IPL 2022 अपने अंतिम पड़ाव पर है और टूर्नामेंट में पहली फाइनलिस्ट टीम के रूप में गुजरात टाइटंस ने क्वालीफाई कर लिया है. जबकि अब लखनऊ, आरसीबी और राजस्थान रॉयल्स की टीम में से कोई एक फाइनल में गुजरात से जाकर भिड़ेगी. लेकिन इस लंबे चली लीग में जहां कई नए पुराने खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से दिल जीता तो वहीं कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने उनके फैंस को निराश भी किया. इसी तरह कई टीमों के कप्तानों का प्रदर्शन औसत या खराब रहा तो कई टीमों के कप्तानों ने अपनी टीम को फ्रंट से लीड किया और खिलाड़ियों को प्रेरित किया.
इनमें लखनऊ सुपरजायंट्स के कप्तान केएल राहुल (KL Rahul), गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya), चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni), आरसीबी के कप्तान फाफ डु प्लेसिस (Faf Du Plesis) और राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन (Sanju Samson) शामिल हैं.
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya)
अगर एक कप्तान के तौर पर देखें तो हार्दिक पांड्या ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. वो पहली बार किसी टीम के कप्तान बने हैं और उनकी टीम भी पहली बार आईपीएल में हिस्सा ले रही थी. लेकिन जिस तरीके से हार्दिक पांड्या ने अपनी टीम को चलाया है वो काबिले तारीफ है. हार्दिक की टीम ने टेबल टॉपर के रूप में लीग स्टेज खत्म किया और अब फाइनल में पहुंच चुकी है.
हार्दिक पांड्या ने अपनी टीम को सिर्फ चलाया नहीं है बल्कि खुद भी रन बनाए हैं और विकेट भी लिए हैं. इसी प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया में उनकी वापसी हुई है. क्योंकि पहले हार्दिक पांड्या गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब उन्होंने गेंदबाजी भी शुरू की है और अपनी टीम के लिए अहम मौकों पर विकेट निकाले हैं.
केएल राहुल (KL Rahul)
केएल राहुल पहले भी पंजाब किंग्स के कप्तान थे और उनका प्रदर्शन शानदार रहता था लेकन टीम के हाथ कुछ खास सफलता नहीं लगती थी. लेकिन इस बार टीम बदली तो कप्तान साहब की किस्मत भी बदल गई. नई टीम लखनऊ सुपरजायंट्स की कप्तानी करते हुए केएल राहुल ने अपनी टीम को फ्रंट पर आकर लीड किया है. उन्होंने डिकॉक के साथ मिलकर लखनऊ को ज्यादातर अच्छी शुरुआत दिलाई है. यही वजह है कि अब उनकी प्लेऑफ खेल रही है. पिछले मैच में ही केएलर राहुल ने डिकॉक के साथ मिलकर 200 से ज्यादा रनों की पार्टनरशिप की थी. उनका ये प्रदर्शन सिर्फ टीम को आगे लेकर ही नहीं गया बल्कि उन्होंने बाकी खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया और आशीष बदौनी जैसे नए खिलाड़ियों को मौका देकर उन्होंने अपनी टीम को एक ऑप्शन दिया.
एमएस धोनी (MS Dhoni)
सीजन की शुरुआत से पहले ही हमेशा की तरह सबको चौंकाते हुए धोनी ने रविंद्र जडेजा को अपना उत्तराधिकारी चुना और सीएसके की कमान उनको सौंप दी. लेकिन उनकी टीम बुरी तरह से हारती रही. फिर उसके बाद जडेजा को हटाकर धोनी को फिर से कप्तान बनाया गया तब जाकर टीम ने जीतना शुरू किया. धोनी की कप्तानी की तो पहले से ही कसमें खाई जात हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से उनका अपना प्रदर्शन काफी साधारण रहा था जो इस बार बदल गया और हमें एक बार फिर विंटेज धोनी देखने को मिले. उन्होंने अपनी टीम को लीड तो किया ही साथ ही अपने प्रदर्शन से भी साबित किया कि धोनी अभी भी धोनी ही हैं.
संजू सैमसन (Sanju Samson)
राजस्थान रॉयल्स ने अपने लीग मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन किया और टेबल पर दूसरे नंबर पर फिनिश किया. राजस्थान रॉयल्स के शानदार प्रदर्शन के पीछे जहां जॉस बटलर (औरेंज कैप) और युजवेंद्र चहल (पर्पल कैप) का हाथ था वहीं कप्तान संजू सैमसन का बैट के साथ-साथ बेहतर कप्तानी भी एक कारण है. संजू सैमसन ने फंसे मैचों में टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और अपने गेंदबाजों को अच्छे से चलाया. रवि अश्विन और युजवेंद्र चहल दो टॉप क्लास स्पिनर्स के होते हुए वो कभी परेशान नहीं हुए और दोनों को लगातार खिलाते रहे. इस जोड़ी ने अपनी टीम के लिए मिडिल ओवरों से लेकर डेथ तक में विकेट लिये.
फाफ डु प्लेसिस (Faf Du Plesis)
सीएसके के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले फाफ को इस बार आरसीबी ने खरीदा और विराट कोहली की जगह कप्तान बनाया. विराट कोहली अपनी फॉर्स से भी जूझ रहे थे और टीम इंडिया की कप्तानी भी छोड़ चुके थे. फाफ ने आकर टीम को ना सिर्फ विराट की जगह लेने के बाद अच्छे से चलाया बल्कि प्लेऑफ में पहुंचने में भी अहम किरदार निभाया. उन्होंने विराट की मौजूदगी में टीम को संभाला जो सबसे बड़ा चैलेंज था क्योंकि लंबे अरसे से विराट कोहली इस टीम को लीड करते आ रहे थे और मैदान पर भी वो हमेशा एक्टिव रहते हैं. लेकिन फाफ ने इस चुनौती को पार करते हुअ अपनी टीम को ट्रॉफी की रेस में लाकर खड़ा कर दिया.
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