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रूस है दुनिया का सबसे बड़ा देश, तीसरा सबसे बड़ा मिलिट्री बजट, पहले भी किए कई हमले

Russia दुनिया का सबसे लंबा रेल मार्ग, चाय और वोदका के लिए दीवानगी, यहां की डॉल है खास, कांच टूटने पर होता है अशुभ

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Russia Attack Ukraine रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. रूस कई मामलों में दुनिया का अहम देश है. आइए जानते हैं रूस की खासियतों और अहमियत के बारे में...

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प्लूटो ग्रह के बराबर और अमेरिका से दाेगुना बड़ा है रूस का आकार

क्षेत्रफल के लिहाज से देखें तो रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है. इसका क्षेत्रफल 17 मिलियन वर्ग किलोमीटर यानी कि 1 करोड़ 70 लाख 75 हजार 400 वर्ग किलोमीटर है. इसके आकार का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रूस का क्षेत्रफल प्लूटो के सतही क्षेत्रफल के बराबर है वहीं यह अमेरिका के क्षेत्रफल से दोगुना है.

रूस की राजधानी मॉस्को स्थित क्रेमलिन दुनिया का सबसे बड़ा मध्ययुगीन किला है. यह रूस का सबसे बड़ा किला भी है और यूरोप में सबसे सक्रिय किला है. क्रेमलिन की दीवारों की कुल लंबाई 2235 मीटर है.

दुनिया का नौवां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश

जनसंख्या की बात करें तो रूस दुनिया का नौवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है. वर्ल्ड ओ मीटर के अनुसार वर्तमान में रूस की आबादी 146,037,427 है. यहां दुनिया की 1.87 फीसदी आबादी निवास करती है. जनसंख्या घनत्व की बात करें तो रूस में यह आंकड़ा 9 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. रूस की 70 फीसदी आबादी शहरों में निवास करती है. 2020 में रूस में 10,74,86,269 लोग शहरी नागरिक थे. संयुक्त राष्ट्र व विश्व बैंक के अनुसार रूस में लोगों की अनुमानित आयु 63 वर्ष (पुरुष) और 75 वर्ष (महिला) है.

रूस का 45 फीसदी हिस्सा पेड़-पौधों से घिरा हुआ है. दुनिया के पेड़ों का पांचवां हिस्सा रूस में है. साइबेरिया में आपको बैकाल झील देखने को मिलती है. यह झील न केवल दुनिया की सबसे गहरी झील है, बल्कि इसमें दुनिया के ताजे पानी का लगभग 20% हिस्सा है. वोल्गा नदी यहां की सबसे लंबी नदी है. यहां कुछ जगहों में तापमान -50 डिग्री रहता है.

दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन यात्रा

रूस में प्रसिद्ध ट्रांस-साइबेरियन रेलवे है जो दुनिया का सबसे लंबा रेलवे नेटवर्क है. 9,288 किमी लंबा यह नेटवर्क दुनिया के दूसरे सबसे लंबे नेटवर्क (कनाडा में टोरंटो से वैंकूवर) की लंबाई के दोगुने से भी अधिक है. मास्को से व्लादिवोस्टॉक की यात्रा में लगभग छह दिन लगते हैं.

मास्को में दुनिया का तीसरा सबसे व्यस्त मेट्रो नेटवर्क है. यहां मेट्रो की 12 लाइनें हैं और 6 मिलियन से ज्यादा लोग हर दिन इससे सफर करते हैं. मास्को मेट्रो में 40 सेकेंड से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़ता है.

मातृत्व प्रधान देश

कला और संस्कृति की बात करें तो यहां परिवार को काफी अहमियत दी जाती है. माता-पिता, दादा-दादी और बच्चे सभी पास रहते हैं और एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. एकल परिवारों में भी दादा-दादी परिवार में बच्चों की परवरिश में बड़ी भूमिका निभाते हैं. यहां के लोग वोदका पीना काफी पसंद करते हैं. रूस के लोग चाय पीने के भी काफी शौकीन हैं. दुनिया प्रति व्यक्ति चाय खपत के बारे में बात करें तो रूस पांचवे रैंक पर है.

  • रशियन डॉल (गुडिया) काफी प्रसिद्ध हैं. जिसे मैट्रियोस्का कहा जाता है. ये शब्द मदर यानी मां से आया है. यह डॉल मातृत्व का प्रतीक मानी जाती है.

  • रूस में यदि कांच टूट जाता है तो इसे बैड लक माना जाता है.

  • यहां ट्रेडिशनल शादियां 2 से पांच दिन तक चलती हैं.

  • रूस का लिट्रेचर काफी समृद्ध रहा है. पुस्किन और लियो टॉलस्टाॅय रूस के प्रसिद्ध लेखक रहे हैं. लियो टॉलस्टॉय के उपन्यास "वार एंड पीस" को विश्व साहित्य का सेंट्रल वर्क माना जाता है.

  • रशियन यहां की आधिकारिक भाषा है. बीबीसी के अनुसार रूस में 100 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं. जिसमें से डोलगैंग काफी प्रचलित है. वहीं अगर इसमें बोलियों को भी शामिल कर लिया जाए जो यहां 270 से ज्यादा भाषा और बोलियां सुनने को मिलती हैं.

  • रूस में ईसाई धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा है. उसके बाद यहां इस्लाम धर्म को माना जाता है.

कच्चे तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था

रूस की अर्थव्यवस्था कच्चे तेल पर निर्भर है. यहां नेचुरल गैस भी प्रचुर मात्रा में है. यह यूरोप की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जीडीपी के हिसाब से दुनिया की ग्यारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पीपीपी द्वारा छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. ब्रिटिश कंसल्टेंसी Cebr की रिपोर्ट के मुताबिक रूस 2036 तक शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं शामिल हो सकता है.

पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद, प्राकृतिक गैस, धातु, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, रसायन, और सैन्य निर्माण जुड़ी वस्तुओं का रूस बड़ा निर्यातक है. अमेरिका के बाद रूस दूसरा सबसे बड़ा पारंपरिक हथियार निर्यातक है.
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दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मिलिट्री बजट

मिलिट्री बजट के मामले में रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. यहां का रक्षा बजट लगभग 11.56 लाख करोड़ रुपये है. ग्लोबलफायर पावर डॉट कॉम के अनुसार रूस में 29 लाख सैनिक हैं, जिनमें से 20 लाख रिजर्व और 9 लाख एक्टिव हैं. रूस के पास 1511 लड़ाकू विमान, 544 अटैक करने वाले हेलिकॉप्टर, 12 हजार 240 टैंक, 30 हजार 122 बख़्तरबंद गाड़ियां, 7571 तोपखानें हैं.

  • 4173 एयरक्राफ्ट

  • 722 फाइटर जेट

  • 522 ट्रेनर एयरक्राफ्ट

  • पैरामिलिट्री फोर्स में 2.50 लाख सैनिक

  • करीब 1218 एयरपोर्ट्स

  • 6574 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी

  • 3391 रॉकेट लॉन्चर्स

  • 605 नेवल फ्लीट

  • 1 एयरक्राफ्ट कैरियर

  • 70 सबमरीन

  • 15 डेस्ट्रॉयर

  • 11 फ्रिगेट्स

देशों में घुसने की भूख बड़ी है... यूक्रेन से पहले कई जगह जमाया वर्चस्व 

चेचन्या : रूसी की विस्तारवादी नीति का पहला टारगेट चेचन्या बना था. पूर्वी यूरोप के कॉकस क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित चेचन्या आज रसियन फेडरेशन का हिस्सा है. 1991 में USSR के विघटन से पहले ही चेचन्या ने अपनी आजादी की घोषणा करवा दी थी लेकिन तब बोरिस येल्तसिन ने इसे स्वीकार नहीं किया. 1994 में रूस और चेचन्या के बीच पहली लड़ाई हुई और 1996 में ये लड़ाई चेचन्या की जीत के साथ खत्म हुई. रूस ने तब चेचन्या को आजाद देश की मान्यता दे दी थी. 1999 में रूस ने चेचन्या पर हमला शुरू कर दिया. पुतिन के नेतृत्व में रूस ने चेचन्या को शिकस्त दी और 17 हजार 300 वर्ग किलोमीटर वाले मुस्लिम बहुल इस छोटे से देश को रूस में मिला लिया.

जॉर्जिया : इस घटना के 3 साल बाद ही रूस की नजरें जॉर्जिया पर गई. 2003 में जॉर्जिया में विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा था जिसे रोज रिवॉल्यूशन का नाम दिया गया था. 2004 में यहां अमेरिका समर्थित राष्ट्रपति की ताजपोशी हुई. रूस बात हजम नहीं हुई. रूस ने वहां असंतुष्टों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया. 2008 में जॉर्जिया की केंद्रीय सरकार और वहां के दो प्रांतों के बीच झगड़े की शुरुआत हो गई. कुछ ही दिन के बाद रूस ने मौके का फायदा उठाकर यहां दखल दिया और इन दोनों प्रातों को स्वतंत्र राज्य का दर्जा दे दिया. अब रूस ने यहां अपना अड्‌डा बना लिया है और पूरे क्षेत्र की निगरानी करता है.

क्रीमिया : रूस ने 2014 में क्रीमिया को निशाना बनाया.1954 में सोवियत संघ के तत्कालीन नेता निकिता ख्रुश्चेव ने यूक्रेन को एक तोहफे के तौर पर क्रीमिया को दे दिया था. 1991 में जब सोवियत संघ टूटा और यूक्रेन और रूस अलग-अलग हुए तो सवाल खड़ा हुआ. आखिर क्रीमिया पर कब्जा किसका हो? फिलहाल क्रीमिया यूक्रेन के पास ही रहा. लेकिन इससे रूस खुश नहीं था. फरवरी 2010 में यूक्रेन में आम चुनाव हुए. इस चुनाव में विक्टर यानुकोविच यूक्रेन के राष्ट्रपति बने, वे रूस के समर्थक थे. फरवरी 2014 में यानुकोविच की सरकार गिर गई. 2014 को क्रीमिया की संसद ने यूक्रेन से अलग होने और रूसी संघ में शामिल होने के लिए मतदान किया.16 मार्च को जनमत संग्रह हुआ. इसके नतीजे आश्चर्यजनक रूप से चौकानें वाले रहे. लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए 97 फीसदी बहुमत दिया था. 18 मार्च 2014 को पुतिन ने अक्सियोनोव से मुलाकात की और एक संधि पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत क्रीमिया रूस का हिस्सा बना.

कजाकिस्तान अभी भी रूस के प्रभाव क्षेत्र में आता है. रूस कजाकिस्तान के एलीट्स को समर्थन करता है और इस देश के जरिए सेंट्रल एशिया में अपना रुतबा कायम रखना चाहता है. रूस के प्रभुत्व का असर छोटे-छोटे राष्ट्रों पर भी दिखता है. ये देश हैं बाल्टिक क्षेत्र में स्थित इस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया हैं. वहीं बेलारूस में भी रूस का खासा प्रभाव दिखता है.
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अब तक के रूस के प्रमुख चेहरे

  • व्लादिमीर ई. लेनिन

  • जोसेफ़ स्टालिन

  • निकिता ख़्रुश्चेव

  • लियोनेद ब्रेज़नेव

  • मिख़ाइल गोर्बाचोफ़

  • व्लादिमीर पुतिन

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