केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में स्मृति को देवी दुर्गा के बारे में बात करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि स्मृति ईरानी ने संसद सत्र के दौरान अपनी स्पीच में देवी का अपमान किया है.
ये दावा ऐसे समय वायरल हो रहा है जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मां काली पर टिप्पणी की है और जिस पर विवाद भी हुआ है.
मोइत्रा ने कहा था, ''हिंदू धर्म में, काली की उपासक होने के नाते मुझे इस तरह से अपनी काली की कल्पना करने की स्वतंत्रता है. ये मेरी स्वतंत्रता है और मुझे नहीं लगता कि किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचनी चाहिए. मुझे उतनी ही स्वतंत्रता चाहिए, जितना आपको अपने भगवान की पूजा करने के लिए लिए चाहिए.''
उन्होंने ये टिप्पणी फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई की फिल्म 'काली' के पोस्टर के संदर्भ में की थी. इस पोस्टर में एक एक्टर को स्मोकिंग करती हुई देवी के रूप में दिखाया गया है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि स्मृति ईरानी के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. ईरानी ने 2016 में संसद में अपनी स्पीच के दौरान, कथित रूप से जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में मिले एक पर्चे को पढ़ रही थीं.
दावा
ईरानी के वीडियो के साथ बंगाली में लिखे हुए कैप्शन का हिंदी इस प्रकार है, ''दोस्तों स्मृति ईरानी की ओर से देवी दुर्गा पर की गई भद्दी टिप्पणी को मत भूलना. स्मृति ईरानी को फॉलो करने वालों के अलावा और कोई नहीं समझ सकता कि उन्होंने देवी के बारे में इतनी बुरी टिप्पणी क्यों की''
वीडियो में ईरानी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''दुर्गापूजा सबसे विवादास्पद नस्लीय त्योहार है, जिसमें एक गोरी चमड़ी वाली सुंदर देवी दुर्गा को महिषासुर नाम के एक सांवले रंग के मूल निवासी को मारते हुए दिखाया जाता है. महिषासुर, एक बहादुर स्वाभिमानी नेता था, जिसके साथ आर्यों ने शादी का छलावा किया.''
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वेरिफाइड हैंडल पर पोस्ट किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला.
ये वीडियो 24 फरवरी 2016 को पोस्ट किया गया था. वीडियो में वायरल क्लिप 31:50 टाइमस्टैंप से देखी जा सकती है.
वीडियो के 31 मिनट 25वें सेकेंड से, स्मृति ईरानी को पोस्टर के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है. जहां वो कह रही हैं कि 10 फरवरी 2016 को JNU में ये पर्चे बांटे गए थे.
इसके बाद वो उस पर्चे को पढ़ती हैं जो देवी दुर्गा के बारे में है. वीडियो का यही हिस्सा भ्रामक संदर्भ से शेयर किया जा रहा है.
साल 2020 में भी इस तरह का दावा वायरल हुआ था. तब सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि न्यूज वेबसाइट The Wire ने जानबूझकर हिंदू देवी दुर्गा का अपमान किया है. आप हमारी ये फैक्ट चेक स्टोरी यहां पढ़ सकते हैं.
मतलब साफ है, स्मृति ईरानी की ओर से एक पर्चे को पढ़े जाने वाले एक हिस्से को इस भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है कि स्मृति ईरानी ने देवी का अपमान किया है.
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