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Qलखनऊ: अखिलेश ने मायावती के साथ फोटो शेयर की, ओपी राजभर बर्खास्त

Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें

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एक्जिट पोल के बाद सियासत हुई गर्म,अखिलेश ने मायावती के साथ फोटो शेयर किया

लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम 23 मई को आएगा लेकिन एग्जिट पोल के रुझान ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है. राजनीतिक दल रिजल्ट आने से पहले अपने सहयोगियों के साथ रणनीति बनाने में व्यस्त हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी बीएसपी सुप्रीमो मायावती से मिलने पहुंचे और उनके साथ अपनी तस्वीर भी ट्विटर पर शेयर की. मुलाकात के बाद उन्होंने मायावती के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि अब अगले कदम की तैयारी.

दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच एक्जिट पोल के अनुमानों पर चर्चा हुई है.अखिलेश ने बैठक के बाद मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं बाद में बात करूंगा.” एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर हालांकि दोनों नेताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

बता दें कि रविवार को जारी हुए एग्जिट पोल के रुझान में एक आध चैनल को छोड़कर सभी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन को 10 से 15 के बीच में सीटें दी हैं.

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राजभर पर गिरी गाज, योगी ने किया बर्खास्त

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्रीपद से बर्खास्त कर दिया है. कि राजभर ने चुनाव के दौरान सारी हदें पार कर दी थी इसीलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका विभाग तात्कालिक तौर पर अनिल राजभर को दे दिया गया है.

ओमप्रकाश राजभर ने हर कदम पर गठबंधन धर्म की मर्यादा का न केवल उल्लंघन किया, बल्कि उसे तार-तार भी किया. इसलिए पार्टी और सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी दोनों को ही सख्त निर्णय लेने पर विवश होना पड़ा है.
महेंद्र नाथ पांडेय

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को लेकर इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह गरीबों की आवाज उठाने की उन्हें सजा मिली है. अगर हक मांगना बगावत है तो समझो हम बागी हैं.

पिछले काफी समय से राजभर बीजेपी से नाराज चल रहे थे. उन्होंने इससे पहले भी अपने इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था. अब लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में कुछ ही दिन बाकी हैं. सब की नजर आने वाले रिजल्ट पर टिकी है.

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बांदा में किसानों का अनशन खत्म

प्रदेश के बांदा जिला मुख्यालय में पिछले छह दिनों से जारी किसानों का अनशन सोमवार को समाप्त हो गया. पेयजल संकट और केन नदी में अवैध बालू के खनन के खिलाफ किसान काफी समय से आंदोलन कर रहे थे. इस सिलसिले में किसानों ने केन नदी में खड़े होकर जल सत्याग्रह भी किया था. बांदा जिले में छाए पीने के पानी का संकट और केन नदी में मशीनों से किए जा रहे अवैध खनन के खिलाफ जिले के किसान पिछले छह दिनों से मुख्यालय पर अनशन पर बैठे हुए थे.

अब यहां के किसानों में जबरदस्त जागरूकता आई है, अपना हक छीन कर लेंगे. जब तक पेयजल का संकट दूर नहीं किया जाता और केन नदी से बालू का अवैध खनन बंद नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
विमल कुमार शर्मा, बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष

किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने बताया कि अनशन समाप्त किया गया है, आंदोलन नहीं. उन्होंने कहा कि किसान पेयजल की उपलब्धता और केन नदी में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा.

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भीषण सड़क हादसा

यूपी के उन्नाव जिले में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर रविवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में बस ड्राइवर की मौत हो गयी और 30 यात्री गंभीर रूप से घायल हैं.बस लखनऊ से आगरा की ओर जा रही थी. इसी दौरान ओवरटेक करते वक्त ट्रक में पीछे से टकरा गई. घटना में घायल हुए सभी यात्रियों के उपचार के लिए लखनऊ ट्रामा सेंटर भेजा गया है. हादसे के समय बस में करीब 80 सवारियां सफर कर रही थी. जानकारी के मुताबिक14 लोग घायल हो गए हैं. इस हादसे में बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई.

तेज रफ्तार की वजह से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इससे पहले 18 मई को भी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भषण सड़क हदासा हुआ था, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

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बिजली संकट से परेशान बनारस के बुनकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र बनारस में बुनकरों का बुरा हाल देखने को मिल रहा है. खबरों के मुताबिक पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में रहने वाले बुनकर बिजली के संकट से जूझ रहे हैं. बिजली संकट के कारण उनके कारोबार में गिरावट आई है और उनके सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो रही है. अधिकतर बुनकरों का कहना है कि जनरेटर को विकल्प के रूप में अपनाना फायदेमंद सौदा नहीं है, क्योंकि उत्पादन में लागत बढ़ जाती है.

इस इलाके में रहने वाले अधिकांश बुनकर लोग मुस्लिम समुदाय से हैं. इनलोगों का आरोप है कि मुसलमान होने के कारण इन्हें खास किस्म का भेदभाव भी झेलना होता है. धंधा चौपट होने के कारण के बारे में बुनकरों की अलग-अलग राय है. कई लोग इसके लिए जीएसटी और नोटबंदी को भी जिम्मेदार मानते हैं.

लंका क्षेत्र में अपनी दुकान बंद करने की योजना बना रहे रफीक अंसारी ने कहा, “पहले नोटबंदी ने हमें मारा, और उसके बाद जीएसटी आ गया और फिर अब बिजली हमारे कारोबार के लिए आफत बन गई है. हमारी जिंदगी का ताना-बाना ही बिगड़ गया है.”

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