2022 अलविदा कह रहा है और नए साल का स्वागत करने के लिए लोग तैयार हैं. इस साल कई ऐसी राजनीतिक घटनाएं घटीं. जो आने वाले वक्त में देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती हैं. देश के कई राज्यों में चुनाव हुए, गुजरात, यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की वापसी हुई तो वहीं हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनीं.
आम आदमी पार्टी के लिए तो ये साल बेहद शानदार रहा, क्योंकि पहली बार दिल्ली के बाहर पंजाब में AAP की सरकार बनीं और महज 9 साल पहले बनी पार्टी ने इतना बड़ा कारनामा कर दिया कि बड़ी राजनीतिक पार्टियों को जोर का झटका दे दिया. हम आपके लिए लाए हैं इस साल की बड़ी राजनीतिक घटनाओं की लिस्ट जिसका असर सीधे 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha election 2022) पर पड़ सकता है.
कांग्रेस को 25 साल बाद मिला गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए ये साल कई बदलाव वाला रहा, करीब 25 सालों के बाद कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मिला. कांग्रेस में लंबे समय में गैरकांग्रेसी अध्यक्ष की मांग चल रही थी, चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला हुआ और जीत आखिर में 80 साल के खड़गे की हुई.
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में कुल 9,385 वोट पड़े. मल्लिकार्जुन खड़गे ने 7,897 वोट (84%) हासिल किए हैं. वहीं शशि थरूर को 1,072 (11%) वोट मिले.
खड़गे से कांग्रेस को कितना फायदा?
उत्तर भारत में बीजेपी की लोकप्रियता और पीएम मोदी के बढ़ते कद के बाद कांग्रेस को अब साउथ का सहारा है, मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना उसी दिशा में एक कदम साबित हो सकता है. इसके अलावा खड़गे कर्नाटक की जमीन से जुड़े नेता हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक के दलित नेता भी हैं. बीजेपी ने दलित राष्ट्रपति बनाकर जो पत्ता फेंका मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बनकर कांग्रेस को उसकी काट निकालने में मदद कर सकते हैं. यह देखना खास होगा कि वे अपनी रणनीतियों से कैसे कांग्रेस के लिए 2024 चुनाव के फॉर्मूले में फिट होंगे.
गुजरात चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत
गुजरात (Gujrat) में बीजेपी को हराना 'मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं', इस साल के चुनाव ने एक बार फिर साबित कर दिया. बीजेपी ने इतिहास रचते हुए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है और पहली बार 182 विधानसभा सीटों में 156 सीटें जीत लीं. बीजेपी का वोट शेयर 50% से ज्यादा रहा, जो कि गुजरात में हुए किसी भी विधानसभा चुनाव में BJP के लिए सबसे ज्यादा है.
1980 से लेकर 2022 तक के आंकड़ों को देखें तो इन 42 सालों में बीजेपी को सबसे ज्यादा 50% वोट 2017 में मिले थे, लेकिन अबकी बार ये आंकड़ा 53% से आगे निकल गया. यानी बीजेपी के लिए गुजरात के लोगों का प्यार बरकरार है.
गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं ओर पिछले चुनाव में बीजेपी के खाते में सारी सीटें आई थीं, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह खुद गुजरात से हैं, ऐसे में इस राज्य की बंपर जीत लोकसभा चुनाव के लिहाज से उनके लिए बेहद अहम है.
'कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा'
2022 में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' काफी सुर्खियों में रही. 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ये यात्रा दिल्ली तक पहुंच चुकी है और श्रीनगर में समाप्त होनी है. इस यात्रा के दौरान कांग्रेस के अंदर कई घटनाएं भी हुई. इसमें पार्टी अध्यक्ष चुनाव के दौरान राजस्थान में सामने आया आंतरिक कलह, पिछले 25 सालों में गांधी परिवार के बाहर अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे का चुनाव, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत और गुजरात में मिली करारी हार. इसके अलावा कई उपचुनाव और निकाय चुनाव के नतीजे भी है.
जब भारत जोड़ो यात्रा दक्षिणी राज्यों से पार हो गयी, तो CVoter ने एक सर्वे किया. जिसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी की अप्रूवल रेटिंग में उन सभी राज्यों में सुधार हुआ है, जहां से यात्रा गुजरी थी.
हालांकि ये सवाल उठता रहा है कि राहुल की यात्रा हिंदी हाटलैंड से दूर दक्षिण भारत में ज्यादा वक्त तक क्यों रहीं. कांग्रेस का दावा है कि इस यात्रा से बीजेपी घबराई हुई है. इस यात्रा के दौरान महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार उठाया जा रहा है. राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को घेर रहे हैं. उनकी इस यात्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
नीतीश ने BJP का हाथ झटक लालू से फिर की दोस्ती
नीतीश का बीजेपी के साथ कभी दोस्ती तो कभी दुश्मनी वाला रिश्ता रहा है. इस साल नीतीश ने एक बार फिर बीजेपी का हाथ छुड़ाकर अपने पुराने साथी लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी से गठबंधन कर लिया और बिहार में बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. नीतीश ने 10 अगस्त को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और तेजस्वी यादव की आरजेडी और अन्य दलों के साथ मिलकर एक नए "महागठबंधन" की सरकार बनाई.
सीएम पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था -
2014 में जीतने वाले 2024 में रहेंगे तब न, "कुछ लोग को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हम भी आ ही गए विपक्ष में. पूरे तौर पर मजबूत करेंगे विपक्ष को." 2024 है न अभी, सब एकजुट हो जाएं"
नीतीश का बयान सीधे 2024 के लिए पीएम मोदी को चुनौती थी, नीतीश का बीजेपी से अलग होना, सिर्फ बिहार तक नहीं बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी असर डाल सकता है.
AAP की पंजाब में सरकार
आम आदमी पार्टी के लिए ये साल बेहद शानदार रहा, पहले पंजाब जीता और गुजरात चुनाव में 10 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल किया. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election) में आम आदमी पार्टी ने अभूतपूर्व बहुमत हासिल करते हुए सरकार बनाई. 117 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में AAP ने कुल 92 सीटों पर जीत दर्ज की.
पंजाब में जिस तरह से केजरीवाल की पार्टी ने बहुमत हासिल किया, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था. 26 नवंबर, 2012 को संविधान दिवस के मौके पर अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) के अन्य सदस्यों के साथ, आम आदमी पार्टी (AAP) की शुरुआत की. नौ साल बाद, केजरीवाल की AAP भारत में सबसे तेजी से बढ़ती राजनीतिक पार्टी बन गई है. 2024 के चुनाव में आम आदमी पार्टी भी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
MCD चुनाव में AAP की जीत
आम आदमी पार्टी के नाम एक बड़ी उपलब्धि दिल्ली के एमसीडी चुनाव में जीत भी रही. 15 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने MCD में बड़ा झटका दिया. एमसीडी चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है. 250 में से 134 सीटों पर जीत दर्ज आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को शिकस्त दी. आम आदमी पार्टी को 2017 में MCD चुनाव में 26% वोट मिले थे उसे इस बार 42% वोट मिले.
मुलायम सिंह का निधन
2022 समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का 82 साल की उम्र में 10 अक्टूबर को निधन हो गया था. प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह को लोग प्यार से ‘नेता जी’ बुलाया करते थे. उनका जाना देश के लिए बड़ी क्षति है.
मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के देहांत के बाद अब समाजवादी पार्टी का सारा दारोमदार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर आ गया है. हालांकि, 2017 से ही वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन मुलायम सिंह यादव के पार्टी के रहने से समय-समय पर जो मार्गदर्शन उन्हें मिलता था, उससे पार्टी के सभी गुटों को एक साथ लेकर चलने में मदद मिलती थी. साथ ही पार्टी को आगे बढ़ने में उन्हें जो सहारा मिलता था, अब वह नहीं रहा. जाहिर है अब अखिलेश के सामने कई चुनौतियां हैं,
2024 का लोकसभा चुनाव में इस बार अखिलेश को अकेले ही लड़ना होगा. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव की चुनौतियां पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह बढ़ गई हैं. पार्टी के कई सीनियर नेता अखिलेश के रवैए को लेकर खफा रहते थे, लेकिन मुलायम सिंह यादव की वजह से खुलकर अखिलेश के विरोध में नहीं आते थे, उनको अब एक साथ जोड़कर रख पाना अखिलेश के लिए मुश्किल होगा.
UP-उत्तराखंड में बीजेपी की वापसी
उत्तर प्रदेश देश को वो राज्य, जहां से सबसे ज्यादा 80 सांसद चुनकर लोकसभा में आते हैं. कहते हैं कि लोकसभा जीत का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है. 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने शानदार जीत के साथ वापसी की. 2017 में जब मोदी लहर थी, तब बीजेपी 40% के साथ सत्ता पर काबिज हुई. लेकिन अबकी बार 41% से ज्यादा वोट मिले, यानी बीजेपी ने मोदी लहर से भी अच्छा प्रदर्शन किया है.
1980 से लेकर 2017 तक बीजेपी को 40% से ज्यादा वोट नहीं मिले, लेकिन इस बार के विधानसभा में बीजेपी ने रिकॉर्ड बना दिया. सीटों की संख्या भले कम हो, लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ा. इस चुनाव में कांग्रेस और बीएसपी को बड़ा झटका लगा.
हाशिये पर बीएसपी
मायावती खुद चुनाव में कुछ खास सक्रिय नहीं दिखी, जिसका नतीजा उनकी पार्टी का वोट प्रतिशत पहली बार घटकर 12% तक जा पहुंचा, बीएसपी का रिकॉर्ड था कि चाहे अखिलेश यादव की सरकार बने या फिर मोदी की लहर हो. उसका वोट बेस कम नहीं हुआ. 2007 में बीएसपी को 30.4%, 2012 में 25%,2017 में 22% और 2019 में 19% वोट मिले. लेकिन 2022 में 12% रह गया.
उत्तराखंड में टूटा ट्रेंड
उत्तराखंड में हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है, लेकिन बीजेपी ने वापसी कर इतिहास बनाया. बीजेपी को यहां 47 सीटें मिली, तो वहीं कांग्रेस के को 19 सीटों पर जीत मिली. 2022 के चुनाव ने दो दशक पुराने मिथक को तोड़ दिया.
उत्तराखंड में अब तक 4 विधानसभा चुनाव हुए हैं,. पिछले चार चुनावों में बारी-बारी से कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में आती रही, किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीता, लेकिन बीजेपी ने इस मिथक को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सरकार बनाया.
हिमाचल में कांग्रेस की वापसी
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 1985 से चले आ रहे ट्रेंड को वोटरों ने बरकरार रखा और बीजेपी को हराकर कांग्रेस को जिताया. 68 सीटों वालों इस राज्य में कांग्रेस को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई, उसे करीब 44 प्रतिशत वोट मिले, वहीं बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई .
महाराष्ट्र में हुआ खेल?
यूपी के बाद लोकसभा में सबसे ज्यादा 48 सांसद भेजने वाले महाराष्ट्र में ऐसी सत्ता बदली कि किसी को यकीन ही नहीं हुआ. जून के महीने महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा तूफान आया कि उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा, उनके इस्तीफे के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अगले सीएम बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस होंगे, लेकिन फडणवीस ने मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर जब एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान किया तो सभी लोग हैरान रह गए. एक नाथ शिंदे की वजह से उद्धव की सरकार तो गई ही, शिवसेना पर असली हक की लड़ाई भी शुरू हो गई.
कई नेताओं को हुई जेल
100 दिन जेल में रहे संजय राउत
शिवसेना के तेज तर्रार नेता संजय राउत को करीब 100 दिन जेल में काटने पड़े. ईडी ने 31 जुलाई को राउत के ठिकानों पर छापा मारा था और अगले दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, देगा.संजय राउत की गिरफ्तारी पात्रा चॉल लैंड स्कैम केस में हुई थी. उनपर करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है, इसी साल नवंबर के महीने में वो जमानत पर रिहा हुए.
नवजोत सिंह सिद्धू को भी जेल
नवजोत सिंह क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले सिद्धू को 1 साल के कैद की सजा सुनाई गई.. नवजोत सिंह सिद्धू को जिस केस में सजा सुनाई गई है, वो मामला करीब 34 साल पुराना है.
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