ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोना से रोज हजारों मौत, चेहरों को देखिए और समझिए हम क्या खो रहे

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अब तक भारत ने कोरोना के कारण 2,54,197 लोगों को खो दिया है. 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में अगर आंकड़ों का चश्मा लगाकर देखेंगे तो शायद समझ न आए, लेकिन एक-एक कर नामों और चेहरों को याद करेंगे तो पता चलेगा कि इस त्रासदी में किसी ने अपना बाप खोया तो किसी ने अपनी बहन,लेकिन भारत ने हर बार कुछ खोया. भारत वो खो रहा है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रणब मुखर्जी

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

31 अगस्त 2020 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले प्रणब मुखर्जी का देहांत कोरोनावायरस संक्रमण से हो गया. 2012- 17 के बीच राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने के साथ ही अपने 51 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो संभाला, जिसमें वित्त, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय भी शामिल था.

1984 में न्यूयॉर्क से प्रकाशित एक पत्रिका 'यूरोमनी' द्वारा कराये एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रणब दा दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री में से एक थें.उनके अनुभव का फायदा कांग्रेस को सदन के अंदर और बाहर दोनो जगह मिलता रहा.वों 1969 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गयें थे.उसके बाद वो लगातार पांच बार राज्यसभा के लिए चुने गए.2004 से प्रणब दा दो बार लोकसभा सांसद भी रहे.1984 में वो पहली बार इंदिरा गांधी के सरकार में वित्त मंत्री बनाये गये.

डॉ एस.पी. पद्मावती

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

भारत की पहली महिला कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एस.पी पद्मावती का निधन 29 अगस्त 2020 को कोरोना के कारण हो गया. उन्हें 'गॉड मदर ऑफ कार्डियोलॉजी' भी कहा जाता था.

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के संस्थापक पद्मावती जी का जन्म 1917 में बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में हुआ था .1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वह भारत आ गयी. उन्हें भारत सरकार के द्वारा वर्ष 1967 में पद्म भूषण और 1992 में पद्म विभूषण से नवाजा गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मौलाना वहीदुद्दीन खान

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

विख्यात इस्लामिक विद्वान और शांतिदूत पद्म विभूषण मौलाना वहीदुद्दीन खान का निधन 22 अप्रैल 2021 को कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हो गया.

इस्लाम धर्म के उदारवादी व्याख्याकार और सर्वधर्म समभाव के दूत वहीदुद्दीन खान को केंद्र सरकार ने इसी वर्ष जनवरी में पद्म भूषण देने की घोषणा की थी .इससे पूर्व वर्ष 2000 में अटलजी की सरकार ने उन्हें पद्म भूषण दिया था.1955 में उन्होंने अपनी पहली किताब "नये अहद के दरवाजे पर" लिखी थी. उसके बाद से पूरे जीवन काल में उन्होंने 200 से ज्यादा किताबें लिखी, जिसके माध्यम से उन्होंने इस्लाम के मानवीयकरण और सर्वधर्म समभाव की भावना प्रसारित करने का काम किया.

तर्क आधारित आध्यात्मिकता के रास्ते शांति की संस्कृति को फैलाने के लिए उन्होंने 2001 "सेंटर फॉर पीस एंड स्पिरिचुअलिटी" की स्थापना की .इससे पहले 1970 में उन्होंने दिल्ली में इस्लामिक सेंटर की स्थापना की थी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंगलेश डबराल

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

प्रसिद्ध हिंदी कवि और साहित्यिक पत्रकार मंगलेश डबराल को भी हमने 72 वर्ष की आयु में कोरोना के कारण खो दिया." हम जो देखते हैं " के लिए वर्ष 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले मंगलेश डबराल का कद साहित्य जगत में बहुत ऊंचा था. उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल से आने वाले मंगलेश डबराल जी जब लिखते हैं "मैंने शहर को देखा और मुस्कुराया ,वहां कोई कैसे रह सकता है, यह जानने में गया और वापस ना आया" तो लगता है मानो हर एक प्रवासी अपनी बात कह रहा हो.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजन मिश्रा

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

पद्म भूषण और ख्याली गायकी के शीर्ष पर विराजमान शास्त्रीय गायक राजन मिश्रा का देहांत समय पर वेंटिलेटर ना मिलने के कारण हो गया .कोरोना संक्रमण के बाद उनके परिवार ने पूरी कोशिश की कि उन्हें वेंटिलेटर मिल जाए परंतु पद्मभूषण राजन मिश्रा का निधन 70 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से हो गया. राजन-साजन की ख्याल गायकी की प्रसिद्ध जोड़ी अब आधी-अधूरी रह गई है.

गुलशन इविंग

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

महिला पत्रकारिता की अग्रदूत गुलशन इविंग का निधन 1 मई 2020 को 92 वर्ष की उम्र में कोरोना के कारण लंदन में हो गया. इविंग ने 1966 से 1989 के बीच भारत की 2 सबसे प्रसिद्ध मैगजीन - इव्स वीकली और स्टार एंड स्टाइल को संपादित किया था.

नोबेल प्राप्त लेक्चरर वी.एस नायपॉल ने अपनी किताब India:A million mutinies now में इविंग को भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला संपादक कहा था .इविंग ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सबसे लंबा इंटरव्यू लिया था जो एक रिकॉर्ड है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सौमित्र चटर्जी

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

महान बंगाली अदाकार सौमित्र चटर्जी का निधन 15 नवंबर 2020 को कोरोना के कारण 85 वर्ष की उम्र में हो गया.पढे लिखे और राजनैतिक रुप से सचेत चटर्जी ने सत्यजीत रे के साथ 14 फिल्मों में काम किया जिसमें अपुर संसार,चारुलता घरे बाइरे और अशनी संकेत जैसी महान फिल्में शामिल थी.

डॉ शेखर बसु

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

वेटरन न्यूक्लियर साइंटिस्ट और एटॉमिक एनर्जी कमिशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का निधन 68 वर्ष की आयु में कोरोना के कारण कोलकाता में हो गया .

भारत के एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम में उनके योगदान के लिए उन्हें 2014 में पद्मश्री मिला था. भारत के पहले न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन INS अरिहंत में रिएक्टर लगाने का श्रेय उन्हीं को जाता है. इसके अलावा तमिलनाडु में इंडियन न्यूट्रिनो ऑब्जर्वेटरी को स्थापित करने में भी उनका योगदान था. वर्ष 2002 में उनको इंडियन न्यूक्लियर सोसायटी अवार्ड से नवाजा गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राहत इंदौरी

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट
" लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना".

भारत में अपने शायरी से गंगा-जमुनी तहजीब की नुमाइंदगी करने वाले राहत साहब को हमने 11 अगस्त 2020 को करोना के कारण खो दिया. 1 जनवरी 1950 को जन्मे राहत साहब दुष्यंत कुमार के बाद सत्ता से बुलंद आवाज में सवाल करने वाले शायरों में सबसे आगे खड़े नजर आते थे.

डॉक्टर नंदीवदा रत्नाश्री

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

1999 से नेहरू प्लैनेटेरियम की अध्यक्ष डॉ. नंदीवदा रत्नाश्री का निधन 9 मई 2021 को कोरोना के कारण हो गया. 26 नवंबर 1963 को हैदराबाद में जन्मी रत्नाश्री ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से 1992 में डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त की तथा 1992 से 94 के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ वरमाउंट से पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप पूरा किया था.नेहरू प्लैनेटेरियम को लोगो के लिए आकर्षण और सुलभ बनाने का श्रेय उन्हें जाता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डॉ राजेंद्र कपिला

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

प्रसिद्ध इंफेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट और रूटिगर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ राजेंद्र कपिला का निधन 81 वर्ष की उम्र में कोविड के कारण हो गया. उन्होंने HIV-AIDS के ऊपर बहुत काम किया था और रूटिगर यूनिवर्सिटी में 50 वर्षों में कई लोगों को ट्रेनिंग दी तथा खुद प्रैक्टिस किया. वियतनाम युद्ध के दौरान ओकीनावा ,जापान में अमेरिकी आर्मी के लिए वह असिस्टेंट चीफ ऑफ मेडिसिन भी थे. इसके अलावा वह न्यूजर्सी इन्फेक्शियस डिजीज सोसाइटी के फाउंडिंग मेंबर भी रहे.

सोली सोराबजी

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल तथा अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकार के प्रहरी पद्म विभूषण सोली सोराबजी जी का देहांत 30 अप्रैल 2021 की सुबह कोविड कारण 91 वर्ष की उम्र में हो गया.सोराबजी ने अपने 68 साल के वकालत के कैरियर में बहुत सारी भूमिकाएं अदा की .एक तरफ वह प्रसिद्ध मानवाधिकार लॉयर थे, जिन्हें UN ने मानवाधिकार पर रिपोर्ट बनाने के लिए 1997 में नाइजीरिया में अपना विशेष दूत बना कर भेजा था तो दूसरी तरफ वह भारत के 1989-90 और 1998 - 2004 तक अटॉर्नी जनरल भी थे.

सोली सोराबजी ने अपने वकालत से अपने आप को अभिव्यक्ति की आजादी के प्रहरी के रूप में स्थापित किया. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई लैंडमार्क केसों में प्रेस की आजादी की भी रक्षा की और भारत में प्रकाशन पर से सेंसरशिप ऑर्डर और प्रतिबंध को हटाने के लिए उनकी भूमिका बड़ी है. मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी के रक्षा के उनके प्रयासों के लिए उन्हें मार्च 2002 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ,पद्म विभूषण से नवाजा गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ईशर सिंह देओल

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल सम्मान से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय एथलीट ईशर सिंह देओल का निधन 91 वर्ष की आयु में कोरोना के कारण हो गया. उन्होंने पहले तीन एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था और फिलीपींस की राजधानी मनीला में 1954 के दौरान हुए दूसरे एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था .पाकिस्तान में हुई अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक मीट में उन्होंने 46 फुट 11.2 इंच शॉटपुट फेंककर एशिया का नया रिकॉर्ड स्थापित किया था. देओल लगातार 30 साल तक पंजाब एथलेटिक्स एसोसिएशन के महासचिव रहे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

NSG ग्रुप कमांडर बी.के झा

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

53 वर्ष की उम्र में NSG के ग्रुप कमांडर बी.के झा की कोरोना संक्रमण के कारण मौत नोएडा के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर मिलने में देरी के कारण हो गई.

बिहार से आने वाले बी.के झा BSF कैडर के 1993 बैच के अधिकारी थे .2018 में वह BSF से डेपुटेशन पर NSG में आए थे. इससे पहले वह BSF डायरेक्टर जनरल के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर और कमांडेंट के रूप में सेवा दे चुके थे.

चंद्रो तोमर 'शूटर दादी'

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

60 साल की उम्र के बाद बंदूक उठाने वाली 'शूटर दादी' का निधन 89 साल की उम्र में कोरोना के कारण 26 अप्रैल 2021 को हो गया. उत्तर प्रदेश के बागपत से आने वाली 'शूटर दादी' ने वेटरन्स के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कई पदक जीते थे. नारी सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल 'शूटर दादी' पर बॉलीवुड फिल्म भी बनी थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रघुवंश प्रसाद सिंह

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

पूर्व केंद्रीय मंत्री और अंतिम सच्चे समाजवादी कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन 74 वर्ष की उम्र में कोरोना के कारण हो गया. वैशाली, बिहार से आने वाले रघुवंशी जी ने पांच-पांच बार लोकसभा विधानसभा और एक बार विधान परिषद में प्रतिनिधित्व किया.UPA की सरकार में वह मंत्री भी रहे. मजदूरों के लिए शुरू की गई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा )को लागू करने का श्रेय उन्हीं को जाता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

AMU में मौतें

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

कोरोना की दूसरी लहर में AMU ने अपने लगभग 50 सदस्यों को खो दिया, जिसमें सर्विंग- रिटायर्ड शिक्षक तथा नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल है .शनिवार को AMU ने अपने फैकल्टी ऑफ लॉ के डीन मोहम्मद शकील अहमद को खो दिया जिन्होंने वहां 12 साल पढ़ाया था और 2 किताबें लिखी थी .इसी तरह युवा इंग्लिश शिक्षक मोहम्मद यूसुफ अंसारी की मौत कोरोना से हो गयी जिन्होंने AMU से ही BA,MA में टॉप किया था .वहीं से Ph.D भी की थी और वहीं 2014 से इंग्लिश डिपार्टमेंट में पढ़ा रहे थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब तक 747 डॉक्टर्स

मरने वालों में प्रणव मुखर्जी, एसपी बालासुब्रमण्यम, राहत इंदौरी, वैज्ञानिक शेखर बसु..बहुत लंबी है लिस्ट

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल रजिस्ट्री के अनुसार अब तक कोविड-19 से 747 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है कोविड-19 में अपनी फिक्र किए बिना डॉक्टरों एवं हेल्थ केयर वर्कर्स ने लोगों की सेवा की है .अभी कुछ दिन पहले ही 32 वर्षीय डॉ. षणमुगा प्रिया ,जो 8 महीने की गर्भवती थी, ने अपनी जान कोरोना के कारण गंवा दी.

डॉ.प्रतिक्षा अमरावती के इर्विन हॉस्पिटल के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में कार्यरत थी जब वह कोरोना संक्रमित हुई. डॉ. प्रतिक्षा 7 महीने की गर्भवती थी जब उन्होंने 20 सितंबर 2020 को कोरोना से अपनी जान गंवा दी .यह उनकी 'प्रेशियस प्रेगनेंसी' थी यानी लंबे इंतजार और मेडिकल इलाज के बाद प्रतीक्षा गर्भवती हुई थी. परंतु अपनी ड्यूटी को निभाते हुए वह पहले संक्रमित हुईं और मरने से 5 दिन पहले अजन्मे बच्चे को भी खो दिया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×