सोशल मीडिया पर इस हफ्ते कई फेक दावे वायरल हुए. साल 2012 में अमेरिका के एक एयरपोर्ट पर लॉबी में नशे की हालत में पेशाब करते एक हॉलीवुड एक्टर का वीडियो शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) का बता शेयर किया गया.
सरकारी कर्माचारियों के महंगाई भत्ते को स्थगित करने से जुड़े झूठे सर्कुलर से लेकर ड्रग केस के आरोपी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की 1 साल पुरानी फोटो हाल की बता शेयर की गईं.
साथ ही, कोरोना काल से पहले की पीएम मोदी की एक रैली की फोटो को ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से जोड़कर भी शेयर किया गया. ये झूठा दावा भी किया गया कि वक्फ बोर्ड देश की किसी भी संपत्ति को अपना बता सकता है. इस हफ्ते हमने ऐसे ही कई झूठे दावों की पड़ताल कर सच आपको बताया. एक नजर डालते हैं इस हफ्ते के ऐसे ही भ्रामक और झूठे दावों और उनकी पड़ताल पर.
नशे की हालत में एयरपोर्ट पर पेशाब करता ये शख्स शाहरुख का बेटा आर्यन खान नहीं
कुछ समय पहले ही मुंबई ड्रग क्रूज मामले में आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मुंबई के तट पर एक लग्जरी क्रूज पर रेड कर गिरफ्तार किया था. वो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. इसी दौरान एयरपोर्ट के वेटिंग एरिया में पेशाब करते एक शख्स का वीडियो इस दावे से शेयर किया गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान है.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो 2012 का है और अमेरिका का है, न कि इंडिया का. हमें मीडिया वेबसाइट BuzzFeed पर एक स्टोरी मिली, जिसके मुताबिक वीडियो में दिख रहे शख्स की पहचान 'Twilight' फिल्म के एक्टर ब्रोंसन पेलेटियर के रूप में की गई थी. ये स्टोरी 3 जनवरी 2013 को पब्लिश हुई थी. हमें कई और मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनके मुताबिक वीडियो में दिख रहा शख्स हॉलीवुड एक्टर है, जिसके वीडियो को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा था कि शाहरुख खाने के बेटे आर्यन खान ने एयरपोर्ट लॉबी में पेशाब की.
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देश की हर संपत्ति को अपना बता सकता है वक्फ बोर्ड? ये दावा सच नहीं
आए दिन सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर कर ये दावा किया जाता है कि वक्फ बोर्ड कभी भी किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकता है. वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि वक्फ एक्ट के सेक्शन 36, सेक्शन 40 और सेक्शन 40 (1) में वक्फ बोर्ड को किसी की भी संपत्ति हड़पने की छूट दी गई है.
हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. वक्फ एक्ट के नियमों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड सिर्फ उस संपत्ति पर दावा कर सकता है जो इस्लाम धर्म को मानने वाले किसी शख्स ने धार्मिक काम के लिए दान में दी हो.
वक्फ कानूनों के जानकार एसएमएच जैदी ने भी क्विंट से बातचीत में बताया कि वक्फ के पास गैर-मुस्लिमों की संपत्ति या किसी मुस्लिम की निजी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार नहीं है.
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सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर नहीं लगी रोक, फेक है वायरल सर्कुलर
सोशल मीडिया पर एक सर्कुलर शेयर किया जा रहा है, जो वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग के 'ऑफिसमेमोरेंडम' जैसा लग रहा है. 3 जनवरी की तारीख वाले इस ज्ञापन में दावा किया गया है कि बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों को देखते हुए, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत को स्थगित रखा जाएगा, ताकि आने वाली किसी भी अभूतपूर्व स्थिति से निपटा जा सके.
हमें वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर ऐसा कोई सर्कुलर नहीं मिला. इस सर्कुलर पर 'आनंद प्रकाश' के साइन देखे जा सकते हैं. हमें व्यय विभाग के कर्मचारी पेज पर ऐसे किसी शख्स की प्रोफाइल नहीं मिली.
हमें इंडियन रेलवे का एक सर्कुलर मिला, जिसमें आनंद प्रकाश के साइन थे और दोनों साइन एक जैसे ही थे. दोनों साइन की तुलना करने पर, हमने पाया कि ऐसा संभव है कि शेयर किए जा रहे झूठे सर्कुलर में रेलवे के सर्कुलर पर किए गए साइन का इस्तेमाल किया गया हो.
मतलब साफ है कि महंगाई भत्ते को रोकने से जुड़ा फेक सर्कुलर शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक दिया जाएगा.
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ड्रग केस के आरोपी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की ये वायरल तस्वीरें 1 साल पुरानी हैं
ड्रग्स केस के आरोपी अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया के फरार होने की खबर आने के बाद उनकी कुछ तस्वीरें शेयर कर दावा किया गया कि मजीठिया को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में देखा गया. इन तस्वीरों को सोशल मीडिया के साथ कई न्यूज वेबसाइट्स ने भी हाल का बताकर पब्लिश किया.
हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इन तस्वीरों की जांच की, तो सामने आया कि ये काफी पुरानी हैं, उस वक्त मजीठिया पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चल रही थी.
हमें PTC न्यूज की 1 जनवरी, 2021 की ही एक वीडियो रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बिक्रम मजीठिया को दर्शन के लिए जाते देखा जा सकता है. साथ ही इस वीडियो में जिन कपड़ों में बिक्रम मजीठिया हैं, वही कपड़े वायरल हो रही उनकी तस्वीरों में भी देखे जा सकते हैं.
साफ है कि सोशल मीडिया पर बिक्रम मजीठिया की हाल की बताई जा रही तस्वीरें 1 साल पुरानी हैं. तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है.
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पीएम मोदी के रोड शो की पुरानी तस्वीर, कोरोना से जोड़ गलत दावे से वायरल
सोशल मीडिया पर रोड शो करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की एक फोटो शेयर की जा रही है. फोटो को हाल की फोटो बता कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
हमने फोटो को Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें सर्च रिजल्ट में Outlook India की 25 अप्रैल 2019 की एक फोटो गैलरी मिली, जिसमें पीएम मोदी के रोड शो की कई तस्वीरें थीं. इस गैलरी के 48वें नंबर में इसी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
इसके अलावा, हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनके मुताबिक ये फोटो अप्रैल 2019 की है.
Indian Jorunal of Medical Research के मुताबिक, भारत में कोविड को पहला केस 27 जनवरी 2020 को रिकॉर्ड किया गया था. जबकि वायरल फोटो अप्रैल 2019 की है यानी देश में कोरोना आने से पहले की.
मतलब साफ है कि देश के कोरोना की चपेट में आने के पहले पीएम मोदी के रोड शो की फोटो हाल की बता शेयर की जा रही है.
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