बिहार (Bihar) में सोमवार (12 फरवरी) को नई सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना है. पिछले चार साल में यह तीसरा मौका है, जब राज्य सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ा रहा है, वजह हैं नीतीश कुमार, जो चार वर्षों में दूसरी बार "यू टर्न" लेते हुए तीसरी बार सीएम बनें हैं.
कौन जीतेगा फ्लोर टेस्ट?
फ्लोर टेस्ट को लेकर जहां सत्ता पक्ष का दावा है कि वो आसानी से बहुमत साबित कर लेगी तो वहीं आरजेडी के नेतृत्व वाली महागठबंधन का कहना है कि "खेला होना अभी बाकी है". रविवार (11 फरवरी) को पटना में सियासी सरगर्मियां तेज थी. ठंड में भी राजधानी का सियासी पारा हाई है. प्रशिक्षिण शिविर से जहां बीजेपी विधायक गया से देर शाम पटना पहुंचे तो वहीं, नीतीश के सबसे विश्वस्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के घर जदयू विधायकों का जमावड़ा लगा, जिसमें खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, बीजेपी की शिविर में तीन विधायक नदारद रहने से पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है. वहीं, चौधरी के आवास पर भी बीमा भारती, सुदर्शन, दिलीप राय व रिंकू सिंह समेत 5 विधायक नहीं पहुंचे थे, जिसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो मंत्री श्रवण कुमार के घर शनिवार (10 फरवरी) को हुई बैठक में भी जदयू के दस विधायक नहीं पहुंचे थे. हालांकि, रविवार (11 फरवरी) को अपनी पार्टी के विधायकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- "आप लोग घबराइये नहीं, कुछ नहीं होने जा रहा है. संख्या बल हमारे पास है."
वहीं, JDU की बैठक के बाद विधायक गोपाल मंडल ने कहा, "2-3 विधायक बैठक में मौजूद नहीं थे लेकिन वे हमारे संपर्क में हैं. कोई खेला नहीं है."
हालांकि, राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर लिखा, "आश्चर्य है! कैसे अफवाह व भ्रम फैलाये जाते हैं! सुर्ख़ियों में है खबर - जदयू विधायक गायब/मोबाइल बन्द! अरे भाई, खबरों में घसीटे जा रहे विधायकों में से एक श्रीमती शालिनी मिश्रा जी अभी मेरे साथ दिल्ली से पटना आ रही फ्लाइट में बैठी हैं. आखिर निजी व्यस्तता भी होती है सबकी."
HAM के साथ का विश्वास
इस बीच HAM के राष्ट्रीय संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि NDA में 128 विधायक हैं, और हम जहां तक समझते हैं कि 128 से एक दो और ज्यादा बढ़ेंगे. क्योंकि वर्तमान समय में सभी लोग नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व के कायल हैं.
तेजस्वी यादव के आवास की बढ़ाई गई सुरक्षा
इधर, महागठबंधन भी अपने विधायकों को एकजुट करने में जुटी है. हैदराबाद गए कांग्रेस के विधायक रविवार तक पटना पहुंच गए हैं, जबकि तेजस्वी यादव के आवास पर राजद सहित महागठबंधन के विधायकों को एक साथ रखा गया है.
शनिवार (10 फरवरी) को एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें महागठबंधन के विधायक तेजस्वी यादव के आवास पर संगीत का आनंद लेते दिखे थे.
वहीं, रविवार को तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास की सुरक्षा बढ़ा गई.
आरजेडी ने एक्स पर लिखा, "नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हजारों की संख्या में पुलिस भेज तेजस्वी जी के आवास को चारों तरफ़ से घेर लिया है. ये किसी भी तरह से किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते है. बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कुकर्म देख रही है.
याद रहे हम डरने और झुकने वालों में से नहीं है. ये वैचारिकी का संघर्ष है और हम इसे लड़ेंगे और जीतेंगे क्योंकि बिहार की न्यायप्रिय जनता इस पुलिसिया दमन का प्रतिकार करेगी। जय बिहार! जय हिन्द."
तेजस्वी यादव के आवास के बाहर तैनात बल पर, RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, "स्वतंत्र भारत में किसी भी राज्य में ऐसा (पहले) कभी नहीं हुआ. यह विधानमंडल की बैठक है. अगर बीजेपी करे (बैठक) तो 'रासलीला' अगर आरजेडी'' करे (अगर राजद अपने विधायकों के साथ दो दिनों तक पटना में बैठक कर रही है) तो 'कैरेक्टर ढीला."
हालांकि, इस बीच विधायक चेतन आनंद के गायब होने की खबर भी पटना में गूंजती रही. इस पर पटना पुलिस ने कहा, "दिनांक 11.02.24 को अंशुमन आनंद के द्वारा पाटलिपुत्र थाना में सूचना दी गई की उनके बड़े भाई चेतन आनंद, विधायक शिवहर, 10 फरवरी से लापता हैं. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित करवाई करते हुए पुलिस द्वारा माननीय विधायक को उनके स्वेच्छा से उनके परिजन के पास पहुंचाया गया."
JDU MLA को नवादा पुलिस ने किया डिटेन
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि खगड़िया जिले के परबत्ता से जेडीयू विधायक संजीव कुमार को नवादा में पुलिस और प्रशासन के द्वारा डिटेन किया गया है. उन्हें वन विश्राम गृह रजौली में रखा गया है. बताया जा रहा है कि विधायक संजीव सरकार से नाराज चल रहे थे और फ्लोर टेस्ट में पार्टी के खिलाफ जाकर मतदान कर सकते थे. विधायक के डिटेन किए जाने के लेकर उनके समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया.
किसके पास कितनी संख्या बल?
बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है. एनडीए में शामिल बीजेपी, जेडीयू और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को छोड़कर किसी के पास भी कोई विधायक नहीं है. बीजेपी 78, जेडीयू 45 और "हम" के चार विधायक हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय सुमित सिंह का भी एनडीए को समर्थन प्राप्त हैं. इस तरह एनडीए के पास 128 की संख्या कागजों पर नजर आती है जो मैजिक नंबर से 6 ज्यादा है. अगर ये मान लिया जाए कि जदयू के पांच विधायक बागी तेवर अपनाते हैं तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 123 विधायक होंगे.
वहीं, विपक्ष के पास 115 विधायक मौजूद हैं. इनमें आरजेडी के पास 79 विधायक, भाकपा माले के पास 12 विधायक, कांग्रेस के पास 19 विधायक, भाकपा के 2 विधायक और AIMIM के 1 विधायक हैं. अगर एआईएमआईएम (AIMIM) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया तो बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 121 हो जाएगा.
स्पीकर को हटाने पर विवाद
वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा स्पीकर को हटाने के लिए NDA ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है. इस पर RJD सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने रविवार (11 फरवरी) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब तक 122 सदस्यों का समर्थन नहीं होता तब तक विधानसभा के अध्यक्ष को नहीं हटाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार स्पीकर को नहीं हटाया गया तो वह कोर्ट जाएंगे.
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