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Twitter से Meta में छंटनी, H-1B,L-1 वीजा पर US में रह रहे भारतीयों को क्या होगा?

L-1A, L-1B, O-1...अमेरिका में क्या हैं वीजा नियम?

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मेटा और ट्विटर के बाद अमेजन ने छंटनी का ऐलान कर दिया है. इन दिग्गज कंपनियों के एक आदेश की वजह से हजारों कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है. ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से अमेरिका (US) में जाकर इन कंपनियों में अपनी सेवाएं दे रहे थे उनके सामने 60 दिनों में दोबारा नौकरी हासिल करने की चुनौती है, नहीं तो उनकी 'घर वापसी' हो जाएगी यानी कि उन्हें अपने देश लौटना पड़ेगा. आइए जानते हैं किन कंपनियों ने कितने कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार चलाई है और इस ले ऑफ की वजह से अमेरिका में रहने वाले विदेशी कर्मचारियों पर क्या असर होगा? उनके वीजा नियम क्या कहते हैं?

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अब तक कितनी छंटनी का ऐलान हुआ?

अमेरिका स्थित कई बड़ी और नामी कंपनियों ने अपने यहां छंटनी का ऐलान कर दिया है.

  • ट्विटर (twitter) की कमान संभालते ही एलन मस्क ने छंटनी का इरादा जाहिर कर दिया था. हाल ही में 4 नवंबर को ट्विटर ने अपनी आधी वर्कफोर्स (लगभग 3750 कर्मचारियों को) को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी मेटा (meta) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की ओर से इस बात की पुष्टि कर दी गई है कि उनकी सोशल मीडिया कंपनी अपने 13 फीसदी कर्मचारियों (लगभग 11 हजार वर्कर्स) को निकाल रही है. मेटा ने सितंबर से ही अपने यहां हायरिंग प्रोसेस को फ्रीज करके रखा है.

  • ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन जल्‍द 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है. न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस छंटनी में कॉरपोरेट और टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर के कर्मचारी शामिल होंगे.

  • डिजनी की ओर से भी कटौती की बात सामने आ गई है, सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार तिमाही रिपोर्ट में नुकसान के आकलन के बाद छंटनी को बहुत कुछ स्पष्ट हो जाएगा, अभी तय नहीं है कि कितने लोगों की छंटनी होगी.

  • बार्कलेज, सिटीग्रुप, सीगेट टेक्नोलॉजी, माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल, इंटेल जैसे नामी संस्थानों में भी छंटनी की खबर है.

अमेरिका में दूसरे देश के कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा?

नौकरी जाने की स्थिति में कर्मचारियों पर निसंदेह कई तरह के संकट आते हैं, लेकिन उन लोगों की समस्याएं और भी गंभीर हो जाती हैं जो वीजा पर काम करने जाते हैं. अमेरिका में अन्य देशों से जो लोग काम करने जाते हैं उनके पास आमतौर पर H-1B, O-1, या L-1 वीजा होता है. इन सभी वीजा के अपने-अपने अलग नियम हैं. वीजा नियमों की वजह से इन कर्मचारियों की जटिलताएं बढ़ जाती हैं.

फोर्ब्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी एनालिसिस ऑफ यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) डेटा के आधार पर ट्विटर में लगभग 8 फीसदी कर्मचारी (7500 में से लगभग 625-670 वर्कर) H-1B वीजा होल्डर हैं. इसके अलावा फेसबुक के 15 फीसदी कर्मचारी एच-1बी वीजा धारक हैं.

वहीं अमेरिका की फाइनेंसियल सर्विस कंपनी स्ट्राइप के सीईओ ने अपने कर्मचारियों को एक ई-मेल भेजा है जिसमें कहा गया है कि उनकी कंपनी ने टीम साइज में 14 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है. नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी एनालिसिस ऑफ यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) डेटा के आधार पर स्ट्राइप के लगभग 4 से 5 फीसदी कर्मचारी H-1B वीजा होल्डर हैं.

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वीजा पॉलिसी क्या कहती है?

छंटनी की घोषणा के बाद से ही विभिन्न कंपनियों के कर्मचारियों के दर्द सामने आने लगे हैं. लोग  नौकरी खोजने में मदद मांग रहे हैं. अमेजन के पूर्व कर्मचारियों में से एक ने लिंक्डइन पर लिखा, “दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि मैं भी अमेजन में बड़े पैमाने पर हुई छंटनी से प्रभावित हूं. मैं काम की तलाश कर रहा हूं. अगर किसी के पास जावा डेवलपर के रूप में कोई ओपनिंग है, तो प्लीज इस मुश्किल वक्त में मेरी मेरी मदद कीजिए.” वहीं ट्विटर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपनी सेवाएं देने वाली एक कर्मचारी ने लिंक्डइन पर लिखा, "दुर्भाग्य से, मैं उन 50% कर्मचारियों में से थी जो ट्विटर पर छंटनी के कारण प्रभावित हुए थे. मैं वर्तमान में एच-1बी वीजा पर हूं और मेरे पास नौकरी ढूंढने के लिए सीमित समय है."

आइए जानते हैं अमेरिका के वीजा नियम क्या कहते हैं?

H-1B वीजा

अमेरिकी टेक कंपनियां भारत सहित अन्य देशों से आने वाले एच-1बी धारक कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नियुक्त करती हैं. H-1B वीजा नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अमेरिका में कंपनियों को विशेष तकनीकी या सैद्धांतिक ज्ञान की जरूरत वाली नौकरियों के लिए विदेशी नागरिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है.

नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए ऐसे वीजा धारकों के पास स्नातक की डिग्री या उसके समकक्ष कोई डॉक्यूमेंट होना चाहिए.

किसी व्यक्ति को एच-1बी वीजा दिए जाने से पहले उसकी संभावित कंपनी को यह साबित करना होता है कि जिस भूमिका या पद पर एच-1बी वीजा धारक को नियुक्त किया जाएगा उसके लिए कंपनी के पास योग्य अमेरिकी नागरिकों की कमी है.

एच-1बी वीजा होल्डर आमतौर पर आईटी, इंजीनियरिंग, फाइनेंस, आर्किटेक्चर जैसे प्रोफेशन्स से जुड़ होते हैं.

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एच-1बी वीजा होल्डर की नौकरी जाने पर क्या होगा?

H-1B वीजा नियमों के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी की नौकरी चली जाती है या वह कंपनी छोड़ देता है, तो उसे 60 दिनों के भीतर H-1B वीजा प्रायोजित करने वाली दूसरी कंपनी ढूंढनी होगी. तभी वे आगे भी अमेरिका में रहने के साथ-साथ काम कर पाएगा.

ऐसे कर्मचारियों के एक प्लस पॉइंट यह होता है कि चूंकि वे पहले से ही H-1B कोटा में आते हैं, इसलिए दूसरी नौकरी में जगह बनाना उनके लिए आसान हाेता है. लेकिन इसमें एक शर्त यह होती है कि दूसरी नौकरी पाने के लिए उनके पास सिर्फ 60 दिन होते हैं. वर्तमान महौल में इतने कम समय में नौकरी पाना एक कठिन काम है क्यों कई टेक कंपनियों ने हायरिंग बंद कर दी हैं.

एक पेंच यह भी है...

जिन H-1B वीजा धारकों के नाम पिछले छह साल में H-1B लॉटरी में शामिल किए गए हैं, उन्हें अगली लॉटरी का इंतजार नहीं करना होगा.

यदि वे 60 दिन में दूसरी कंपनी में नौकरी हासिल नहीं कर पाते हैं तो उन्हें देश (अमेरिका) छोड़ना होगा, लेकिन वे अपने देश (होम कंट्री) में जाकर नौकरी की खोज जारी रख सकते हैं. और जब उन्हें कोई कंपनी अपने यहां नौकरी देने के लिए तैयार हो जाए तो वे अमेरिका वापस आ सकते हैं.

हालांकि जो लोग पिछले छह साल में एच-1बी लॉटरी में शामिल नहीं हुए हैं, उनके लिए स्थिति अलग है.

द इकोनॉमिक टाइम्स में LawQuest की मैनेजिंग पार्टनर पूर्वी छोटानी के हवाले से कहा गया है कि

"पिछले छह वर्षों में यदि किसी एच-1बी कर्मचारी को वीजा कैप में नहीं गिना गया है, और 60 दिन की समय निकलने के बाद अपने देश लौटने पर उसे नई नौकरी मिलती है, तो उस कर्मचारी को फिर से लॉटरी पूल में प्रवेश करना होगा."
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एक विकल्प यह है :-

ऐसे एच-1बी वीजा होल्डर जो 60 दिनों में नौकरी पाने में असमर्थ हैं और अमेरिका नहीं छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए एक अस्थायी समाधान का विकल्प है. वे अपने वीजी को बी-2 (टूरिस्ट वीजा) में बदल सकते हैं या एफ-1 (स्टूडेंट वीजा) पर कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं. ऐसा करने से उन्हें अमेरिका में रहने का अतिरिक्त समय मिल सकता है.

हालांकि यह विकल्प उनके लिए हो सकता है जो अमेरिका में खुद को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाए रख सकते हैं क्योंकि बी-2 या एफ-1 वीजा से उन्हें अमेरिका में रहने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, इन वीजा के आधार पर उनको काम करने का अधिकार नहीं होगा.

L-1 वीजा

इंट्राकंपनी ट्रांसफर के तहत अमेरिका आने वालों को L-1 वीजा दिया जाता है. ऐसे लोग स्पेशलाइज्ड नॉलेज वाले होते हैं या मैनेजिरियल (प्रबंधकीय) पदों पर काम करते हैं.

कर्मचारी जिस कंपनी में जाना चाहता है वह कंपनी मूल (पैरेंट), सहायक (सब्सिडिरी), शाखा कार्यालय (ब्रांच ऑफिस) या विदेशी कंपनी की सहयोगी होनी चाहिए. आमतौर पर ऐसे ट्रांसफर मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन्स में आम हैं.

L-1 वीजा दो तरह के होते हैं : L-1A और L-1B.

L-1A वीजा उन स्थानांतरित व्यक्तियों को दिया जाता है जो किसी कंपनी के प्रबंधकीय या कार्यकारी पदों पर काम करते हैं. ये वीजा तीन साल के लिए वैलिड होते हैं, लेकिन इसे कुल 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.

L-1B वीजा उन स्थानांतरित व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो ऐसे पदों पर काम करते हैं जिसके लिए स्पेशलाइज्ड नॉलेज की जरूरत होती है. ये वीजा तीन साल के लिए वैलिड होते हैं, लेकिन इसे कुल पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.

L-1 वीजा होल्डर की नौकरी जाने पर क्या होगा?

H-1B वीजा होल्डर्स की तुलना में L-1 वीजा धारकों के लिए स्थिति कहीं ज्यादा कठिन है.

चूंकि L-1 वीजा होल्डर कर्मचारी उस श्रेणी में आते हैं जिनका इंट्राकंपनी में ट्रांसफर हुआ था. इसलिए नौकरी जाने की स्थिति में उन्हें किसी अन्य कंपनी या इम्प्लॉयर में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है.

इसलिए, एल-1 वीजा धारकों को आम तौर पर ट्विटर या अन्य संबंधित कंपनी से निकाले जाने के तुरंत बाद देश छोड़ना होगा.

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O-1 वीजा

ओ-1 वीजा (O-1 visa) उन लोगों को दिया जाता है जो साइंस, एजुकेशन, आर्ट, बिजनेस, एथलेटिक्स आदि क्षेत्रों में असाधारण रूप से प्रतिभाशाली होते हैं. जिन लोगों को ये वीजा दिया जाना है उनका टैलेंट राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पर मान्यता प्राप्त होना चाहिए.

यह वीजा टैलेंटेड लोगों को अमेरिका आने और किसी खास प्रोजेक्ट पर काम करने या किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अनुमति देता है.

O-1 वीजा और H-1B वीजा के बीच यह अंतर है कि O-1 वीजा के मामले में उन लोगों की संख्या की कोई सीमा/कैप नहीं है, जिन्हें एक वर्ष में वीजा प्रदान किया जा सकता है.

इसके अलावा, जहां एच-1बी वीजा होल्डर के पास केवल बैचलर की डिग्री होना जरूरी है, वहीं ओ-1 वीजा होल्डर के लिए क्वालिफिकेशन काफी अधिक होती है, यानी वे वीजा के लिए तभी आवेदन कर सकते हैं जब वे अपने क्षेत्र में शीर्ष पर पहुँच गए हों, और उनके पास ऐसी योग्यताएं हों जो बैचलर्स डिग्री से कहीं अधिक ऊपर हों जैसे कि पीएचडी.

काम से निकाले जाने पर O-1 वीजा होल्डर्स का क्या होगा?

H-1B और O-1 वीजा होल्डर्स के बीच अंतर होने के बावजूद भी, दोनों ग्रुपों के उम्मीदवारों को दूसरा काम तलाशने के लिए ग्रेस पीरियड यानी कुछ समय दिया जाता है.

हालांकि, विभिन्न प्रकार के O-1 वीजा होल्डर्स के लिए अलग-अगल ग्रेस पीरियड निर्धारित है. कुछ मामलों में, O-1 वीजा होल्डर्स को दूसरा काम तलाशने के लिए जो वक्त दिया जाता है वह काफी कम होता है.

छोटानी के बयान के अनुसार "H-1B वीजा होल्डर्स के पास 60-दिनों का ग्रेस पीरियड होता है. वहीं L-1 और O-1 वीजा वाले कर्मचारियों के लिए यह वक्त बहुत अधिक कठिन होता है, क्योंकि विशेष या दुर्लभ परिस्थिति को छोड़ दें तो नौकरी जाने के बाद उन्हें तुरंत देश छोड़ना पड़ सकता है. "

जुकरबर्ग का आश्वासन, अमेजन की माेहलत

मार्क जुकरबर्ग ने मेटा से निकाले गए कर्मचारियों को इमिग्रेशन में मदद करने का आश्वासन दिया है. जुकरबर्ग ने कहा है कि "मुझे पता है कि आप यहां वीजा पर आए हैं, इसलिए यह आपके लिए काफी मुश्किल समय है. आपके और आपके परिवार की सहायता के लिए हमारे पास इमिग्रेंट एक्सपर्ट हैं."

फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अमेजन की ओर से कुछ प्रोफेशनल्स को वॉलेन्ट्री तौर पर नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया है. इसके लिए कंपनी ने कर्मचारियों को नई जॉब ढूंढने के लिए 60 दिनों यानी करीब दो महीने की मोहलत है.

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