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Virat Kohli का सक्सेस मंत्र: खराब दौर में 2 कदम पीछे जाएं, ब्रेक लें, फिर वापसी

Virat Kohli ने 2019 के बाद क्रिकेट फैंस को 1000 से ज्यादा दिनों का इंतजार कराया, तब जाकर एशिया कप में उनका शतक आया.

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विराट कोहली (Virat Kohli) इस समय आए दिन नए रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं. आक्रामक फॉर्म की बदौलत किंग कोहली क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर समेत कई दिग्गज क्रिकटरों के कीर्तिमानों को ध्वस्त करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन पिछले साल एशिया कप के पहले तक कोहली अपने सबसे खराब फार्म से जूझ रहे थे.

अफगानिस्तान के खिलाफ जब से उन्होंने सेंचुरी जड़ी है तब से ऐसा लग रहा है जैसे उनमें नई जान आ गई. आइए जानते हैं कोहली कब से कब तक खराब फार्म में रहे, उनको किसने क्या सलाह दी थी, किसने उनका बचाव किया और कोहली का सक्सेस मंत्र क्या है.

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2019 के बाद का बुरा दौर 

विराट कोहली ने नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मैच में सेंचुरी लगाई थी. उसके बाद विराट का बुरा दौर शुरु हुआ था. कोहली एक के बाद एक मैच में फेल हो रहे थे. उनकी फार्म को लेकर देश-दुनिया के क्रिकेटरों सहित उनके फैंस भी परेशान थे. सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर क्रिकेट के कई दिग्गजों को लगने लाग था कि किंग कोहली का दौर खत्म हो चुका है, टीम इंडिया उन्हें बस ढोए जा रही है.

साल 2020 से 2022 तक टेस्ट क्रिकेट में जहां वह केवल 872 रन बना पाए थे, वहीं वनडे में भी इस दौरान उनके बल्ले से महज 735 रन निकले थे. टी20 में भी वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रहे थे. IPL में भी वह बुरी तरह फ्लॉप हो रहे थे. 2022 IPL में कोहली तीन बार गोल्डन डक पर पवेलियन लौटे थे. वहीं 2021 में खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने RCB की कप्तानी छोड़ दी थी.

जून-जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट की सीरीज में विराट काफी बुरी तरह नाकाम रहे थे कि तब कहा जाने लगा था कि कोहली का करियर अब खत्म होने वाला है.

किसी ने बोझ बताया तो किसी ने टीम से बाहर करने की दी राय

कोहली जब खराब दौर से गुजर रहे थे तो चारों ओर से उन पर दवाब था. पाकिस्तानी पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए विराट कोहली को भारतीय टीम पर बोझ कहा था. उन्होंने कहा था कि कोहली अब भारतीय टीम पर बोझ बनते जा रहे हैं.

गौतम गंभीर, कपिल देव से लेकर कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने बार-बार यह दलील दी थी कि विराट कोहली को टी20 वर्ल्ड कप की टीम से बाहर कर देना चाहिए. कपिल देव ने न्यूज चैनल से कहा था कि अगर आप टेस्ट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज अश्विन को टीम से बाहर बैठा सकते है तो विश्व का नंबर एक खिलाड़ी भी बाहर बैठ सकता है. अजय जडेजा ने कहा था कि अगर उन्हें टी20 टीम चुननी होती तो उसमें विराट कोहली के लिए शायद कोई जगह नहीं होती.

रोहित ने किया था कोहली का बचाव

इंग्लैंड में पोस्ट मैच कॉन्फ्रेंस के दौरान जब रोहित शर्मा से विराट के फॉर्म को लेकर सवाल किया गया तो वे भड़क गए थे. राेहित ने झल्लाते हुए कहा कि "मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि इस पर इतनी चर्चा क्यों हो रही है? कोहली ने बहुत सारे मैच खेले हैं. वे बीते कई साल से खेल रहे हैं, वे सचमुच महान बल्लेबाज हैं, उन्हें किसी तरह के आश्वासन की जरूरत नहीं है. हर खिलाड़ी के करियर में बुरा दौर आता है. उन्हें बस एक या दो अच्छी पारियों की जरूरत है."

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कप्तानी जाने के बाद आया था धोनी का संदेश

क्रिकेट जब कोई खिलाड़ी रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखता है तो इस दौर को क्रिकेट की भाषा में लीन पैच कहा जाता है. जब कोहली बुरे दौर से गुजर रहे थे तब एक-एक करके तीनों फार्मेट की टीम की कमान उन्होंने गंवा दी थी. जब उन्होंने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी तब उनके पास महेंद्र सिंह धोनी का टेक्स्ट मैसेज आया था. RCB पॉडकास्ट पर बोलते हुए कोहली ने खुलासा किया था कि लीन पैच के दौरान धोनी ने उन्हें मैसेज किया था. कोहली ने बताया था कि “एकमात्र व्यक्ति जो वास्तव में मेरे पास पहुंचा है वह एमएस धोनी हैं.

खराब दौर का असर परिवार और दोस्तों पर भी पड़ा

खराब दौर के वक्त कोहली काफी चिड़चिड़े हो गए थे और अपने आप पर गुस्सा होने लगे थे. इसका असर उनके परिवार, पत्नी अनुष्का शर्मा, करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों पर पड़ रहा था. इसका खुलासा खुद कोहली ने ही किया है.

श्रीलंका के खिलाफ सीरीज का पहला वनडे मैच जीतने के बाद सूर्यकुमार यादव ने कोहली का इंटरव्यू लिया. इसी दौरान कोहली ने खुलासा करते हुए कहा कि उस बुरे दौर में कोहली काफी चिड़चिड़े हो गए थे, जिसकी वजह से अनुष्का समेत कई लोग परेशान हुए. उनका यह व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं था.

दिग्गज क्रिकेटरों ने दी ब्रेक लेने की सलाह

रवि शास्त्री, सुनील गावस्कर, माेहम्मद अजहरुद्दीन, केविन पीटरसन और माइकल वॉन जैसे दिग्गज क्रिकेटर्स ने विराट कोहली को ब्रेक लेने की सलाह दी थी. बाद में खुद विराट कोहली का बयान आया था कि अगर ब्रेक लेने से वो एक बार फिर से वापसी कर पाएंगे तो, वो इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य भारत को एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में जीत दिलाना है.

2022 में एशिया की शतकीय पारी के बाद से लगातार बोल रहा है कोहली का बल्ला

विराट कोहली ने ब्रेक के बाद एशिया कप में फिर से टीम एंट्री की और तीन साल बाद अपना शतक जड़ा था. विराट ने भारत की तरफ से एशिया कप 2022 में सबसे ज्यादा रन बनाए थे, कोहली ने 5 मैचों की 5 पारियों में 92.00 की बेहतरीन औसत के साथ 276 रन बनाए और दो बार नाबाद भी रहे. उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक शतक और 2 अर्धशतक लगाया था. इस दौरान कोहली ने तीन साल का सूखा खत्म करते हुए अपनी 71वीं सेंचुरी लगाई थी और फार्म वापस पायी थी.

एशिया कप 2022 में विराट कोहली ने करीब 3 साल (1020 दिन) बाद सेंचुरी जमाई थी. टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में यह उनका पहला शतक भी था. 70वें शतक से 71वें शतक का इंतजार 72 मैचों का था. खराब दौर में विराट कोहली 9 बार अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे. 
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टी20 वर्ल्ड कप में दिखाई लय, उसके बाद लगाई एक के बाद एक सेंचुरी

कोहली ने टी20 विश्वकप 2022 में भी भारत के लिए कमाल का प्रदर्शन किया. उन्होंने 6 मैचों में 4 अर्धशतक जड़े. इस दौरान कोहली ने 296 रन बनाए. वे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. पाकिस्तान के खिलाफ 83 रनों की मैच विनिंग पारी खेलने के बाद कोहली भावुक नजर आए थे. इसे उन्होंने अपने अभी तक के करियर का सबसे यादगार पल बताया था.

तीन साल बाद वनडे में शतक, बांग्लादेश के खिलाफ एक और सेंचुरी

टी20 वर्ल्ड कप के बाद कोहली को कुछ समय का ब्रेक दिया गया, लेकिन विराट नहीं रुके. बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज के आखिरी मैच में उन्होंने अपनी एक और अंतर्राष्ट्रीय सेंचुरी लगाई. ये उनकी 72वीं सेंचुरी थी. वनडे क्रिकेट में उन्होंने तीन साल से ज्यादा समय के बाद शतक जड़ा था. यह वनडे क्रिकेट में उनका 44वां शतक था. इससे पहले उन्होंने 2019 वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए एक वनडे मैच में आखिरी शतक जड़ा था.

श्रीलंका के खिलाफ बजाया रनों का डंका, तीन मैचों में दो सेंचुरी

श्रीलंका के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में विराट कोहली ने 5 दिन में दूसरी बार शतक जड़कर अपनी रिकॉर्डबुक को और ज्यादा बेहतर किया.

बात करें उनके पिछले यह चार वनडे मैचों की तो ये उनका तीसरा शतक रहा. इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी वनडे में विराट ने शतक लगया था.

विराट का सक्सेस मंत्र

हाल ही में BCCI ने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें सूर्यकुमार यादव विराट कोहली का इंटरव्यू लेते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में सूर्यकुमार ने कोहली से कई सवाल किए जिसमें से एक सवाल था कोहली के खराब दौर से जुड़ा हुआ. इस सवाल का जवाब देते हुए विराट ने बताया कि मेरा वो समय अच्छा नहीं था. उसके पहले मैं जो करता आया था उसे देख लोगों की अपेक्षाएं मुझसे काफी ज्यादा थीं. मैं भी वैसा ही करना चाहता था, ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहता था.

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विराट ने इंटरव्यू में कहा कि जब चीजे खराब होती हैं तो आप किसी एक चीज के पीछे ही भागने लगते हैं. ऐसा करने से वो चीज आपसे और दूर होती चली जाती है. इसलिए उस वक्त यह बेहतर होता है कि आप दो कदम पीछे जाएं और उस चीज से अपना ध्यान हटा दें. मैंने भी उस वक्त ब्रेक लिया और जब एशिया कप में मैं वापस आया तो एकदम फ्रेश था. मैंने प्रैक्टिस में फ्रेश फील किया और मेरे गेम में भी वो चीज दिखी. मैंने नेट्स में खूब प्रैक्टिस की और अपने आप को तैयार किया और हर किसी को ये ही करना चाहिए. 

कोहली ने कहा कि 'मेंटल हेल्थ को फ्रेश करने के कारण उन्हें एक बार फिर क्रिकेट में मजा आ रहा है. साल के शुरूआत में शतक लगाना काफी अच्छा है. उम्मीद है कि यह साल मेरे लिए अच्छा रहेगा मुझे हर हाल में परफॉर्म करना है. मैं चाहूंगा कि इसी तरह से आगे भी टीम के लिए रन बनाता रहूं.' 

कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद कहा कि जब से मैं लंबे ब्रेक के बाद वापस लौटा हूं तो मैं अपने खेल के बारे में अच्‍छा महसूस करता हूं. अब मेरे अंदर किसी भी माइलस्‍टोन तक पहुंचने की कोई बेताबी नहीं है. मेरे लिए यह है कि मैं अपनी बल्‍लेबाजी का लुत्‍फ ले रहा हूं और जितना हो सके टीम की मदद कर रहा हूं.

खराब दौर में जमकर प्रैक्टिस की

भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने  इंडिया टुडे को बताया है कि कैसे विराट कोहली ने टेस्ट में अपने खराब दौर से वापसी के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने कहा कि विराट कोहली अपने क्रिकेट के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करते हैं और वह हमेशा करते हैं.

जब वे खराब दौर से गुजर रहे थे, तो उन्होंने कड़ी मेहनत की. हम देख रहे हैं कि वह लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वह अपने प्रैक्टिस सेशन को गंभीरता से लेते हैं और उसमें अपनी पूरी कोशिश डालते हैं.

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