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अफजल गुरु के बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप के लिए चाहिए पासपोर्ट

18 साल के गालिब जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में अपनी मां के साथ रहते हैं.

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गालिब गुरु, उसी अफजल गुरु का बेटा, जिसे साल 2013 में संसद पर हमला करने के मामले में फांसी की सजा दी गई थी, उसने कहा है कि अब उसके पास आधार कार्ड है और उसे उम्मीद है कि उसे विदेश में मेडिकल स्कॉलरशिप के लिए भारतीय पासपोर्ट मिलेगा.

गालिब ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं ये अपील करता हूं कि मुझे पासपोर्ट मिलना चाहिए. मेरे पास आधार कार्ड भी है. अगर मुझे पासपोर्ट मिल जाता है तो मुझे अंतरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप मिल जाएगी.’’

18 साल के गालिब जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में अपनी मां के साथ रहते हैं. गालिब के मुताबिक उनको साल 2013 में आधार कार्ड मिला था.

एक अखबार के मुताबिक, गालिब भारत में ही किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहेंगे, लेकिन वो कुछ ऑप्शन भी खुले रखना चाहते हैं.

‘‘अगर मैं यहां किसी कॉलेज के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाता हूं, तो मैं बाहर जाना चाहूंगा. बाद में तुर्की का एक कॉलेज मुझे स्कॉलरशिप दे सकता है.’’ गालिब ने एएनआई से बात करते हुए बताया. 

एकांत की जिंदगी के लिए मां को बताते हैं जिम्मेदार

'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक खबर के मुताबिक, गालिब गुरु ने कहा कि उनकी मां ने उनको लोकल और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से अलग थलग रखा है.

‘‘मेरे एकांत के लिए मेरी मां को श्रेय जाता है. मैं जब पांचवीं क्लास में था, तभी से उन्होंने मेरे लिए एक एकांत बना दिया था. मुझसे बचपन में ही कहा था कि अगर कोई कुछ कहे, तो उसका जवाब मत देना. मेरे लिए मेरी प्राथमिकता मेरी मां हैं, न कि वो जो लोग कहते हैं.’’ 

गालिब ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया.

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