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मोटेरा में पीएम मोदी का ट्रंप कार्ड, डोनाल्ड ट्रंप का मोदी मंत्र

केमिस्ट्री ऐसी थी कि डोनाल्ड मोदी हो गए और नरेंद्र ट्रंप!

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कैमरापर्सन: मुकुल भंडारी

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

प्रोड्यूसर: कौशिकी कश्यप

डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का पहला दिन काफी अच्छा गया. ऐसा इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप दोनों ने एक-दूसरे की जमकर तारीफें की. केमिस्ट्री ऐसी थी कि डोनाल्ड मोदी हो गए और नरेंद्र ट्रंप!

'नमस्ते ट्रंप' से डोनाल्ड ट्रंप को क्या मिला?

राष्ट्रपति ट्रंप को भीड़ पसंद है. चुनाव प्रचार के लिए वो फुटबॉल मैच, प्रोफेशनल फाइट या ऑटो रेसिंग में भीड़ की वजह से चले जाते हैं. मोटेरा स्टेडियम में 1-सवा लाख लोगों का जमावड़ा था, जिसे ट्रंप ने संबोधित किया. ये उनके लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो नरेंद्र मोदी ने उन्हें तोहफे में दिया.

ट्रंप का फोकस इस बात पर था कि भारतीय और अमेरिका में बसे भारतीय, अमेरिका की तरक्की में कितना योगदान दे रहे हैं. डेटा कहता है कि 2016 के अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को 20% से भी कम भारतीयों के वोट मिले थे. वहां के लोग डेमोक्रेट मिजाज के हैं, इसलिए 80% वोट डेमोक्रेट्स को मिले. इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी में काफी ताकत है. इनकी वोट में काफी ताकत है इसलिए ट्रंप इनको साधना चाहते थे.

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ये बात गौर करने वाली है कि कोई भी अमेरिकन राष्ट्रपति जब भारत आता है तो वो पाकिस्तान भी जाता है, लेकिन इस बात की खुशी मनाइए कि ट्रंप पाकिस्तान नहीं जा रहे. अफगानिस्तान में तालिबान से बातचीत में पाकिस्तान ने इनडायरेक्टली अहम भूमिका निभाई है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ट्रंप ने ये संदेश दिया कि इस्लामिक रेडिकल टेरर के खिलाफ दोनों देश भारत और अमेरिका एक जैसे हैं. पाकिस्तान दोस्त तो है हालांकि वो इसके खिलाफ कार्रवाई में मदद कर रहा है.

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जहां तक बात रही डील की तो ट्रंप ने आर्म्ड और अनआर्म्ड एरियल वेहीकल्स, रॉकेट, मिसाइल की बात कही. उन्होंने कहा- वो भारत को प्रीमियर पार्टनर बनाना चाहते हैं. भारत इन मामलों में फ्रांस को ज्यादा अहमियत दे रहा है, इसलिए ट्रंप ने अमेरिका का हार्डसेल बखूबी किया. ट्रेड के मामले में उन्होंने बता दिया कि ‘गुड डील’ में वक्त लगेगा. उन्होंने मोदी को टफ निगोशिएटर बताया.

मोदी जी को सेकेंड टर्म के लिए जो ग्लोबल प्ले चाहिए था, वो उन्होंने हासिल कर लिया. इसलिए उन्होंने ये आयोजन अहमदाबाद में किया. देखना ये होगा कि वो अब इस रिश्ते की बदौलत दूसरे देशों के साथ लेवरेज कर पाएंगे. विदेशी निवेश लाना प्राथमिकता है.

चीन को बैलेंस करने के लिए भारत और अमेरिका लॉन्ग टर्म स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है. दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत आनेवाले दिनों में शेप लेगी.

बात करें ट्रंप के भाषण कि तो वो अपने लड़खड़ाने वाले वोल के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उन्होंने अहमदाबाद में स्क्रिप्टेड भाषण पढ़ा जिससे गलतियों की गुंजाइश नहीं बची. दूसरे दिन दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें सवाल-जवाब की संभावना नहीं है.

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