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Recap : अखिलेश यादव, सीएम योगी और बिलकिस दादी से जुड़े भ्रामक दावों की पड़ताल

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

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सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले दावों में अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव का असर दिखने लगा है. कहीं बिना किसी सुबूत के दावा किया गया कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आतंकी कसाब (Ajmal Kasab) की फांसी रुकवाने वाली याचिका पर साइन किए थे. तो कहीं पुराना वीडियो शेयर कर ये झूठ फैलाया गया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के काफिले पर हमला हुआ. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल की. एक नजर में जानिए इनका सच.

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1. कसाब की फांसी रुकवाने वाली याचिका पर अखिलेश यादव के साइन?

सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में ये दावा किया गया कि अजमल कसाब की फांसी रुकवाने के लिए याचिका पर जिन 302 लोगों ने साइन किए थे, उनमें से एक अखिलेश यादव भी थे.

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

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हमारी पड़ताल में ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट या जानकारी नहीं मिली, जिससे ये साबित होता हो कि अजमल कसाब की फांसी रुकवाने के लिए राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका में अखिलेश यादव ने साइन किए थे. याचिका तैयार करने वाले वकील युग मोहित चौधरी ने भी इस दावे को गलत बताया है.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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2. केजरीवाल के साथ दिख रही अयोध्या जाती ये महिला शाहीन बाग की बिलकिस बानो हैं?

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, दावा किया जा रहा है कि दोनों तस्वीरों में दिख रही महिला वही बिलकिस बानो (Bilkis Bano) हैं, जो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन के दौरान काफी चर्चा में रही थीं.

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

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सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें अरविंद केजरीवाल के ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से किया गया 3 दिसंबर का पोस्ट मिला. 3 दिसंबर को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जा रही श्रद्धालुओं की ट्रेन को हरी झंडी दी थी.

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अरविंद केजरीवाल के फेसबुक अकांउंट से शेयर की गई फोटो

फोटो : फेसबुक/स्क्रीनशॉट


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तस्वीरों की तुलना करने पर साफ हो रहा है कि दोनों महिलाएं अलग हैं.

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

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3. योगी आदित्यनाथ के काफिले पर हुआ हमला?

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में प्रदर्शनकारी गाड़ियों के एक काफिले को रोकते और नारे लगाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के काफिले पर हमला किया गया था, जिसे किसी भी न्यूज चैनल ने नहीं दिखाया.

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

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हालांकि हमने पाया कि ये वीडियो 2017 का है, जब लखनऊ विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया था और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोका था.

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4. यूपी में धर्म परिवर्तन करते मुस्लिम परिवारों की है ये फोटो?

सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर हो रही है, जिसमें भगवा कपड़ों में एक शख्स के चारों ओर मुस्लिम (Muslim) शख्स खड़े दिख रहे हैं. फोटो शेयर कर दावा किया गया कि यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के नक्शेकदम पर चलते हुए 34 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपना लिया.

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर अब 2022 में होने जा रहे उत्तरप्रदेश चुनावों का असर दिखने लगा है

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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ये फोटो 2016 की है. तब उरी में भारतीय सैनिकों पर हमलों के बाद आतंकवाद का विरोध करने के लिए मथुरा की शाही जामा मस्जिद में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था.

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5. हथौड़े से बेरहमी से हुई पिटाई का वीडियो अल्पसंख्यकों पर हुए हमले का है ?

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में कुछ लोग एक शख्स की हथौड़े से बेरहमी से पिटाई करते दिख रहे हैं. वीडियो को अल्पसंख्यकों पर हुए हमले का बताया जा रहा है. हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो सामने आया कि इस वीडियो में जिस शख्स पर हमला हुआ है वह भी हिंदू समुदाय से है और हमला करने वाले भी हिंदू समुदाय से.

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फरीदाबाद पुलिस ने क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में पुष्टि की कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मामले की एफआईआर फरीदाबाद NIT पुलिस थाने में दर्ज हुई है, एफआईआर की कॉपी में भी सभी नाम हिंदू समुदाय से हैं.

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