ADVERTISEMENTREMOVE AD

महंगाई में मलाई काट रहे कुछ निवेशक, समझिए क्या है इनफ्लेशन ट्रेडिंग

बाजार की गुप्त विज्ञा जानने वाले मार्केट गुरू Russia Ukraine crisis में भी करेंगे कमाई, कैसे?पढ़ें इस आर्टिकल में.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

यूक्रेन विवाद (Russia Ukraine crisis) को लेकर अमेरिका और रूस के बीच में तनाव (America Russia conflict) चरम पर पहुंच गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस और यूक्रेन से अलग होने की घोषणा करने वाले इलाकों पर कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, इनमें बिजनेस-फाइनेंस से जुड़ी पाबंदियां भी शामिल है. इस अंतरराष्ट्रीय हलचल ने दुनिया भर के बाजारों पर असर डाला है.

मुद्रास्फीति (Inflation) के आंकड़े पहले से ही लगातार बिगड़ रहे हैं और अब इसके और भी ऊंचे स्तर तक जाने की आशंका है. मुद्रास्फीति यानी इन्फ्लेशन का नाम वैसे तो पूरी दुनिया के लिए चिंता पैदा करने वाला होता है, पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सक्रिय कुछ फंड मैनेजर्स का एक छोटा समूह ऐसा भी है जिसके लिए मुद्रास्फीति एक बड़ा अवसर बन जाती है.

इन फंड मैनेजर्स के पास इस कठिन दौर से निपटने के लिए बाजार की एक खास गुप्त विज्ञा हासिल है, जिससे से महंगाई के दौर में भी मलाई काट रहे हैं. इस खास आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि वह खास विद्या क्या है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

विपरीत हालात में रेवेन्यू दोगुना

इनफ्लेशन ट्रेडिंग यानि मुद्रास्फीति के मुश्किल समय में व्यापार एक ऐसी विशेषज्ञता वाला क्षेत्र हो गया है, जो दुनिया के कई बड़े बैंकों और हेज फंडों के लिए बहुत ही आकर्षक हो गया है. गोल्डमैन सैश ग्रुप एक ऐसा ही ग्रुप है, जो मुद्रास्फीति के कठिन समय में ट्रेडिंग करने इस अत्यंत दुरुह कला में अग्रणी बन चला है.

38 वर्षीय निखिल चोरारिया लंदन में गोल्डमैन सैश ग्रुप कंपनी का कामकाज देखते हैं. वह अपने क्लाइंट्स के आगे ऐसे वित्तीय मॉडल डालते हैं, जो मुद्रास्फीति के समय में होने उतार-चढ़ावों का रिस्क कम कर उनको लाभ पीटने में मदद करते हैं. पिछले सालों में निखिल और उनकी टीम ने दशकों की सबसे बड़ी मुद्रास्फीति के दौर में भी ट्रेड में लाभ कमाने के मौके निकाल ही लिए. उनके तरीके वैश्विक अर्थव्यवस्था को चकित करने वाले रहे और कई बड़े सेंट्रल बैंकों के कर्ताधर्ताओं की आंखें तो उनके एडवाइज किए मॉडल देख चौंधिया ही गईं हैं. चोरारिया 2007 से गोल्डमैन में हैं और 2018 में उन्हें पार्टनर के रूप में पदोन्नत किया गया था. वह यहां मुद्रास्फीति डेस्क के प्रमुख हैं.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार गोल्डमैन ने अपनी फर्म से सलाह लेने वाली क्लाइंट कंपनियों को मुद्रास्फीति के समय में भी साल 2021 में 450 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट करने में मदद की, यह लाभ पिछले वर्षों में उनके कमाए लाभ से दोगुना था. लंदन में ट्रेडवेब मार्केट्स इंक के आंकड़ों के अनुसार, मुद्रास्फीति से जुड़े सरकारी बॉन्ड और डेरिवेटिव में साल 2021 का औसत दैनिक व्यापार एक साल पहले की तुलना में 30 प्रतिशत और 2019 के स्तर से दोगुना से अधिक है. जब लाभ कमाने के अन्य स्राेत सूख जाते हैं तो यह इनफ्लेशन ट्रेड ही रेवेन्यू को बचाए रखने में मदद करता है.

ये भी कमा रहे मुनाफा

इनफ्लेशन ट्रेडिंग से मुनाफा कमाने वाले और भी बड़े खिलाड़ी दुनिया में मौजूद हैं. न्यूयॉर्क की जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी में नॉन लीनियर ग्लोबल हैड गिल होम्स ने कंपनी को पिछले साल की मुद्रास्फीति के दौर में इनफ्लेशन ट्रेडिंग के जरिए लगभग 300 मिलियन डॉलर्स की रकम कमाने में मदद की, जबकि बार्कलेज पीएलसी और मॉर्गन स्टेनली के व्यापारियों ने इस स्थिति में मुनाफा कमाया.

वैली एनालिटिक्स लिमिटेड का कहना है कि, ''वॉल स्ट्रीट के बड़े बैंकों ने 2021 में मुद्रास्फीति के समय में लगभग 2.3 बिलियन डॉलर का भुगतान व्यारियों को किया, जो 2019 में उनके द्वारा किए गए भुगतान से दोगुना ज्यादा था. इससे स्पष्ट है कि जब व्यापार में आय के कई सारे स्रोत सूख रहे थे तब इनफ्लेशन ट्रेडिंग की गुप्त विज्ञा के जरिए महंगाई के इस दौर में भी मलाई काटी जा रही थी.''
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है इनफ्लेशन ट्रेडिंग

इनफ्लेशन ट्रेडिंग करने वाले किसी हॉरर फिल्म के डायरेक्टर्स की तरह अपने क्लाइंट के आगे पहले ही इस डिस्क्लेमर का बोर्ड टांग देते हैं कि यह व्यापार कमजोर दिल वालों के बस का नहीं है. यह भी जरूरी नहीं है कि हर समय इसमें फेंका गया हर दांव सही ही पड़ जाए. उन केवल उन ट्रेडर्स के लिए है जो घाटे की रिस्क लेकर चुनौतियों के मैदान में कूद पड़ते हैं. आज के दौर में तो मुद्रास्फीति आखिरकार एक सोने की खान बन गई है, क्योंकि बढ़ती ऊर्जा लागत और खराब सप्लाई चेन की वजह से लगभग हर चीज की लागत और कीमत दोनों ही बढ़ चुकी हैं. ऐसे वक्त में इनफ्लेशन ट्रेडिंग करने वाले चैलेंजर्स इसके अखाड़े में कूद पड़ने को बेताब नजर आते हैं.

सिटीग्रुप इंक के एक पूर्व बैंकर पीटर हैन ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा है कि, "निश्चित आय वाले इनवेस्टर शून्य-ब्याज दर के माहौल के खत्म होने से बहुत अधिक नर्वस हैं, अब उन्हें इनफ्लेशन ट्रेडिंग के निवेश की ओर बढ़ना ही होगा।"

ADVERTISEMENTREMOVE AD

22 की आयु में वाइस प्रेसिडेंट का ओहदा

गोल्डमैन सैश कंपनी अपने इस व्यापार को और इसे समझने वाले विशेषज्ञों को कितना सीरियसली लेती है, इसे इस उदाहरण से समझिए. 2016 में वजीह अहमद नाम का 18 वर्षीय एक युवा साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन डिग्री लेकर समर इंटर्नशिप के लिए गोल्डमैन सैश ग्रुप के लंदन ऑफिस में आया. उसे समझाने और इस फील्ड की स्टडी कराने के लिए एक जटिल प्रोजेक्ट करने दिया गया, जिसे आम तौर पर कंपनी का कोई जानकार अधिकारी भी करने में कम से कम 7 दिन तो लेता ही. वजीह इस बेहद कठिन प्राेजेक्ट को केवल दो घंटे में ही निपटाकर अपने सीनियर्स के आगे खड़ा था.

इसका परिणाम यह हुआ कि केवल 20 वर्ष की आयु में ही उसे एक्जीक्यूटिव और 22 वर्ष की आयु में वाइस प्रेसिडेंट के ओहदे दिए गए. वह गोल्डमैन सैश कंपनी की सबसे इंपोर्टेंट लंदन डेस्क में इनफ्लेशन ट्रेड का ही काम देखता हैं और निखिल चोरारिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करता है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुद्रास्फीति के आंकड़े चिंता का सबब

अमेरिका और पूरी दुनिया में मुद्रास्फीति के आंकड़े इनवेस्टर्स के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं. अमेरिका का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 7.5 परसेंट के लेवल पर है. यह 1982 के उस साल के बाद अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जब गोल्डमैन सैश ग्रुप को चलाने वाले निखिल चोरारिया का तो जन्म भी नहीं हुआ था.

ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई का आलम यह है कि दस में से एक व्यक्ति तो अपने घर में बिजली का खर्चा भी वहन करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है. यूके की कीमतों में वृद्धि 2009 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. यूरोपीय संघ में सरकारें नागरिकों को उनके बढ़ते बिलों से निपटने में मदद करने के लिए राहत पैकेज दे रही हैं. लैटिन अमेरिका से लेकर दक्षिण एशिया तक के परिवार भी बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं.

वर्ल्ड लेवल पर केंद्रीय बैंक इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इस प्रेशर को कम करने के लिए आर्थिक सुधार में बाधा डाले बिना उन्हें ब्याज दरों में कितना इजाफा करना चाहिए. डबलिन में बैंक ऑफ आयरलैंड समूह के मुद्रास्फीति व्यापार के प्रमुख सेमिन सोहर पावर ने खुद कहा है कि "मुद्रास्फीति की अस्थिरता में काफी वृद्धि हुई है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कीमतें 30 वर्ष के हाई लेवल पर

बाजार कीमतें भी 30 वर्ष के हाई लेवल पर हैं. रेंट मार्केट की मुद्रास्फीति भी बढ़ रही है. रिम्यूनेरेशन पर फेडरल रिजर्व अटलांटा के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं, जिसमें पांच फीसदी का इजाफा हुआ है. वे जानकार जो अक्सर मुद्रास्फीति को अस्थायी मानते हैं और कहते हैं कि कीमतें जल्द ही सामान्य हो जाती हैं,वे भी इस हालत से चिंतिंत हैं. संभव है कि शीर्ष मुद्रास्फीति आने वाले समय में कम हो जाए, लेकिन आसन्न यूक्रेन संकट के मद्देनजर तेल दाम बढ़ने से यह गारंटी नहीं है कि फ्यूचर में कीमतें फेड के दो फीसदी के लक्ष्य तक कम हो पाएंगी. आंकड़े बिगड़ते ही जा रहे हैं.

आर्थिक मामलों की जानकार वेबसाइट ईफाइनेंशियल पर दिए विशेषज्ञों के ये कुछ बयान पढ़िए: 2022 साल के बारे में एक बात निश्चित तौर पर सही लगती है कि मुद्रास्फीति आगे और भी बढ़ने वाली है. पिछले हफ्ते की शुरुआत में कुछ अमेरिकी अर्थशास्त्री केवल अमेरिका में ही 10% मुद्रास्फीति की भविष्यवाणी कर रहे थे. तेल का मूल्य अभी 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं, जो 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है. यदि यूक्रेन में संघर्ष तेल को 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर ले जाता है तो मुद्रास्फीति का ग्राफ और ऊपर चढ़ना शुरू होगा.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

यह विद्या सुनहरा मौका

जानकारों के अभी जो अनुमान हैं उनके अनुसार मुद्रास्फीति 12 से 18 महीने तक हाई लेवल पर रह सकती है. पर यदि यह अंदाज गलत साबित हो गया और मुद्रास्फीति इससे भी ज्यादा लंबे टाइम तक बढ़ी तो हालात गंभीर हो जाएंगे. ऐसे में बाजार और व्यापार के तौर तरीकों और व्यवस्था तक में चेंज लाने का नया दौर शुरू हो सकता है. बॉन्ड, शेयर, गोल्ड, संपत्तियों, फंड, मुद्रा सबके बारे में नए सिरे से सोचा जाएगा और वह नया दौर इनफ्लेशन में भी मुनाफा कूटने वाली गोल्डमैन सैश ग्रुप जैसी कंपनियों के लिए बेहद ही सुनहरा हो सकता है, क्योकि उनके पास मुद्रास्फीति के कठिन समय में ट्रेडिंग करने की अत्यंत रेयर कला जो साथ होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×