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ट्रंप मोदी के नए भक्त, लेकिन ट्रेड डील पर उतने ही सख्त

ट्रंप के भारत दौरे का निचोड़ क्या है?

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कैमरापर्सन: शिव कुमार मौर्य

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

प्रोड्यूसर: कौशिकी कश्यप

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डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा अभूतपूर्व है. इससे भारत और अमेरिका के रिश्ते नए मुकाम पर पहुंचे हैं. दोनों देशों के बीच जो कंप्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप थी, उसे रिब्रांड कर ग्लोबल कंप्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप कर दिया गया है. लेकिन ये लॉन्ग टर्म के आयाम हैं. इस यात्रा के शॉर्ट टर्म आयाम की बात करें तो वो ट्रंप के प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकलकर आई है. ट्रंप की पूरी यात्रा यूं तो स्क्रिप्टेड थी लेकिन ट्रंप ने भी इसका खयाल रखा कि उनका कोई बयान पूरी यात्रा पर पानी न फेर दे. हालांकि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से ब्योरा मिल गया कि उनकी यात्रा से भारत को क्या मिला और अमेरिका को क्या मिला.

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कश्मीर पर उन्होंने बोला कि कश्मीर पर मोदी जी से बहुत बातचीत हुई. हर कहानी के दो पहलू हैं. कश्‍मीर लंबे समय से भारत और पाकिस्‍तान के बीच बड़ी समस्‍या रहा है, जिसे दोनों देश सुलझाएंगे. उन्होंने कहा कि इस मसले पर मदद की जरूरत होगी तो वो उसके लिए तैयार हैं. उन्होंने अमेरिका के ‘ओपन’ नजरिये को बनाए रखा. वजह ये हो सकती है कि अफगानिस्तान में तालिबान से डील करने में उन्हें पाकिस्तान के समर्थन की जरूरत रही. इसलिए उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान भी हमारी मदद कर रहा है.

तो पाकिस्तान को लेकर जो हम निगेटिव बयान सुनना चाहते थे, उन्होंने ऐसा बिल्कुल नहीं किया.

सीएए के सवाल पर वो बोले कि सीएए भारत का अंदरुनी मामला है. पीएम मोदी इस्‍लाम और ईसाई धर्म के लिए भी काम कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि पीएम ने कहा कि वह चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो. भारत में सभी धर्मों का सम्‍मान है.

दिल्ली में हिंसा पर वो अंदरूनी घटना कहकर कन्नी काट गए.

उन्होंने कहीं न कहीं चीन को बैलेंस करने की कोशिश की है. ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए चीन बहुत मेहनत कर रहा है और अमेरिका इसमें चीन की मदद कर रहा है.

भारतीय सीईओ से मुलाकात का इस्तेमाल वो अमेरिका चुनाव प्रचार में ये कहकर करेंगे कि वो भारत से निवेश लेकर आए हैं. डील के मामले में उन्होंने पहले दिन ही मोदी को टफ निगोशिएटर बताकर बहुत कुछ साफ कर दिया था कि फिलहाल बिग डील नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि- मेरा मानना है कि आप जब भारत के साथ डील करते हैं तो शुल्क के तौर पर बड़ी रकम देनी पड़ती है. भारत में हार्ले डेविडसन को मोटरसाइकिल बेचने के लिए भारी टैरिफ चुकाना पड़ता है. मैंने इस बारे में पीएम मोदी से बात की है. मुझे लगता है कि भारत को इस बारे में सोचना चाहिए. हम डील के करीब हैं.

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कश्मीर पर बयान, धार्मिक आजादी पर बयान और ट्रेड डील पर खास काम न हो पाना, इस यात्रा से बहुत क्रांतिकारी चीज निकलती नजर नहीं आई.

ट्रंप के भारत दौरे का निचोड़ ये रहा कि ट्रंप और मोदी की केमिस्ट्री कमाल की है. वो मोदी जी से प्रभावित हैं. आप कह सकते हैं कि भले ही वो ट्रेड डील पर सख्त हैं लेकिन मोदी के नए-नए भक्त हैं. दोनों देशों की दोस्ती स्ट्रैटजिक मामलों, जियो पॉलिटिकल मामलों में, डिप्लोमेटिक मामलों में नई ऊंचाई पर पहुंची है. इकनॉमिक फ्रंट पर वर्क इन प्रोग्रेस है. भारत को और प्राथमिकता चाहिए. शायद ट्रंप ये चुनाव के बाद समझ जाएं.

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