प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अप्रैल को वीडियो मैसेज के जरिए देश को संबोधित किया. पीएम ने लोगों से रविवार, 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए दीया जलाने की अपील की.
इसके कुछ मिनटों बाद ही, सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर होने लगे कि कैसे पीएम के इस कदम से कोरोना वायरस खत्म हो सकता है.
दावा
ऐसे ही एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि मोमबत्तियां जलाने से गर्मी पैदा होगी, जिससे तापमान बढ़ेगा और इससे कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा.
मैसेज में लिखा है, "NASA की रिसर्च के मुकाबिक, कोरोना वायरस ज्यादा तापमान में नहीं रह सकता. आईआईटी प्रोफेसर के मुताबिक, अगर 130 मोमबत्तियां साथ में जलाई जाएंगी, तो तापमान 9 डिग्री तक बढ़ जाएगा. तो कोरोना रविवार को रात 9:09 बजे खत्म हो जाएगा. मोदी का मास्टरस्ट्रोक."
सच या झूठ?
क्विंट कंफर्म करता है कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है. पहला, मोमबत्तियों की डाइमेंशन जाने बिना ये जानना मुश्किल है कि मोमबत्तियां जलाने से तापमान बढ़ा है या नहीं. दूसरा, गर्मी से कोरोना वायरस खत्म हो सकता है, ये विवाद का विषय है.
इस वायरल मैसेज में दो दावे किए जा रहे हैं. एक-एक कर इसकी जांच करते हैं.
क्या मोमबत्तियों से तापमान बढ़ेगा?
क्विंट ने आईआईटी बॉम्बे में रिसर्च स्कॉलर अब्दुल अली से बात की. अब्दुल ने बताया कि 130 या इससे ज्यादा मोमबत्तियों से तापमान 9 डिग्री तक नहीं बढ़ाया जा सकता है.
“किसी चीज के जलने से तापमान में बदलाव q=nmCDT फॉर्मुला से कैलकुलेट किया जा सकता है, जहां q हीट एनर्जी है, n मोमबत्तियों की संख्या, m मास और c मोमबत्ती की गर्मी और dt तापमान में बदलाव. इस मामले में, सभी डाइमेंशन नहीं मालूम हैं क्योंकि सभी मोमबत्तियों का आकार और वजन अलग-अलग होगा. अगर सबकुछ ठीक भी रहा, तो भी इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है.”अब्दुल अली, रिसर्च स्कॉलर, आईआईटी बॉम्बे
इसके अलावा, ये दावा कि ज्यादा तापमान से कोरोना वायरस खत्म हो सकता है, इसपर संदेह है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साफ किया है कि गर्म तापमान में भी किसी को कोरोनावायरस हो सकता है.
क्या तापमान बढ़ने से खत्म होगा कोरोना वायरस?
पहले की गई कुछ स्टडी में कहा गया था कि कोरोना वायरस का कहर ज्यादा तापमान में कम हो सकता है, हालांकि, रिसर्चर्स और एपिडेमियोलॉजिस्ट ने इस तरीके पर सवाल खड़े किए थे.
India Spend से बात करते हुए, इंडियम काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक एपिडेमियोलॉजिस्ट ने कहा कि इससे पहले तापमान में वायरस ने कैसा रिएक्ट किया, जरूरी नहीं कि नोवेल कोरोना वायरस भी वैसा ही करे.
Quint Fit ने PHFI (पब्लिस हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी से बात की, जिन्होंने कहा कि कोरोनो वायरस तापमान में बदलाव से प्रभावित होते हैं, लेकिन ये बिहेवियर केवल माइक्रोऑर्गेनिज्म के कुछ लक्षणों तक ही सीमित है.
FORDA (फेडरेशन ऑफ रेसीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) के सेक्रेटरी डॉ. सुनील अरोड़ा ने कहा कि इंसान के शरीर के बाहर वायरस का बिहेवियर 'अप्रत्याशित' है. उन्होंने आगे कहा कि "वायरस पर तापमान के प्रभाव को लेकर ज्यादा स्टडी नहीं हैं और रिसर्चर्स इसका पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं."
इसके अलावा, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक विंग ने भी इसे खारिज किया है.
इससे साफ होता है कि वायरल मैसेज में झूठा दावा किया जा रहा है.
(जबसे ये महामारी फैली है, इंटरनेट पर बहुत सी झूठी बातें तैर रही हैं. क्विंट लगातार ऐसी झूठ और भ्रामक बातों की सच उजागर कर रहा है. आप यहां हमारे फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ सकते हैं.)
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