मंगलवार 9 जुलाई को आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मुकाबला होना है. भारत और न्यूजीलैंड की टीमें मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में आमने-सामने होंगी. दोनों टीमों ने इस वर्ल्ड कप में सिर्फ एक-दूसरे के खिलाफ मैच नहीं खेला, क्योंकि नॉटिंघम में होने वाला वो मैच बारिश के कारण धुल गया था.
हालांकि, दोनों टीमें वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले वॉर्म-अप मैच में भिड़ी थीं. उसमें न्यूजीलैंड ने भारत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. वहीं साल की शुरुआत में दोनों टीमों के बीच हुई वनडे सीरीज में भारत ने 4-1 से आसान जीत दर्ज की थी.
हालांकि वर्ल्ड कप शुरू होने के बाद दोनों टीमों का प्रदर्शन अलग-अलग स्तर पर कुछ हटकर रहा है. भारत के लिए कुछ ही खिलाड़ियों ने नियमित प्रदर्शन किया है, जबकि न्यूजीलैंड के लिए ज्यादातर मौकों पर कप्तान विलियमसन और लॉकी फर्ग्यूसन ने ही टक्कर दी.
इसके बावजूद न्यूजीलैंड के कुछ खिलाड़ियों से टीम इंडिया को संभलकर रहना होगा.
केन विलियमसन
न्यूजीलैंड का इकलौता ऐसा खिलाड़ी, जो किसी भी टीम को परेशान कर सकता है, तो वो है इस टीम का कप्तान- केन विलियमसन. न्यूजीलैंड अगर इस बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची है, तो उसमें सबसे बड़ा रोल विलियमसन का ही है.
विलियमसन ने वर्ल्ड कप 2019 में 7 पारियों में 481 रन बनाए हैं, जिसमें दो बेहतरीन शतक शामिल हैं. विलियमसन का औसत इस टूर्नामेंट में 96 का है, जो सभी बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा है. केन का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड उनके ओवरऑल करियर एवरेज से कम है, फिर भी भारत के खिलाफ 1000 रन बनाने के करीब हैं.
बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि प्रदर्शन की भी है. न्यूजीलैंड के ओपनर्स इस पूरे वर्ल्ड कप में फ्लॉप रहे हैं. ऐसे में हर बार जिम्मेदारी आई विलियमसन पर और उन्होंने इसे निभाया भी.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ मुश्किल में फंसे मैच में विलियमसन ने आखिर तक बल्लेबाजी कर शतक लगाया और टीम को जीत दिलाई. वहीं अगले ही मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक और बेहतरीन शतक लगाकर टीम को अच्छे टोटल तक पहुंचाया.
भारत के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में भी छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए खराब शुरुआत के बावजूद टीम को संभाला और फिर आसान जीत दिलाई थी. ऐसे में अगर टीम इंडिया को न्यूजीलैंड से पार पाना है, तो केन विलियमसन का विकेट सबसे अहम साबित होगा.
ट्रेंट बोल्ट
गेंदबाजी में न्यूजीलैंड के सबसे भरोसेमंद और सबसे घातक हथियार. अगर इस वर्ल्ड कप पर नजर डाली जाए, तो ऐसा लगेगा कि बोल्ट का प्रदर्शन उनके खुद के स्तर से कम ही रहा. हालांकि, आखिरी के लीग मैचों में उन्होंने अपनी पुरानी धार हासिल की और एक बार फिर तेजी से विकेट लेने लगे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर की हैट्रिक और वेस्टइंडीज के खिलाफ किफायती गेंदबाजी के साथ विकेट, इनमें सबसे खास थे. वो अभी तक वर्ल्ड कप में 15 विकेट हासिल कर चुके हैं. भारत के खिलाफ वनडे करियर में भी बोल्ट ने 22 विकेट लिए हैं.
रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर कमाल का प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन ट्रेंट बोल्ट की स्पीड और इनस्विंग दाएं हाथ के तीनों बल्लेबाजों के लिए बड़ा खतरा होगी, जिससे बचना बहुत जरूरी होगा.
वॉर्म-अप मैच में और उससे पहले न्यूजीलैंड सीरीज के दौरान भी बोल्ट ने रोहित शर्मा समेत टॉप ऑर्डर को परेशान किया था. एक बार रोहित और कोहली आउट हो गए, तो उनके लिए भारत के कमजोर मिडिल ऑर्डर से निपटना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.
जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है, अगर मैनचेस्टर में बादल छाए रहते हैं, तो ट्रेंट बोल्ट टीम इंडिया के लिए और भी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं.
रॉस टेलर
रॉस टेलर न्यूजीलैंड के सबसे अनुभवी बल्लेबाज हैं. इसके साथ ही उनका भारत के खिलाफ रिकॉर्ड भी अच्छा है. टेलर ने भारत के खिलाफ 1100 से ज्यादा रन भी बनाए हैं. ऐसे में उन पर इस मैच में काफी कुछ निर्भर करेगा.
न्यूजीलैंड टीम में विलियमसन के अलावा टेलर भी स्पिन के अच्छे खिलाड़ी हैं. ऐसे में वो भारतीय स्पिनरों के सामने एक अच्छी चुनौती पेश कर सकते हैं.
हालांकि इस वर्ल्ड कप में रॉस टेलर एक बार फिर निरंतरता की कमी से जूझते दिखे और 8 मैचों में सिर्फ 261 रन ही बना पाए हैं. कई मौकों पर टेलर को शुरुआत तो अच्छी मिली लेकिन वो उसे बडे स्कोर में तब्दील करने में नाकाम रहे. इसका खामियाजा उनकी टीम को भी उठाना पड़ा.
हालांकि इसके बावजूद टेलर के खतरे को टीम इंडिया अनदेखा नहीं कर सकती. खासकर विलियमसन के साथ टेलर ने कई बार ऐसी साझेदारियां की हैं, जिनसे मैचों का रुख बदल गया. टेलर ने वॉर्म-अप मैच में भी 71 रन बनाए थे और विलियमसन के साथ मिलकर न्यूजीलैंड को जीत दिलाई थी.
लॉकी फर्ग्यूसन
लॉकी फर्ग्यूसन ने सभी की उम्मीदों को सही साबित करते हुए अभी तक वर्ल्ड कप में बेहद शानदार प्रदर्शन किया है. फर्ग्यूसन ने लगभग हर मैच में ही न्यूजीलैंड के लिए प्रभावित किया है और किफायती गेंदबाजी करते हुए जरूरी मौकों पर विकेट निकाले हैं.
फर्ग्यूसन इस वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने 7 मैचों में 17 विकेट लिए हैं और बीच के ओवरों में विकेट लेने में सफलता हासिल की है.
फर्ग्यूसन इस वक्त दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से हैं. फर्ग्यूसन ने इसे ही अपना हथियार बनाया है. फर्ग्यूसन ने अपनी तेज रफ्तार का इस्तेमाल तूफानी यॉर्कर्स के लिए लगातार किया है.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच के दौरान बड़े स्कोर की ओर बढ़ने से रोकने में फर्ग्यूसन की सबसे बड़ी भूमिका थी. वहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ भी उन्होंने बीच के ओवरों में आकर खतरनाक पार्टनरशिप को तोड़कर न्यूजीलैंड की मैच में वापसी कराई.
भारत के खिलाफ फर्ग्यूसन की स्पीड और स्विंग खतरनाक साबित हो सकती है. उनके सामने केएल राहुल को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जिन्हें इस वर्ल्ड कप में पहले भी तेजी से अंदर आती गेंदों के खिलाफ परेशान होते देखा गया है.
जिमी नीशम
न्यूजीलैंड के लिए केन विलियमसन और लॉकी फर्ग्यूसन के अलावा एक और खिलाड़ी ने बेहद प्रभावित किया है और वो हैं ऑलराउंडर जिमी नीशम.
नीशम ने इस साल जनवरी में करीब डेढ़ साल बाद टीम में वापसी की थी और उसके बाद से लगातार गेंद और बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
इसका सबसे बड़ा उदाहरण पाकिस्तान के खिलाफ मैच में दिखा. पाकिस्तान के खिलाफ न्यूजीलैंड ने 100 रन से कम के स्कोर पर ही 5 विकेट खो दिए थे. यहीं पर नीशम ने मोर्चा संभाला और कॉलिन डि ग्रांडहोम के साथ मिलकर मैच बचाऊ पारी खेली. नीशम के उस 97 रन की पारी में साफ दिखा कि वो पारी को संवार भी सकते हैं और फिर जरूरत पड़ने पर तेजी से रन भी बना सकते हैं.
लोअर मिडिल ऑर्डर में आकर बल्ले से 201 रन बनाने वाले नीशम ने गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन किया है. अब तक 11 विकेट ले चुके नीशम ने जरूरी मौकों पर आकर न्यूजीलैंड को विकेट दिलवाए.
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