गलत दावा किया जा रहा है.
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राणा अय्यूब मनी लॉन्ड्रिंग केस में नहीं हुईं गिरफ्तार, पिछले साल का है वीडियो
पुलिस थाने से बाहर आती राणा अय्यूब का वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि राणा अय्यूब को हवाला केस में गिरफ्तार कर लिया गया है.
10 फरवरी, को इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने कथित तौर पर राणा अय्यूब के पास से 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे. ये कार्रवाई एक एफआईआर के बाद हुई, जिसमें राणा पर ''आम लोगों के लिए चैरिटी के नाम पर आए गए पैसों को अवैध तरीके से इस्तेमाल करने'' का आरोप था.
हालांकि, राणा अय्यूब की गिरफ्तारी के बताए जा रहे इस वीडियो को इस केस से कोई संबंध नहीं है. वीडियो जुलाई 2021 का है जब राणा गाजियाबाद स्थिति पुलिस स्टेशन में 'लोनी असॉल्ट वीडियो' से जुड़े मामले में बयान देने गई थीं.
राणा अय्यूबब ने द क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि वीडियो उस वक्त का है, जब वो लोनी पुलिस स्टेशन से बाहर आ रही थीं.
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