सोशल मीडिया पर ये हफ्ता ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी भ्रामक खबरों भरा रहा. इस हफ्ते देश के राष्ट्रपति बदले. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के विदाई समारोह को लेकर ये भ्रामक दावा किया गया कि पीएम मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें इग्नोर किया. जीएसटी (GST) काउंसिल ने कई प्रोडक्ट्स पर लगने वाला टैक्स बढ़ाने और टैक्स के बाहर की कई चीजों को टैक्स के दायरे में लाने का सुझाव दिया तो जीएसटी से जुड़े कई भ्रामक दावे भी सोशल मीडिया पर दिखे. एक नजर में जानिए इन सभी का सच.
1. पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को किया नजरअंदाज ?
AAP नेता संजय सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विदाई का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें देखा जा सकता है कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद हाथ जोड़कर सबका अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं लेकिन मोदी उनकी तरफ नहीं देख रहे.
ये वीडियो अधूरा है और पूरा सच नहीं दिखाता. AAP नेता संजय सिंह ने जो 14 सेकंड का क्लिप शेयर किया, विदाई समारोह का पूरा वीडियो देखने पर पता चलता है कि उससे पहले ही पीएम मोदी राष्ट्रपति का अभिवादन कर चुके थे.
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2. मोदी सरकार की GST से ज्यादा थे UPA सरकार के टैक्स?
सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक वायरल है, जिसमें मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार और पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में लगने वाले टैक्स की तुलना की गई है. इस लिस्ट में सैनेटरी नैपकिन, फर्टिलाइजर, टीवी और रेस्टोरेंट समेत कई तरह के प्रोडक्ट और सर्विसेज पर लगने वाला टैक्स UPA की तुलना में NDA के कार्यकाल में कम दिखाया गया है.
ये तुलना करना ही तथ्यात्मक तौर पर भ्रामक है. क्योंकि GST आने से पहले देश भर में कोई भी एक टैक्स की पॉलिसी नहीं थी. 2005 में वैल्यू ऐडेड टैक्स (VAT) की शुरुआत हुई, जिसके तहत सभी राज्यों में टैक्स अलग होता था.
VAT के अंतर्गत, प्रोडक्ट और सर्विसेज में हर बार वैल्यू ऐड होने पर टैक्स जोड़ा जाता है, जब तक वो बिक नहीं जाता. 2017 में आए GST में प्रोडक्ट और सर्विसेज को देश भर में एक ही टैक्स पॉलिसी में शामिल कर दिया गया.
यूपीए और एनडीए की टैक्स कीमतों में की गई तुलना को लेकर जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज में सेंटर फॉर न्यूज इकोनॉमिक स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर दीपांशू मोहन कहते हैं ''इस तरह दोनों टैक्सेस की तुलना करना सही नहीं है''
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3. चैनलों ने सिंगर की फोटो को SSC Scam केस की आरोपी अर्पिता का बताया?
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला से जोड़कर मुंबई की सिंगर अर्पिता मुखर्जी की तस्वीर को कई न्यूज चैनलों ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता पार्था चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी का बताकर शेयर किया.
टाइम्स नाऊ नवभारत ने भी सिंगर अर्पिता को जवाब देते हुए कहा कि कुछ तकनीकी खराबी की वजह से प्रसारण में गलत फोटो का इस्तेमाल हो गया. News18 Bangla और ABP NEWS ने अपने यूट्यूब चैनलों पर अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर चलाई और खबर के थम्बनेल में फोटो सिंगर अर्पिता मुखर्जी की लगा दी.
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4. अंबेडकर ने कहा था ''आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनते ही खत्म होना चाहिए आरक्षण''?
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद से सोशल मीडिया पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर एक बयान वायरल हो रहा है. अंबेडकर का बताकर वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है "जिस दिन कोई आदिवासी महिला भारत के सर्वोच्च पद 'राष्ट्रपति' तक पहुंच जाएगी। देश में आरक्षण ख़त्म कर दिया जाना चाहिए।"
अंबेडकर के भाषण, लेख और संसदीय बहसों का रिकॉर्ड विदेश मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है. यहां हमें उनका ऐसा कोई बयान नहीं मिला, जिससे वायरल दावे की पुष्टि होती हो.
अंबेडकर के कई सारे लेखों का संपादन करने वाले प्रोफेसर हरि नारके क्विंस को बताया ''जहां तक मैंने पढ़ा है, रिसर्च किया है और जहां तक मेरी समझ है ये बयान फेक है''
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5 : श्मशान में होने वाले अंतिम संस्कार पर लगेगी GST?
सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि श्मशान में अंतिम संस्कार करने पर भी 18% GST कर दी गई है. ये दावा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब विपक्षी दल लगातार कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ने और कुछ वस्तुओं से जीएसटी की छूट वापस लेने के जीएसटी काउंसिल के सुझावों का काफी विरोध कर रहे हैं.
हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. श्मशान समेत कई तरह के इंफ्रास्ट्र्क्चर प्रोजेक्ट्स के निर्माण पर जीएसटी 12% से बढ़कर 18% हो गई है. लेकिन, श्मशान या क्रिमेटोरियम की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं पर लगने वाला टैक्स इसमें शामिल नहीं है.
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