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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिपः क्रिकेट के पहले फॉर्मेट का पहला वर्ल्ड कप

वर्ल्ड टेस्ट चैेंपियनशिप का फाइनल जून 2021 में होगा

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अभी 14 जुलाई 2019 को ही रोमांचक फाइनल के साथ वर्ल्ड कप खत्म हुआ. एक साल बाद 2020 में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप खेला जाएगा. ये वर्ल्ड कप पहले भी हुए और आगे भी होंगे. इन सबके बीच शुरू होने जा रहा है एक और ‘वर्ल्ड कप’.

क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट में एक बड़े बदलाव के साथ अब टेस्ट क्रिकेट में भी होगा एक वर्ल्ड चैंपियन. टेस्ट क्रिकेट को बचाए रखने के लिए आईसीसी ने कुछ कोशिशें की हैं. इसी कोशिश का हिस्सा है ‘वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप’. यानी टेस्ट क्रिकेट का वर्ल्ड कप.

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बस फर्क ये है कि ये वर्ल्ड चैंपियनशिप टेस्ट मैच की ही तरह थोड़ी लंबी चलेगी. तो कैसे हुई इसकी शुरुआत और क्या है बनाता है इस चैंपियनशिप को खास?

क्या है वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप?

वनडे और खासतौर पर टी-20 फॉर्मेट की बढ़ती लोकप्रियता के कारण टेस्ट मैच को देखने वाले फैंस में पिछले दशक में गिरावट देखी गई थी, जो क्रिकेट खेलने वाले कई देशों में आज भी जारी है. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखने के लिए कई प्रयोग किए गए. डे-नाइट टेस्ट और उसमें पिंक बॉल का इस्तेमाल इसका ही हिस्सा है. इसे पसंद भी किया गया है.

इसी सिलसिले में वर्ल्ड कप की तरह एक टेस्ट चैंपियनशिप करने का भी फैसला किया गया, जिसका मकसद था इस फॉर्मेट की ओर फैंस का ध्यान खींचना.

सबसे पहले 2009 में इसका आइडिया दिया गया था. 2010 में इसे अप्रूव भी किया गया और 2013 में इसकी शुरुआत का ऐलान किया गया. फिर अलग-अलग कारणों से इसे आगे बढ़ाकर पहले 2017 और फिर आखिरकार 2019 वर्ल्ड कप के बाद शुरू करने का फैसला लिया गया.

लेकिन ये हर चार साल में होने वाला इवेंट नहीं है. ये चैंपियनशिप 2019 से 2021 तक चलेगी और फिर खेला जाएगा फाइनल, जिससे तय होगा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन.

हालांकि इस चैंपियनशिप में टेस्ट क्रिकेट की टॉप 9 टीमें हिस्सा ले रही हैं. इसके लिए 2018 की टेस्ट रैंकिंग को आधार बनाया गया. ये 9 टीमें हैं- भारत, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश.

कब शुरू होगी चैंपियनशिप?

चैंपियनशिप की शुरुआत 1 अगस्त 2019 से इंग्लैंड में शुरू हो रही एशेज सीरीज के साथ होगी. चैंपियनशिप का पहला टेस्ट बर्मिंघम के एजबेस्टन ग्राउंड में खेला जाएगा.

एशेज के अलावा अगस्त में ही न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच 2 टेस्ट मैच होंगे. वहीं 22 अगस्त से भारत और वेस्टइंडीज भी 2 टेस्ट मैच की सीरीज खेलेंगे. ये सब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा हैं.

टेस्ट चैंपियनशिप का अंत जून 2021 में ऐतिहासिक लॉर्ड्स स्टेडियम में होगा.

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कैसा है टेस्ट चैंपियनशिप का फॉर्मेट?

पहली बात तो ये कि टेस्ट खेलने वाले 12 देशों में से सिर्फ TOP-9 टीमें ही इस चैंपियनशिप का हिस्सा हैं. ये सारी टीमें लीग फॉर्मेट में खेलेंगी और हर टीम को जीत के हिसाब से प्वाइंट्स दिए जाएंगे.

हर टीम अगले 2 साल में सिर्फ 6 टेस्ट सीरीज खेलेगी. 3 अपने घर में और 3 विदेश में. यानी कोई भी टीम सभी देशों के खिलाफ सीरीज नहीं खेलेगी. सभी टीमों के अगले 2 साल की टेस्ट सीरीज आपसी सहमति से तय हो चुकी हैं, जो आईसीसी के फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) का हिस्सा हैं.

किसी भी सीरीज में कम से कम 2 और ज्यादा से ज्यादा 5 टेस्ट खेले जा सकते हैं. ये भी क्रिकेट बोर्ड आपस में मिलकर तय कर चुके हैं.

इस तरह दो साल में सभी टीमें मिलकर 27 टेस्ट सीरीज खेलेंगी. इस दौरान कुल 71 टेस्ट खेले जाएंगे और फिर 72वां मैच जून 2021 में फाइनल के तौर पर लॉर्ड्स में खेला जाएगा.

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तो कैसे मिलेंगे टीमों को प्वाइंटस?

इसे समझने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि सभी टीमें 2 साल में बराबर टेस्ट मैच नहीं खेलेंगी. मसलन, टीम इंडिया 18 मैच खेलेगी, जबकि इंग्लैंड 22 मैच और पाकिस्तान 13 मैच. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि ज्यादा मैच खेलने वाली टीम के पास ज्यादा प्वाइंट्स लेने का मौका है.

प्वाइंट्स का बंटवारा कुछ इस तरह से है, कि हर सीरीज में 120 प्वाइंट्स दांव पर होंगे. फिर चाहे उस सीरीज में 2 मैच हों या 3-4 या फिर 5 मैच.

यानी 2 टेस्ट की सीरीज के लिए हर टेस्ट 60-60 प्वाइंट्स का होगा. यानी टेस्ट जीतने पर 60 प्वाइंट्स मिलेंगे. ऐसे ही 3 टेस्ट की सीरीज में हर मैच 40 प्वाइंट्स का होगा, जबकि 4 मैच की सीरीज में हर मैच के 30 प्वाइंट्स होंगे. इसी तरह 5 टेस्ट की सीरीज में एक मैच जीतने पर 24 प्वाइंट्स मिलेंगे.

इस तरह कोई भी टीम इन दो साल में अधिकतम 720 प्वाइंट्स जीत सकती है. यहां पर ये जानना जरूरी है कि प्वाइंट्स सीरीज के नतीजे के हिसाब से नहीं मिलेंगे, बल्कि हर मैच के नतीजे के आधार पर मिलेंगे.

अब अगर कोई टेस्ट टाई होता है, तो दोनों टीमों को उस मैच के लिए तय प्वाइंट्स के आधे-आधे प्वाइंट्स मिलेंग. मसलन 30 प्वाइंट्स का टेस्ट टाई होने पर दोनों को 15-15 प्वाइंट्स मिलेंगे. लेकिन टेस्ट ड्रॉ होने पर दोनों टीमों को एक तिहाई प्वाइंट्स मिलेंगे. इस लिहाज से 30 प्वाइंट्स वाले मैच में दोनों टीमें 10-10 प्वाइंट्स हासिल करेंगी.

इतना ही नहीं, अगर किसी टेस्ट के दौरान पिच की स्थिति खराब पाई जाती है और उसके कारण मैच रद्द किया जाता है, तो उस टेस्ट के पूरे प्वाइंट्स मेहमान टीम को दिे जाएंगे.

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कैसे तय होंगे फाइनलिस्ट और चैंपियन?

लीग स्टेज खत्म होने के बाद सभी 9 टीमों में से जिन दो टीमों के सबसे ज्यादा प्वाइंट्स होंगे, वो दोनों फाइनल में पहुंचेंगी और लॉर्ड्स में उनके बीच जून 2021 को फाइनल खेला जाएगा.

एक सवाल उठता है कि अगर टॉप में से किन्हीं दो टीमों के बराबर प्वाइंट्स होंगे तो फाइनल में कौन पहुंचेगा? इसका जवाब है- दोनों टीमों में से जिसने भी सबसे ज्यादा सीरीज जीती होंगी, वो फाइनल में होगी.

अब सवाल ये है कि अगर फाइनल मैच भी ड्रॉ हुआ तो क्या होगा? यहां पर वर्ल्ड कप की तरह कोई सुपर ओवर या बाउंड्री काउंट जैसे नियम नहीं लागू होंगे. वर्ल्ड चैंपियन का फैसला करने के लिए अलग-अलग सुझाव थे. जैसे- फाइनल मैच पूरा नतीजा आने तक चलता रहेगा, फिर चाहे 5 दिन से ज्यादा ही क्यों न खेलना पड़े.

हालांकि इसे भी बदला गया और अब तय किया गया है कि फाइनल मैच ड्रॉ होने पर दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा. हालांकि आईसीसी के मुताबिक इस चैंपियनशिप के फाइनल की ‘प्लेइंग कंडीशंस’ पर आखिरी फैसला 2021 से पहले कर लिया जाएगा.

यहां पर याद रखना जरूरी है कि आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग का इसके नतीजे पर कोई असर नहीं होगा और वो अलग से चलती रहेंगी.

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बाकी 3 टीमों का क्या?

पिछले साल ही टेस्ट का दर्जा हासिल करने वाले आयरलैंड और अफगानिस्तान इसका हिस्सा नहीं हैं. इनके अलावा जिंबाब्वे को भी इसमें मौका नहीं मिलेगा.

जिंबाब्वे को हाल ही में आईसीसी ने सस्पेंड किया था, इसलिए वो फिलहाल किसी भी तरह के इंटरनेशनल क्रिकेट का हिस्सा नहीं हो पाएंगे.

आयरलैंड और अफगानिस्तान आपस में और बाकी देशों के खिलाफ भी टेस्ट सीरीज खेलते रहेंगे. लेकिन उन सीरीज का टेस्ट चैंपियनशिप पर कोई असर नहीं होगा.

इनके अलावा इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 2 टेस्ट की सीरीज होनी है, जो इस चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं है.

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टेस्ट चैंपियनशिप में टीम इंडिया

अब बात टीम इंडिया की. भारत की इस चैंपियनशिप में पहली सीरीज अगस्त में वेस्टइंडीज के खिलाफ है. टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर है जहां 3 टी-20 और 3 वनडे मैच खेलेगी. उसके बाद 22 अगस्त को टीम का पहला टेस्ट मैच खेलेगी.

  1. इसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम सितंबर 2019 में भारत के दौरे पर आएगी.
  2. इसके बाद नवंबर में ही बांग्लादेश की टीम 2 मैचों की सीरीज के लिए भारत आएगी
  3. टीम इंडिया का अगला मुकाबला फरवरी 2020 में न्यूजीलैंड से उसके घर पर ही होगा.
  4. भारतीय टीम की आखिरी 2 सीरीज होगी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ. नवंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत 4 टेस्ट खेलेगा.
  5. जबकि आखिर में इंग्लैंड की टीम जनवरी 2021 में भारत आएगी और 5 टेस्ट मैच खेलेगी.

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